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#43
चचेरी बहन की चूत चोदी क्रीम लगा के
कैसे मैंने अपनी चचेरी बहन की चूत पर क्रीम लगा के उसे उत्तेजित किया. और फिर अपने लंड से उसकी चूत का सिल तोड़ दिया.
मेरा नाम नितिन गर्ग है, मैं पानीपत हरयाणा का रहने वाला हूँ, मेरी उम्र 22 वर्ष है।
यह कहानी मेरे और मेरे चाचा जी की लड़की की है। मेरे चाचा जी की लड़की का नाम रीना है। उसकी उमर 21 वर्ष है।

यह कहानी 2 साल पहले से शुरु होती है, हम दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे, वो बीकॉम के आखिरी साल में है और मैं भी उसी की क्लास में हूँ। हम दोनों बचपन से ही अच्छे दोस्तों की तरह रहते हैं। हमारे घर में मेरे मम्मी-पापा, मेरी छोटी बहन गुड्डू है जो बारहवीं कक्षा में है और मेरे चाचा-चाची और रीना और उसकी छोटी बहन खुशी रहते हैं। हम दोनों कॉलेज में एक साथ ही जाया करते थे। वो मेरी बाइक के पीछे बैठा करती थी। वो बिल्कुल मुझसे चिपक कर बैठा करती थी।
हमारे कॉलेज में किसी को भी नहीं पता था कि हम दोनों भाई-बहन हैं। तो हम दोनों हमेंशा सबको बोलते थे कि ये मेरी गर्ल-फ्रेंड है और मैं उसका ब्वॉय-फ्रेण्ड। सभी कॉलेज के लड़के मुझसे जलते थे, क्योंकि सभी रीना को अपनी गर्ल-फ्रेंड बनाना चाहते थे। रीना देखने में बहुत ही सेक्सी थी, उसकी फिगर साइज़ 34-36-34 था। हम दोनों कैंटीन में एक साथ खाना खाते थे। कॉलेज के सभी टीचर्स भी हमें बोलते थे कि तुम्हारी जोड़ी बहुत बढ़िया लगती है। कॉलेज में यूथ-फेस्टिवल का प्रोग्राम था, तो उसमें टीचर्स ने डान्स करने के लिए हमारा नाम भी डाल दिया।
मैंने तो डान्स करने के लिए मना कर दिया था, क्योंकि मैं डान्स में थोड़ा सा कच्चा हूँ, पर रीना को पता नहीं क्या हुआ, वो मान गई।
मैं रीना को मना कर नहीं सकता था, तो मैंने भी हाँ कर दी।
रीना मुझे घर में डान्स सिखाने लग गई।
रीना को सीखाते हुए दो दिन हो चुके थे, वो बार-बार बोलती थी, हमें कुछ ऐसा करना है कि हम ही विनर बनें और मैं भी हाँ कर देता था।
रीना के साथ डान्स सीखते हुए मुझे बहुत मज़ा आने लग गया था, मेरा बहुत अच्छा टाइम-पास होने लग गया था, मैंने रीना को कभी ग़लत नज़रों से नहीं देखा था।
रीना ने आज मुझे एक नया स्टेप सिखाना था, इसमें मुझे उसे चूचों के नीचे से पकड़ कर घूमना था। जब मैंने सुना तो मैंने मना कर दिया, तो उसने मुझे समझाया कि इसमें क्या बात हो गई, इसमें क्या ग़लत है? ये सब तो आज कल चलता ही है।
तो मैंने हामी भर दी।
उसने नाइट सूट पहना हुआ था, क्योंकि हम दोनों रात को ही प्रैक्टिस करते थे। उसका सिल्की नाइट सूट को टच करते ही मेरे शरीर में एक सिहरन सी दौड़ पड़ी।
फिर मैंने अपने आप को संभाला और पहले उसके पेट पर हाथ लगाया और अपने आप को कंट्रोल किया। वो मेरी गरम सांसों को महसूस कर सकती थी। वो मेरे साथ चिपकी हुई खड़ी थी। मैंने उसके चूचों पर सीधा हाथ रख दिया और ज़ोर से पकड़ कर उसे उठाने ही लगा था कि वो चिल्लाई, “हटा हाथ… क्या कर रहा है..!”
