16-10-2021, 01:33 PM
थोड़ी देर बाद सुरेखा 3 कप चाय बना कर ले आई, मैंने सुरेखा से नमस्ते की, सुरेखा बोली- अरुण तो आज 6 से 2 बजे की शिफ्ट में हैं शाम को बजे आएँगे।
मैं सुरेखा को ऊपर से नीचे तक निहार रहा था। कुछ दारुबाज निकम्मों की किस्मत बहुत अच्छी होती है, दारु के मज़े भी लेते हैं और सुंदर बीवी को भी जैसे चाहें, वैसे भोगते हैं। सुरेखा गज़ब की माल थी, तराशा हुआ बदन था सुरेखा का, ब्लाउज़ में सुंदर चूचियाँ छुपी हुई थीं। सुबह का याद करके मेरा लंड हिनहिनाया लेकिन मैंने उसे चुप करा दिया।
सुरेखा चुपचाप चाय पी रही थी, मुझे ऐसा लगा जैसे कि वो मुझे प्यार भरी नज़रों से घूर रही हो।
चाय खत्म करने के बाद सपना भाभी बोली- आप 12 बजे से पहले जब चाहें तब आ जाइएगा। उसके बाद आना हो तो पहले बता देना।
मैंने कहा- ठीक है दीदी !
सपना भाभी बोली- आप आप मुझे दीदी की जगह भाभी कहा करना।
आँख मारते हुए सपना भाभी बोली- भाभी का मज़ा अलग ही है।
उसके बाद सपना भाभी नीचे चली गई।
मैं थोड़ी देर बाद नहाने चला गया बाथरूम बहुत छोटा था अंदर टॉयलेट सीट लगी हुई थी। बल्ब ओन करना चाह तो वो भी ओन नही हुआ अंदर बहुत अँधेरा था किसी तरह मैंने नहाने का मन बनाया बनियान उतार कर टांगने जा रहा था तो वहां मुझे एक लाल रंग की पैंटी दिखी शायद सुरेखा की थी। सुबह जब सुरेखा नहाई होगी तब छोड़ गई होगी। पैंटी देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया था।
तभी दरवाजे पर हलका सा धक्का पड़ा, मैंने दरवाज़े से झाँका तो सुरेखा खड़ी थी, शरमाते हुए बोली- मेरी वो होगी अंदर, दे दीजिए न!
मैंने पीछे हटते हुए मुस्करा कर कहा- यह लीजिए।
मैंने पैंटी सुरेखा को दे दी।
सुरेखा जाते जाते बोली- पहनना भूल गई थी !
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उसकी इस बात ने मेरे लंड में आग लगा दी और मुझे मुठ मारनी पड़ी। मैं जब नहा कर आया तो सुरेखा मेरे लिए नाश्ता ले आई।
मैं बोला- भाभी, इस की क्या जरूरत?
सुरेखा बोली- आप ले लीजिए, आज पहला दिन है।
सुरेखा बोली - आप मेरे पेइंग गेस्ट बन जाइये न, रमेश जी 2000 रुपए देते थे आप भी 2000 रुपए दे देना।
मैंने हामी भर दी।
उसके बाद मेरा सामान आ गया, सपना भाभी की मदद से मैंने अपना सामान कमरे में लगा लिया।
सपना भाभी से बातों बातों में मुझे पता चला कि बाथरूम की लाइट ख़राब है और 500 रुपए सही करने में लगेंगे। सपना भाभी मुझसे बोली- बाथरूम तो बहुत छोटा है, आप खुले में बाहर नहा लिया करिए। अरुण तो खुले मैं नहा कर जाते ही हैं। सुरेखा भी सुबह जल्दी उठती है और 6 बजे से पहले ही खुले में नहा लेती है, ऊपर से बंद है कौन देख रहा है। आज तो कपड़े धो रही थी और आप भी उठ गए थे इसलिए बाथरूम में नहाने चली गई।
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रात को सुरेखा के पति अरुण से मेरी मुलाकात हो गई, उसके मुँह से देसी दारु की बदबू आ रही थी। अरुण सामान्य से पतला दुबला एक साधारण सा आदमी था।
मैं रात को 10 बजे सोने चला गया, सोने से पहले मैंने सुबह 5 बजे का अलार्म भर दिया, सुबह सुरेखा को नहाते हुए जो देखना था।