26-04-2019, 04:12 AM
मैं बिस्तर पर जाकर सो गया। फिर दीदी ने आलमारी से अपनी नाईटी निकाली और कमरे का दरवाज़ा बन्द कर लिया, उसने साड़ी उतारी। वाऊ… क्या बद़न था। वह देखकर तो मैं पागल ही हो गया और मेरा लंड उछाल मारने लगा। उसने अपनी ब्लाऊज़ निकाली और बाद में अपनी पेटीकोट भी निकाल दी। वह मेरे सामने सिर्फ ब्रा और पैन्टी में खड़ी थी।
उसे उस हालत में देखकर तो मैं पागल ही हो रहा था। लेकिन वह मेरी दीदी थी, इसलिए नियंत्रण कर रहा था। मुझे डर भी लग रहा था कि मैं कुछ कर ना बैठूँ और दीदी को गुस्सा आ गया तो मेरी तो शामत आ जाएगी। उसने नाईटी पहन ली। उसकी नाईटी पारदर्शी थी, जिसमें से उसका सारा जिस्म नज़र आ रहा था
उसे उस हालत में देखकर तो मैं पागल ही हो रहा था। लेकिन वह मेरी दीदी थी, इसलिए नियंत्रण कर रहा था। मुझे डर भी लग रहा था कि मैं कुछ कर ना बैठूँ और दीदी को गुस्सा आ गया तो मेरी तो शामत आ जाएगी। उसने नाईटी पहन ली। उसकी नाईटी पारदर्शी थी, जिसमें से उसका सारा जिस्म नज़र आ रहा था
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
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