मैंने उसके चूचों को पहली बार छुआ था, मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मुझे क्या करना है।
तो उसने मेरे हाथ पकड़े और अपने चूचों के नीचे रखवाए और बोली- यहाँ से पकड़ना है बेवकूफ़…! और मुझे ऊपर उठा कर घूमना है। ओके.. समझ गया न…!
मेरा लण्ड उसके कूल्हों के स्पर्श से खड़ा हो चुका था, मुझे भी नहीं समझ आ रहा था कि आज यह क्या हो रहा है।
मेरा लण्ड का स्पर्श का अहसास उसे भी हो चुका था इसलिए वो भी अटपटा महसूस कर रही थी, पर उसने मुझे शो नहीं होने दिया कि उसे ऐसा कुछ लग रहा है।
मैंने 3-4 बार में सही किया, वो बहुत खुश थी और उसने मुझे प्यार से मेरे चेहरे पर चूमा और बोली- लव यू भैया..!
और मैंने भी उसे स्माइल दी और बोला- नेक्स्ट टाइम, पहली बार में ही सही करूँगा।
फेस्ट का दिन आने ही वाला था और उसके ऊपर बर्डन बढ़ता ही जा रहा था।
अगले दिन हमने पहले पिछले डान्स की प्रैक्टिस की और फिर आगे की तैयारी शुरु कर दी। आज मुझे उसको पीछे कूल्हों पर से पकड़ कर ऊपर उठाना था, जो हमारे डान्स का अन्तिम स्टेप था।
यह स्टेप करने से पहले हम दोनों को गले मिलना था और मेरे गले मिलते ही मेरे लण्ड का स्पर्श उसकी चूत पर हो गया, उसको भी थोड़ा अजीब लगा।
वो बोली- कंट्रोल कर..!
यह बात सुन कर मैं उससे दूर हो गया। मुझे बहुत शर्म आ रही थी क्योंकि वो मेरी चाचा जी की लड़की है।
मैंने उसे बोल दिया- मुझसे नहीं होगा यह डान्स..!
तो वो बोली- भाई प्लीज़ ऐसा मत बोल..!
और मेरे पास बैठ गई और बोली- अब तो कर ले, पर प्लीज़ स्टेज पर कंट्रोल कर लियो..!
मैंने भी हामी भर दी और लग गया प्रैक्टिस करने, वो बहुत खुश थी।
मैंने उसको उसके कूल्हे पर से पकड़ लिया तो वो बड़े प्यार से बोली- नीचे से पकड़ न..!
और मैंने और नीचे से पकड़ कर उठाया तो उसके चूचे बिल्कुल मेरे मुँह के सामने थे।
मैं उनकी खुशबू महसूस कर सकता था।
तभी उसने मुझे कोहनी मारी- बस उठा कर भागेगा क्या… नीचे उतार दे अब तो..!
मैंने उसे नीचे उतार दिया और हम अपने अपने कमरे में सोने के लिए चले गए।
अगले ही दिन कॉलेज में हमारा डान्स था और सुबह हुई तो मैं अपने दोस्तों के साथ घूमने चला गया।
रीना मेरा घर पर इन्तज़ार करती रही, मैं रात को घर आया, वो मुझ पर बहुत गुस्सा थी, वो मुझसे ढंग से बात भी नहीं कर रही थी।
मैं भी सोने चला गया, पर मुझे नींद नहीं आ रही थी, तो मैं रात को 12 बजे उसके कमरे में चला गया।
वो बहुत सुंदर लग रही थी, मैंने उसको उठाया- उठ जा… अब सारा गुस्सा आज ही निकालना है, थोड़ा बाद के लिए भी रख ले…!
वो मुझे देख कर चौंक गई और बोली- इतनी रात को तू यहाँ पर क्या कर रहा है?
मैंने बोला- प्रैक्टिस नहीं करनी तूने?
