Thread Rating:
  • 4 Vote(s) - 2 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery शादी
#3
चूंकि दोनों ही सहेलियां अब तक अपना लगभग हर काम एक जैसा और एक साथ करती आईं थीं तो जाहिर था कि अब बारहवीं खत्म होने के बाद दोनों एक ही कॉलेज में और एक ही विभाग में अपना नाम भी लिखवाना चाहती थीं। दोनों के मां बाप भी इस बात से काफी खुश थे कि अगर दोनों एक दूसरे के साथ रहेंगी तो इनके घरवालों को भी इनकी थोड़ी कम चिंता होगी जो इस उम्र की हर लड़कियों के मां बाप को ना चाहते हुए भी रहती ही है।

अब बात आई कॉलेज और विषय तय करने की तो बहुत मुश्किल से दोनों कॉमर्स पर आ कर मानी। जहां भव्या को कॉमर्स काफी पसंद था वहीं नीतिका के लिए ये सब समझना थोड़ा मुश्किल था लेकिन साथ रहेंगी ये सोच कर दोनों ही तैयार थीं। जब कॉलेज की बात आई तो उस वक्त उस एक साधारण से शहर में कुछ ही गिने चुने कॉलेज थे जो कॉमर्स की अच्छी पढ़ाई के लिए जाने जाते थे लेकिन मुसीबत ये थी कि वे सारे ही कॉलेज co -education वाले थे यानी कि जिसमें लड़के और लड़कियां दोनों ही थे।

कॉलेज का co-education होने की वजह से नीतिका के घरवाले शुरू में थोड़ा हिचकिचाए लेकिन फिर बच्ची का अच्छा फ्यूचर सोच कर मान गए। दूसरी ओर भव्या के घर में तो मानो तूफान ही आने वाला था क्योंकि ये ना तो उसकी दादी चाहती थीं और ना ही उसका बड़ा भाई, विवेक। विवेक दिल का बुरा नहीं था लेकिन उसकी सोच भी बस आम भाइयों जैसी थी जिसकी वजह से वो अपनी बहन को उस दुनिया से दूर रखना चाहता था।

भव्या के कहने की वजह से नीतिका ने विवेक को काफी समझाया और तैयार किया ताकि वो घर में बांकी सभी को भी मना पाए। नीतिका और विवेक का रिश्ता भी अक्सर मिलने जुलने की वजह से काफी अच्छा था, नीतिका भी चूंकि उसका कोई खुद का बड़ा भाई नहीं था तो वो भी उसे ही बहुत मानती और इज्जत करती थी। वहीं विवेक भी उसका अपनी छोटी बहन भव्या की तरह ही खयाल भी रखता था। यही वजह भी थी कि नीतिका ने जब co-education वाले कॉलेज को लेकर मना नहीं किया तो वो उससे भी काफी नाराज़ था।

नीतिका - क्यों, इतना नाराज़ हो रहे हैं आप भैया, जबकि आप भी अच्छे से जानते हैं कि वो कॉलेज काफी अच्छा है।

विवेक (थोड़ा गुस्से में)- तुम लोगों को समझ नहीं आता, अभी तक तुम लोगों की दुनिया बस तुम्हारे स्कूल से ले कर तुम्हारे चाट और गोलगप्पे की दुकान तक की ही है ना, इसीलिए.....
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
Like Reply


Messages In This Thread
शादी - by neerathemall - 29-10-2021, 05:26 PM
RE: शादी - by neerathemall - 29-10-2021, 05:27 PM
RE: शादी - by neerathemall - 29-10-2021, 05:27 PM
RE: शादी - by neerathemall - 01-11-2021, 10:38 PM



Users browsing this thread: 1 Guest(s)