20-10-2021, 03:55 PM
उषा भाभी धीमे धीमे चलकर महंंथ के पास आकर खरी ही हुइ थी कि,मह़थ ने एकहाथ बढाकर उषा भाभी को उनकी एक हाथ पकर कर अपनी गोद में खिंच कर बैठा लिया,खिंचने के क्रम में ऊषा भाभी कि सारी जो सिर्फ शरीर पर था अस्तव्यस्त हो कर उनकी कमर पर ही रह गई,ऊनकी चूंचिया एक दम नंगी हो गई थी,पर महंथ अपने हाथों में पकर कर कर मसलने लगा।वाह तोहार चूंची त बरा मस्त बा बहिनी।लागता भतार जम के मजा लूटेला।फिर भाभी कि गर्दन अपनी ओर घुमा के ऊनके होठो को अपने मुंह में लेकर चुभलाने काटने लगा।दो तीन मिनट तक भाभी को अपनी बांहो में चाप कर मनमानी करता रहा।अब ऊसने मेरी और सीमा के ऊपर निगाह डाली और हमलोगों के तरफ ईशारा कर भाभी से पुछा,ई दोनों तोहार के लागेलन। जी ई हमार चचेरी ननद बानी ,भाभी सीमा कि ओर ईशारा कर बोली और ई मीरा बानी सीमा कि सहेली महल्ला एके बा।माथे में सिन्दूर बा एकर मतलब दूनो शादीशुदा बारी।जी महंथ। जी भाभी ने जबाब दिया ।महंथ जी हम होखेब दूसरा ला तोहार त हम भाईए बानी अब से भैया कहके बात कर।फिर भाभी के स्तनो को अपने दोनो हाथो में कसकर चांपते हुए पुछने लगा,अच्छा ई बताव बहिन कि ईहो दूनो ई धंधा करेलन कि।भाभी प्रतिकार करती हुई बोली ना भैया ,हमनी के ई सब ना करेलीं।तत्काल बलवंत जो मामी के मूंह मे लौरा डाल के मुंहचुदाई कर रहा था,एक झटके से अपना लंड मामी के मुंह से खिंचकर आगे आया और भाभी को कहने लगा,बुरचोदी छीनार,शाली बहन की लौंडी,झूठ काहे बोलती है ,भोंषरी दो बार त हमहीं तोहरा के पकरले रहीं पांरे बाबा के ढाबा पर,एके संगे दू दू गो लौरा धंसवावत रहे अपना बूर गांर में ,बोल रंडि झूठ बोलत हईं कि।