तो वो खुश हो गई और बोली- भाई इतनी अच्छी नींद आई हुई थी, सपनो में हमने अवॉर्ड भी जीत लिया था।
तो मैंने उसे समझाया- सपनों में नहीं, हम सच में जीतेंगे।
और प्रैक्टिस शुरू कर दी।
मैंने जीन्स पहनी हुई थी तो मुझसे सही से घूमा नहीं जा रहा था, तो वो बोली- भैया चेंज कर लो।
मैंने चेंज करने जाने लगा, तो वो बोली- भैया दस मिनट की ही तो प्रैक्टिस करनी है, विदाउट जीन्स कर लो।
मैंने जीन्स उतार दी और मैंने डान्स शुरु कर दिया। मेरे अंडरवियर में से उसे मेरे लण्ड की लम्बाई साफ़ दिख रही थी और उसकी भी आँखें नींद से खुलने लग गई थीं।
जब मैंने उसको चूचों से पकड़ कर उठाया, तो मेरे हाथ उसको चूचों को अपने आप मसले जा रहे थे। उसने ब्रा नहीं पहनी हुई थी। मेरा मन कर रहा था कि आज बस मसलता रहूँ… पता नहीं मुझे क्या हो गया था।
जब मैं उसको पीछे से उठाने लगा, तो मेरा लण्ड अंडरवियर से बाहर आने को हो रहा था।
उसकी चूत पर मेरा लण्ड डान्स के नए-नए स्टेप कर रहा था।
जब मैंने उसको पीछे से हाथ लगाया तो पता लगा कि उसने पैन्टी नहीं पहनी है।
तो मैंने उससे पूछ ही लिया- आज तुम्हें टच करने से कुछ अलग सा लग रहा है।
तो वो हँस कर मुझे टालने लगी।
मैंने दोबारा पूछा, तो उसने बताया- आज मैंने ब्रा और पैन्टी नहीं पहनी क्योंकि मुझे रात को पहनना अच्छा नहीं लगता।
और रीना ने मुझसे भी शरमाते हुए पूछ लिया- आज तुम्हें क्या हुआ है?
मैंने बोला- मैं कुछ समझा नहीं?
तो उसने मेरे लण्ड की तरफ़ इशारा करते हुए पूछा, तो मैंने बोला- ये तो ऐसे ही रहता बस तुम्हें जीन्स के अन्दर से दिखता नहीं है।
यह सुन कर वो हँसने लगी और हम अपने-अपने कमरे में सोने लिए चले गए।
उस रात मुझे नींद नहीं आ रही थी। मैंने पहली बार उसके नाम से मुठ मारी और तब जाकर मुझे नींद आई।
उसी दिन कॉलेज में जब हम दोनों गए, तो सबको हम से उम्मीदें थीं कि यही दोनों जीतेंगे और हुआ भी ऐसा ही।
हमने स्टेज पर बहुत अच्छा परफॉरमेंस दिया और सभी हमारी केमिस्ट्री को देख कर खुश थे।
हमें प्रथम पुरुस्कार मिला मिला।
जब हम घर आए, तो आते ही उसने मुझे चुम्बन करना शुरु कर दिया और बोली- नितिन आई लव यू…!
उसने पहली बार मुझे मेरे नाम से बुलाया था।
अब कॉलेज में हमारा नाम सबकी जुबान पर आने लग गया था, नितिन-रीना !
और घर पर सब लोग बहुत खुश थे, जब हम घर पर वापिस पहुँचे तो रीना के लिए एक बहुत ही बड़े घर से रिश्ता आया हुआ था।
रीना को यह सुन कर बहुत दु:ख हुआ और उसने मुझे गले से लगा लिया।
जब मैं उसके कमरे में गया तो वो बोली- अभी तो मेरा कॉलेज भी कम्प्लीट नहीं हुआ और मेरे रिश्ते की बात चल रही है।
मैं उसे छेड़ रहा था कि ‘मेरी प्यारी बहनिया बनेगी दुल्हनिया !’
पर वो नाराज़ थी, दो दिन उसने किसी से बात नहीं की।
जब मैंने उससे पूछा- तो उसने बताया कि मुझे नहीं करनी शादी…!
