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Adultery Exbii_पुराणी कहानियों का संग्रह
#4
अगले दिन सुबह करीब बजे राजेन्द्र गाय को पाल खिलाने ले जाने के लिए आया और मुझे भी साथ चलने को कहा। मुझे तब तक समझदारी नहीं थी कि यह पाल खाना क्या चीज है? पहले तो पापा ने मुझे मना कर दिया। राजेन्द्र बोला कि जाने दीजिए मालिक, इसी बहाने सुबह में बऊआ जी टहल लेंगें, गाँव आएँ हैं तो थोड़ा गाँव को देखने समझने दीजिए। तब मम्मी ने पापा से कहा कि हाँ जाने दीजिए , जब से आया है घर में बैठा हुआ है, थोड़ा घुमे टहलेगा।


पापा-"ठीक है घुमे टहले, पर अभी गाय पाल खाने जा रही है तो वहाँ जा कर क्या करेगा?"

मम्मी-"करेगा क्या, देखे समझेगा यह सब भी। लड़का जवान हो रहा है तो जरा सीखने समझने दीजिए यह सब भी।"

पापा कुछ नहीं बोले और मैं राजेन्द्र के साथ चल पड़ा।


रास्ते में राजेन्द्र ने मैंने कुछ बातें पूछी समझी।


मैं-"राजेन्द्र, आखिर पाल क्या चीज है कि उसको खिलाने हमलोग कि०मी० पैदल जाएँगे?"

राजेन्द्र-"बऊआ जी, जब यह बाछी पाल खाएगी तब उसको बाछा या बाछी होगा फ़िर वो दूध देगी। पाल घास-भूसा जैसा कुछ मुँह से खाने वाला चीज नहीं है"

मैं-"मतलब, तब कैसे खाने वाली चीज है?

राजेन्द्र-"हमको पता था कि आपको यह सब नहीं मालूम इसीलिए साथ लाए हैं। हमरे गाँवे में आपसे बहुत छोटा उमर की लड़की तक को पता होगा कि गैया पाल कैसे खाती है"


मै-"हाँ तो अब बताओ , कैसे पाल खाया जाता है"

// सुनील पंडित // yourock
मैं तो सिर्फ तेरी दिल की धड़कन महसूस करना चाहता था
बस यही वजह थी तेरे ब्लाउस में मेरा हाथ डालने की…!!!
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RE: Exbii_पुराणी कहानियों का संग्रह - by suneeellpandit - 16-10-2021, 03:05 PM



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