16-10-2021, 01:38 PM
10-12 दिन इसी तरह से निकल गए। रोज़ सुबह सुरेखा की नंगी जवानी का आनंद लेने लगा था मैं, सुरेखा को चोदने की इच्छा बढ़ती जा रही थी।
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एक दिन नीचे वाली भाभी बोलीं - सुरेखा को खुजली की शिकायत हो रही है, कुछ प्रॉब्लम है, उसे लेडी डॉक्टर को दिखा लाओ, उसका पति तो नालायक है और दो दिन को बाहर भी गया है। तुम्हारे पास बाइक भी है और कल तुम्हारा ऑफ भी है, तुम तो आराम से ले जाओगे उसे।
मैं बोला - सुरेखा चली जाएगी?
सपना भाभी हँसते हुए बोली - चिपक कर बैठ कर जाएगी। तुम्हें पसंद करने लगी है, कह रही थी कि राकेश भाई साहब बहुत अच्छे हैं। काश मुझे भी ऐसे पति मिलते।
मुझे कुछ गुदगुदी सी हुई, मैं बोला- ठीक है, आप उससे कह दो कल ले जाऊंगा।
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शाम को सुरेखा जब खाना देने आई तो बोली - भाभी कह रहीं थीं...!!मैंने कहा- हाँ कल चले चलेंगे।
मैंने पूछा- आपको क्या दिक्कत है?
सुरेखा शर्माते हुए बोली - नीचे कुछ औरतों वाली दिक्कत है। इनके मुँह से तो दारु की बदबू आती रहती है ये एक दो बार डॉक्टर के यहाँ गए हैं तो उसने इन्हें कमरे से भगा दिया था।
सुरेखा बोली - 10 बजे चलेंगे और वो बाहर चली गई।
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अगले दिन सुबह 6 बजे सुरेखा जब नंगी नहा रही थी तो मुझे लगा कि सुरेखा की चूत में अब लंड घुसाने के दिन आने वाले हैं।
सुबह 10 बजे सुरेखा साड़ी ब्लाउज़ पहन कर तैयार हो गई, मुझसे बोली- थोड़ी दूर वाले हॉस्पिटल में चलेंगे, यहाँ जान-पहचान वाला कोई मिल जाता है तो बड़ी शर्म आती है।
हम लोग घर से 15 किलोमीटर दूर एक हॉस्पिटल में गए, रास्ते में सुरेखा बड़ी शालीनता से बैठी रही। वहाँ गीता नाम की लेडी डॉक्टर को दिखाने सुरेखा अंदर चली गई। मैं बाहर बैठ गया।
थोड़ी देर बाद एक नर्स आई और बोली- सुरेखा जी के साथ आप ही हैं?
मैं बोला- हाँ !
"अंदर चलिए, डॉक्टर साहब बुला रही हैं। "
डॉक्टर के कमरे के अंदर एक कमरा था, डॉक्टर मुझे अंदर ले गईं, अंदर सुरेखा चादर ओढ़े लेटी थी।
डॉक्टर बोली- आपको पता है इनको क्या दिक्कत है?
मैं बोला- नहीं !
तो डॉक्टर ने सुरेखा की चादर हटा दी। सुरेखा पूरी नंगी मेरे सामने लेटी थी उसने हाथ और पैर से अपनी चूत और चूची छिपाने की कोशिश की।
डॉक्टर ने सुरेखा को डांटा और बोलीं - इतना नाटक करने की जरूरत नहीं, रात को तो बिना नहाए धोए गंदे ही एक दूसरे से चिपक जाते हो और डॉक्टर के पास शर्मा रही हो?
डॉक्टर मुझे सुरेखा का पति समझ रही थीं। सुरेखा ने दयनीय स्थिति में मुझे इशारा किया कि मैं डॉक्टर को कुछ नहीं बताऊँ।
डॉक्टर ने सुरेखा की टांगें फैला दीं और उसकी चूत की झांटे दिखाती हुई सुरेखा से बोली - इन बालों को समय से साफ़ किया करो।
मेरी तरफ देखती हुई डॉक्टर ने कहा- देखो, इसकी वेजिना कितनी लाल हो रही है, यह एलर्जी है, आप लोग बिना साफ़ सफाई के अंदर डाल देते हो, उससे होती है। शर्म आनी चाहिए, आपकी पत्नी है, ठीक से आराम से किया करो, साफ सुथरे होकर सेक्स करने में ज्यादा मज़ा आता है।
सुरेखा के हाथ को हटाते हुए बोलीं - यह क्या है?
चूची पर दो कटे के निशान थे ,डॉक्टर ने मेरा हाथ सुरेखा की चूची पर रख दिया और बोली- देखो, काटने से खाल तक छिल गई है। आप प्यार से सेक्स क्यों नहीं करते हैं।
सुरेखा की हालत पतली हो रही थी, मेरा भी बुरा हाल था। सुरेखा की गुलाबी चूची पर हाथ रखने से मेरा लंड जाग चुका था।
डाक्टर ने इसके बाद नर्स को बुलाया और कहा - इन्हें दवाई दे दो और बाकी बातें समझा दो।
डॉक्टर बाहर अपने कमरे में चली गईं। नर्स एक 50-55 की औरत थी। इसके बाद नर्स ने एक ट्यूब ली और बोलीं इसकी क्रीम इनकी योनि के अंदर और बाहर धीरे धीरे उंगली से सहलाते हुए रात को अच्छी तरह से साफ़ हाथ से लगानी है।
उसने मेरे हाथ धुलवाए और मेरी उंगली पर क्रीम लगा दी और बोली- जरा लगा कर दिखाओ !