तो मैंने उसे समझाया कि पूरी सेक्सी बन कर जा उसके सामने और उसे बोल दियो कि मेरा किसी और के साथ अफेयर चल रहा है, तो वो मान जाएगा।
रीना बोली- अगर वो ना माना तो?
तो मैंने उसे बताया, कि तू पहले उससे कहीं बाहर होटल में मिल ले और पूरी सेक्सी बन कर उसके सामने जा।
तो वो बोली- भैया सेक्सी बनने का क्या फ़ायदा…!
तो मैंने उसे समझाया- सेक्सी दिखने से उसे लगेगा कि हाँ कोई ना कोई तो होगा ही इसका ब्वॉय-फ्रेण्ड…!
वो खुश हो गई और पूछने लगी- भैया, तुम लड़के सबसे पहले एक लड़की में क्या देखते हो?
तो मैंने उसे बताया- उसके उभार..!
तो वो बोली- मेरे तो छोटे से हैं और शेप भी अच्छी नहीं है..!
तो मैंने हँस कर बोला- मुझे क्या पता.. मैंने कौन सा देखे हैं?
तो वो बोली- देखने में कोई कसर भी नहीं छोड़ी… इतनी बुरी तरह से मसले थे आपने..!
तो वो बोली- बताओ भी भैया अब क्या करूँ?
तो मैंने उसे बताया- छोटी ब्रा पहन लियो और उसे नीचे से टाइट करके बाँध लेना, तो तेरे चूचों का उभार बाहर आ जाएगा।
वो समझ गई और उसने अगले दिन उस लड़के को होटल में बुला लिया।
और वो सुबह-सुबह मेरे कमरे में आ गई और दरवाजा बन्द करके बोली- मुझ से नहीं हो रहा, आप ही कर दो।
तो मैंने उसे समझाया- मैं कैसे कर सकता हूँ?
तो उसने तभी अपनी शर्ट उतार दी और ब्रा और जीन्स में मेरे सामने खड़ी हो गई।
मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ।
तो रीना बोली- भैया आप ही तो बोल रहे थे कि मैंने कौन सा देखे हैं.. तो देख लो और मैं तो तुम्हारी बहन हूँ, तुम मेरे लिए कुछ ग़लत तो नहीं कर सकते हो।
तो मैंने उसकी ब्रा उतार दी और और उसके चूचों को देखते हुए बोला- नाइस बूब्स।
तो वो खुश हो गई और मैं उसके चूचों को मसलने लगा।
वो ‘आह-आह’ करने लग गई, उसे बहुत मज़ा आ रहा था।
मैंने उसके चूचों को चूसना शुरु कर दिया
तो रीना बोली- यह क्या कर रहे हो…!
तो मैंने उसे बताया- इससे तुम्हारे चूचे बिल्कुल सीधे हो जाएँगे।
फिर मैंने उसे अपने हाथों से ब्रा पहनाई और और उसे समझा कर होटल में जाने के लिए बोल दिया कि उसे क्या करना है।
वो जब वापिस आई तो बहुत खुश थी। वो मान गया था और उसने अपने घर बोल दिया कि उसे रीना पसंद नहीं है।
यह सुन कर हमारे घर वालों भी बहुत बुरा लग रहा था और जब रीना किसी से बात नहीं कर रही थी तो उन्हें लगा कि रीना बहुत परेशान है और उन्होंने मुझे बोला कि रीना को कहीं घुमा लाऊँ।
मुझे और क्या चाहिए था..!
तो हम सभी कॉलेज के दोस्तों ने मिल कर शिमला जाने का प्लान बनाया।
रीना बहुत खुश थी। उसकी भी सभी फ्रेंड्स जा रही थीं, जो सभी किसी ना किसी के साथ सम्बन्ध बनाये (कमिटेड) थीं।
एक टूरिस्ट बस तय की गई थी, जिसमें सभी जोड़े थे। बस बहुत ही अच्छी थी, वॉल्वो बस थी, हर एक सीट के साथ पर्दे लगे हुए थे।
हमने भी और जोड़ों की तरह परदा कर लिया।
साइड वाला कपल किस करने में लगा हुआ था, यह देख कर रीना भी खुश हो रही थी और अपने चूचों को हाथ लगा रही थी।
तो मैंने उससे पूछ लिया- क्या हुआ?
