25-04-2019, 02:06 PM
"सिर्फ एक बार करना है तो बिलकुल नहीं" । "क्यों दीदी" अब तक उसका लण्ड मेरी चूत मैं अपना पूरा रस निचोड़ कर बाहर आ गया था । मैंने उसे झटके देते हुए कहा, "अगर एक बार बोलूँगी तब तुम अभी ही मुझे एक बार और चोद लोगे" "हाँ दीदी" ।"ठीक है बाकी दिन क्या होगा । बस मेरी देखकर मुठ मारा करेगा क्या । और मैं क्या बाहर से कोई लाऊंगी अपने लिये । अगर सिर्फ़ एक बार मेरी लेनी है तो बिलकुल नहीं" ।उसे कुछ देर बाद जब मेरी बात समझ मैं आयी तो उसके लण्ड में थोड़ी जान आयी और उसे मेरी चूत पड़ा रगड़ते हुए बोला, "ओह दीदी यू र ग्रेट" ।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