मेरी और सुरेखा की हालत पतली हो रही थी, मैंने उसकी चूत में उंगली घुसा दी और काँपते हाथों से बाहर बाहर मालिश करने लगा। मेरा लोड़ा पूरा खड़ा हो गया था।
नर्स बोली- यह बाहर बाहर क्यों लगा रहा है? पूरी अंदर तक घुसा कर लगा! रात को तो बड़ी जल्दी चढ़ता होगा।
नर्स का यह शायद रोज़ का ही काम था। मैंने भी अब बेशरम होकर सुरेखा की चूत की मालिश अंदर बाहर शुरू कर दी। सुरेखा धीरे धीरे उई ऊई कर रही थी। मेरा लोड़ा पूरा गरम हो रहा था।
2 मिनट बाद नर्स बोली - ठीक है, एसे ही रात को सोने से पहले 5 मिनट तक मालिश कर देना।
इसके बाद उसने कुछ गोलियाँ दी और बोली- दो-दो गोली सुबह शाम खानी हैं, 7-8 दिन लगेंगे ठीक होने में, तब तक चूत में लोड़ा अंदर नहीं डालना है।
नर्स के मुँह से ये बातें सुनकर सुरेखा शर्म से जमीन में गड़ी जा रही थी, नर्स मेरी तरफ देखती हुई रुखी सी देसी भाषा में बोली- तू दिखता तो साफ़ सुथरा और सीधा सा है लेकिन है बदमाश! इसने सब बता दिया है। अपने लोड़े को अच्छी तरह साफ़ करके अंदर डालना। ये दाने साफ़ नहीं रहने के कारण होते हैं।
सुरेखा की तरफ देखती हुई नर्स बोली - तू भी अपनी चूत साफ़ रखा कर! झांटे देख कितनी बड़ी बड़ी हो रहीं हैं। सन्डे की सन्डे झांटे साफ़ करने की क्रीम लगा कर डेटोल से चूत साफ़ करा कर। आँख दबाती हुई नर्स बोली- तू भी कम नहीं लग रही है, डलवाती होगी तभी तो आगे पीछे दोनों तरफ से ये तेरी रोज़ मारता है। अब 7- 8 दिन चूत में लोड़ा मत घुसवाना और ज्यादा मन करे तो मुँह मैं ले लियो और इतने पे भी चैन न पड़े तो गांड में डलवा लेना लेकिन साफ़ सफाई से।
गांड में जब भी डलवाए तो कंडोम लगा के डलवाना। चलो अब तुम लोग जाओ और अगर एक हफ्ते में दाने सही नहीं हुए तो दुबारा आना।
बाइक पर अब सुरेखा मुझसे चिपक कर बैठी हुई थी, दोनों चूचियाँ मेरी पीठ से दब रही थीं, बड़ा अच्छा लग रहा था।
सुरेखा बोली- 10 मिनट कहीं बैठ सकते हैं?
मैंने कहा- ठीक है।
और हम एक काफी हाउस में घुस गए, कोने में एक सीट पर बैठ गए।
सुरेखा ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली - आज जो हुआ किसी को मत बताना, मुझे तो बहुत शर्म आ रही है।
सुरेखा बोली- डॉक्टर साहिबा ने नंगी कराने के बाद जब मेरी बड़ी बड़ी झांटें देखीं तो बहुत डाँटा था। उन्होंने मुझसे पूछा कि मेरे पति कैसे सेक्स करते हैं तो मुझे सच सच बताना पड़ा। अरुण रोज़ रात को अपना नंगा लंड मेरी चूत और गांड दोनों में डाल देते हैं, कई बार तो गांड से निकला लंड वैसे का वैसा ही चूत में डाल देते हैं। डॉक्टर यह सुन कर गुस्सा हो गई और उन्होंने तुम्हें बुला लिया।
मैं बोल उठा - आपकी चूचियाँ बहुत सुंदर हैं।
सुरेखा शरमा कर बोली - आपकी उंगली ने तो मेरी जान निकाल ली।
सुरेखा और मैं मुस्करा पड़े।
सुरेखा बोली - दवा आप अपने पास रख लें। इन्होंने देख ली तो मेरी जान ले लेंगे। सुरेखा ने मेरा हाथ उठाकर अपनी जाँघों पर रख लिया, धीरे धीरे उसकी जांघें सहलाते हुए मैं उससे बातें करने लगा। काफी आ गई, पीते-पीते मुझे पता चला कि सुरेखा पैसों की कमी के कारण क्रीम और कॉस्मेटिक नहीं खरीद पाती है।
मेरा हाथ अब उसकी जाँघों के बीच चल रहा था, उसको मज़ा आ रहा था। काफी पीने के बाद मैंने उसे 1000 रुपए के कॉस्मेटिक और क्रीम दिलवाई। इसके बाद वो बाइक पर मुझसे चिपक कर बैठ गई और हाथ उसने मेरे तने हुए लंड के ऊपर रख दिया। पूरे रास्ते वो मेरा लंड सहलाती हुई आई। मैं भी बाइक 20 की स्पीड से चला रहा था। उसके बाद हम घर आ गए।
चार बज़ रहे थे, हम दोनों ऊपर आ गए और अपने अपने कमरे में चले गए।
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