तो उसने बताया- तुम्हारी मालिश याद आ गई थी।
यह सुन कर मैंने तभी उसके चूचों को दबाना शुरु कर दिया और उसका टॉप को भी उतार दिया।
उसने मेरा हाथ पकड़ा और बोला- यहाँ नहीं शिमला जाकर..!
मुझ पर कंट्रोल नहीं हो रहा था, तो मैंने उसकी ना सुनते हुए, उसके थोड़ी देर तक चूचे चूसे।
मैं नहीं मानने वाला था, पर जब उसकी फ्रेंड आकर बोली- बस कर, थोड़ा दूध वहाँ जाकर भी पिला दियो।
तो मुझे शर्म के मारे हटना पड़ा।
शाम के करीब 5 बजे हम, सभी अपने होटल में पहुँच गए, जहाँ पर हमारे रूम पहले से ही बुक थे। सभी जोड़े अलग-अलग रूम में थे।
इस पर रीना ने ऐतराज़ किया, पर वो ज़्यादा बोल ना सकी।
उसे लगा मैं कैसे बोलूँ कि मैं इसकी गर्ल-फ्रेंड नहीं हूँ।
मैं रास्ते में बहुत थक चुका था और जाते ही बेड पर लेट गया।
वो बोली- मैं तो नहाने जा रही हूँ और मुझे कहा कि किसी अच्छी मूवी की सीडी ले आ।
तो मैंने बोला- ओके..!
और तभी मेरा फ्रेंड वहाँ पर आ गया और मुझे कंडोम और ब्लू-मूवीज की सीडी दे गया।
मैंने उसे बहुत मना किया, पर वो जबरन रख गया, मैंने वहीं बेड के पास रख दीं।
रीना जब नहा कर आई तो सिर्फ़ एक गाउन पहन कर आई, जो कि सिर्फ़ उसके घुटने तक ही आता था। वो बहुत सेक्सी लग रही थी। उसकी टांगें इतनी सुंदर थीं, मन कर रहा था कि अभी इनको पकड़ लूँ।
तभी उसने मुझे बोला- जा.. नहा आ..!
मैंने मना किया, तो उसने बोला- मुझे चेंज करना है।
यह सुन कर मुझे जाना पड़ा।
मैंने बाथरूम में जाकर उसके नाम की मूठ मारनी शुरु ही की थी, तभी मुझे एक छेद दिखा, मैंने उसमें से बाहर देखा, तो मैं सन्न रह गया।
रीना बिल्कुल नंगी मेरी नज़रों के सामने खड़ी थी। उसने गाउन भी नहीं पहना था। मैंने उसकी चूत आज पहली बार अपने सामने देखी थी।
क्या गोरी चूत थी रीना की… एक भी बाल नहीं…!
ऐसा लग रहा था, जैसे मेरे लिए ही क्लीन शेव कर रखी हो।
वो अपने नंगे बदन पर क्रीम लगा रही थी, अपनो चूचों को बड़े प्यार से मसल रही थी और सिसकारियाँ भर रही थी- आहह आहह..!
इधर मेरी हालत पतली होती जा रही थी।
तब उसने वो सीडी प्ले की और अपना गाउन डाल लिया।
उसे अभी अपने कपड़े पहने ही थे कि वो ब्लू मूवी देख कर हैरान हो गई और ध्यान से देखती रही। शायद वो ऐसी मूवी पहली बार देख रही थी।
मैं नहा कर आने की एक्टिंग करने लगा और अंडरवियर में ही बाहर आ गया।
तभी वो उठी और टीवी बँद करने लगी थी, तभी मैंने पूछ लिया- क्या बात हुई..?
वो शरमा कर एक साइड में बैठ गई। मैं बिना कुछ बोले बाथरूम से तेल लेकर आया और अपने अंडरवियर के अन्दर से ही अपने लण्ड पर लगाना शुरु कर दिया।
वो मुझे देख रही थी, मुझसे थोड़ी देर में पूछने लगी- यह तुम क्या कर रहे हो?
तो मैंने उसे बताया- जैसे तुम्हारे चूचों की मालिश करनी पड़ती है, वैसे ही इसकी भी करनी पड़ती है।
मैंने उससे पूछा- तुम्हारी भी मालिश कर दूँ?
तो वो पहले तो मना कर रही थी, फिर बोली- चल कर दे..!
मैंने कहा- गाउन तो उतार दे..!
तो वो बोली- मैंने नीचे भी कुछ नहीं पहना हुआ है।
तो मैंने उसे समझाया- सिर्फ़ ऊपर-ऊपर से ही करूँगा।
तो वो राज़ी हो गई, वो बेड पर लेट गई, टीवी की तरफ मुँह करके। वो मूवी को देख रही थी और मैं उसकी कमर की मालिश कर रहा था।
रीना को मज़ा आने लगा था, उसने मुझसे पूछा- यह मूवी तुम कहाँ से लेकर आए?
तो मैंने उसे बताया- अंकित देकर गया है।
‘उसने क्या करना है इस मूवी का?’
तो मैंने बताया- अरे कपल हैं यार, सेक्स करने आए हैं और क्या..!
तो रीना ने मुझसे पूछा- क्या तुमने कभी किसी के साथ किया है?
तो मैंने ना बोल दिया, क्योंकि मैंने इससे पहले कभी किसी के साथ चुदाई नहीं की थी।
मुझे तो पता ही था कि आज मुझे कुँवारी चूत मिलने वाली है।
वो मुझसे पूछती- क्या तुमने ऐसी मूवी पहले कभी देखी है?
तो मैंने बता दिया- देखी है तीन चार-बार..!
तो वो बोली- हट गंदे..!
तो मैंने उसे समझाया- यार तुम 18+ हो गई हो, यू आर एन अडल्ट..तुम ये सब कुछ कर सकती हो, कोई प्राब्लम नहीं है..!
‘और अगर कुछ उल्टा सीधा हो गया तो..?’
उसे बहुत बहुत छोटी-छोटी बातें बतानी पड़ रही थीं- कुछ नहीं होता, सेफ्टी प्रयोग करो तो कोई ख़तरा नहीं है।
तो मैंने उसे कंडोम खोल कर दिखाए जो अंकित दे कर गया था।
उसने पूछा- इसका क्या करना है?
तो मैंने अपना अंडरवियर नीचे करता हुआ उसे बोला- इसे इसके ऊपर चढ़ाते हैं।
तो मेरा 9″ लंबा लण्ड देख कर बोली- इतना बड़ा…!
तभी रीना ने मूवी में देखा और बोली- ये तो मूवी में जैसे उस लड़के का है, ये तो उससे भी बड़ा है।
तब मैंने उसे समझाया- यही तो मर्दों की शान होती है।
उसके लिए सब कुछ अजीब सा था। उसे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि क्या हो रहा है, उसे क्या करना है।
वो कंडोम को हाथ में लेकर बैठी थी और सोच रही थी, इसे लण्ड के ऊपर कैसे चढ़ाते हैं? तब मैंने उसका हाथ पकड़ा और कन्डोम को चढ़ाने में उसकी मदद की।
उसके हाथ का स्पर्श मैंने अपने लण्ड पर पाते ही जैसे निहाल हो गया, मेरे सारे पाप धुल गए, मुझे भगवान से कुछ और नहीं चाहिए था।
पर कहते हैं ना देने वाला, जब भी देता है छप्पर फाड़ कर देता है। वही मेरे साथ भी हुआ।
वो मचल उठी और उसने मेरा लण्ड दबा दिया। मैं अपने आपको संभाल नहीं पा रहा था और मैंने उसके चुचूकों को अपने मुँह में भर लिया और उसे बिस्तर पर लेटा दिया। मैंने अपना कन्डोम उतार दिया, फिर मैं उसके पूरे जिस्म को चाटने लगा।
उसकी चूचियों को चूसते वक़्त मुझे ऐसा लगा कि मानो मैं स्वर्ग में हूँ…!
एकदम गोरी चूचियाँ, भूरे और कड़क चुचूक..!
फिर मैंने उसकी नाभि पर चूमा।
रीना मुझे बोलने लगी- ये जो हम कर रहे हैं, शायद ठीक नहीं है।
तब मुझे गुस्सा आ गया, मुझे ऐसा लगा, जैसे कोई खड़े लण्ड पे डंडा मार रहा हो, मैं बोला- क्या साली नखरे कर रही है, मेरा लण्ड खड़ा करके…!
वो भी थोड़ा तुनक कर बोली- अच्छा, तो अब मैं आपकी साली हो गई?
फ़िर मुस्कुराने लगी।
मैंने हँसते हुए कहा- तो क्या तुम मुझे बहनचोद बनाना चाहती हो?
इस बार वह सेक्सी अंदाज़ में बोली- आप मुझे रंडी बना रहे हो, तो कोई बात नहीं और मैं आपको बहनचोद भी ना बनाऊँ?
और वो मेरे से सट गई।
मैंने उससे नज़र मिला कर कहा- मैं तो तुम्हें अपनी रानी बना रहा हूँ जान, रन्डी नहीं, पर तुम्हारे लिए बहनचोद, क्या तू जो बोल वही बन जाऊँगा मेरी प्यारी रीना।
मैं फ़िर उसके होंठ, गाल चूमने लगा, वो साथ देते हुए बोली- थैंक्स नितिन भैया।
रीना थोड़ा गर्म होने लगी थी, बोली- अब छोड़ो ये सब बात और चलो शुरु करो नितिन भैया, जैसा सीडी में चल रहा है, मुझे वैसे ही करना है।
मुझे यह सुनकर मजा आया- क्या शुरु करे तुम्हारा नितिन भैया… जरा ठीक से तो कहो मेरी बहना..!
मेरा हाथ अब उसकी दाहिनी चूची को मसल रहा था, एक बार फ़िर मैंने पूछा- बोल न.. मेरी बहना, क्या शुरु करे तुम्हारा भैया…! बात करते हुए ज्यादा मजा आएगा मेरी जान..! इसलिए बात करती रहो, जितना गंदा बोलोगी, तुम्हारी चूत उतना ज्यादा पानी छोड़ेगी। अब जल्दी बोलो बहन, क्या शुरु करूँ मैं?
उसकी आँखें बन्द थी, बोली- मेरी चुदाई…
‘चुदाई या तेरी चूत की चुदाई?’
‘मेरी चूत की चुदाई…!’ वह बोली।
वो मेरे सामने गाउन में थी, मैंने उसे निकाल फेंका, अब वो जन्मजात नंगी थी, मेरे सामने उसका बदन देख कर मेरा लण्ड उसकी चूत में जाने के लिए बेताब हो रहा था।
मैंने किसी तरह खुद पर काबू रखा और उसकी चूत पर अपना मुँह सटा दिया।
एक भी बाल नहीं था चूत पर…! गुलाबी चूत के ऊपर लाल रंग का भगनासा को देख कर मैंने उसे अपने मुँह में ले लिया और उसका रसपान करने लगा।
क्या चिकनी बुर है। इसे तो मैं जी भर कर चूसूंगा उसके बाद चोदूंगा।
क्या मस्त कसैला स्वाद था। मेरा मुँह पूरा कसैला स्वाद से भर चुका था, पर मुझे बहुत मजा आ रहा था।
उसकी हालत मुझसे भी ज्यादा पतली थी और वो ‘आह उह’ करके सिसकारियाँ भर रही थी।
अचानक ही उसने मेरे बाल पकड़ कर अपनी चूत से मेरे मुँह को सटा लिया और जोर-जोर से कमर उछालने लगी।
वो स्खलित हो रही थी और मेरे मुँह पर अपना सारा माल निकाल रही थी।
मुझे थोड़ा अजीब लगा, पर उसकी गंध मुझे बहुत अच्छी लगी और मैंने उसे चाट लिया।
मैंने थोड़ी सी क्रीम लेकर उसकी चूत पर लगा दी, उंगली अन्दर-बाहर करके क्रीम उसकी चूत के अन्दर भी लगा दी।
उंगली बड़ी दिक्कत से अन्दर जा रही थी।
थोड़ी देर बाद मैंने दो उंगलियाँ अंदर करनी शुरु कीं और मुझे कामयाबी मिल गई। जब मैंने अपनी दो ऊँगली जाने के लिए पर्याप्त रास्ता बना लिया तो मैं चुदाई के लिए तैयार था।
अब मैंने अपने लण्ड को उसकी चूत पर जैसे ही रखा, उसके मुँह से सिसकारी छूट पड़ी और वो कहने लगी- हाय राम…! इतना बड़ा मेरी में नहीं जाएगा…!
मैंने कहा- ठण्ड रखो डार्लिंग… आराम से जायेगा.. बस हल्का सा सब्र रखो…!
फिर मैंने अपने लण्ड का सुपारा उसके चूत के दरवाजे पर सटा कर हल्का सा धक्का दिया। चूत चिकनी होने के कारण मेरा सुपारा ‘गप्प’ करके उसकी चूत के अन्दर चला गया और वो चिहुंक उठी, उसने कहा- निकाल लो..!
पर मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने उसके चुचूक को अपने मुँह में लेकर एक और धक्का लगा दिया और मेरा आधा लण्ड उसकी चूत में चला गया। उसकी आँखों से आँसू निकलने लगे और वो कहने लगी- मुझे छोड़ दो..!
मैं नहीं माना और मैंने और एक धक्का जड़ दिया, वो और जोर से रोने लगी।
और मैंने उसकी परवाह न करते हुए एक जोरदार झटका मारा और पूरा लण्ड उसकी चूत में पेल दिया। उसकी चूत से खून निकलने लगा और मैं उसी मुद्रा में उसके चुचूक चूस रहा था।
थोड़ी देर बाद उसका दर्द कम हुआ तो मैंने अपना पूरा लण्ड बाहर निकाल लिया और फिर से सैट करके एक धक्के में आधा लण्ड पेल दिया। दूसरे धक्के में लण्ड पूरा अन्दर था और वो चिल्ला रही थी- आह उह..!
पर वहाँ उसकी पुकार सुनने वाला कोई नहीं था, मैं इत्मीनान से धक्के मार रहा था।
इस बार मैंने अपना लण्ड फिर से बाहर निकाला और एक ही धक्के में पूरा पेल दिया, अब लण्ड के जाने का रास्ता बन चुका था। फिर मैंने धीरे-धीरे अपनी गति बढ़ा दी। अब मेरा लण्ड आराम से अन्दर-बाहर हो रहा था और वो वह गांड उछाल-उछाल कर साथ दे रही थी। पूरा कमरा फ़च्छ-गच्च्छ की आवाजों से गूंज रहा था।
वो मजे ले रही थी और बोल रही थी- वाह नितिन वाह… क्या लण्ड पाया है… बहुत मजा आ रहा है… चोदो और चोदो… फाड़ डालो मेरी चूत को आह्ह्ह… येआ आह्ह आआस्स्श… ऊउह्ह…!
फिर करीब 30 मिनट के बाद मेरा लण्ड अकड़ने लगा और उसकी चूत भी अकड़ने लगी और हम दोनों ने अचानक ही एक-दूसरे को जोर से जकड़ लिया। हम दोनों एक साथ स्खलित हुए और मैंने अपना सारा माल उसकी चूत के अन्दर छोड़ दिया और वो अपनी गांड को गोल-गोल घुमा कर मेरा रस अपनी चूत में लेने लगी।
हम दोनों इसी अवस्था में लेटे रहे और जब हम उठे तो देखा कि चादर पर बहुत सारे खून के धब्बे हैं।
तब रीना बोली- रूम सर्विस से दूसरी मंगवा लेते हैं।
तो मैंने उसे समझाया- ये तो अभी दो दिनों तक ऐसे ही चलना है।
हम दोनों उसके बाद खुल कर बेहिचक और बेझिझक एक दूसरे के साथ मस्ती करने लगे।
पिछले चार महीने में हम दोनों ने सैकड़ों बार चुदाई का खेल खेला।
कुछ नया ऐसा न हुआ कि आप सब को बताया जाए।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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