14-10-2021, 05:16 PM
"ये तो बहुत अच्च्छा किया तुम'ने, दीदी!" मेने खूस होकर कहा. फिर दीदी ड्रेसंग टेबल के आईने में देख'कर मेक अप कर'ने लगी. मेने हमारे बॅग लॉक किए और वार्ड रोब के अंदर रख दिए. फिर में चेर'पर बैठ'कर दीदी के तैयार होने की राह देख'ने लगा. जाहीर है के में उसे कामूक नज़र से चुपके से निहार रहा था. वो ड्रेस उसे अच्छा ख़ासा टाइट हो रहा था और उस वजह से उसके मांसल अंग के उठान और गहराईया उस'में से साफ साफ नज़र आ रही थी.
और उपर से उस'ने ओढ'नी नही ली थी जिस से उसकी मदमस्त चुचीया मेरी आँखों में चुभ रही थी. बीच बीच में वो आईने से मुझे देखती थी और हमारी आँखे मिलते ही वो थोड़ा सा शरमाकर हँसती थी. लेकिन में थोड़ा भी ना शरमा के हँसता था. उस'का मेक अप होने के बाद उस'ने आखरी बार अप'ने आप को आईने में गौर से देखा और फिर मेरी तरफ घूमके उस'ने बड़े प्यार से पुछा,
"कैसी लगा रही हूँ में, सागर?"
"एकदम दस साल कम उम्र की, दीदी!!" मेने उसे उप्पर से नीचे तक देख'ने का नाटक कर'ते कहा. जब उसके गले पर मेरा ध्यान गया तो मुझे थोड़ा अजीबसा लगा. मुझे वहाँ कुच्छ कमी नज़र आई. में उसके गले की तरफ देख रहा हूँ यह देख'कर दीदी हंस'कर बोली,
"ओह. में तो तुम्हे बताना ही भूल गयी. मेने मंगलसूत्र निकाल के रखा है. भले तुम कह रहे हो के हम दोनो शादीशुदा लगेंगे लेकिन मुझे नही लगता सबको ऐसा लगेगा. तो फिर लोगो को शक की कोई गुंजाइश ना रहे इस'लिए मेने मंगलसूत्र निकाल के रख दिया है."
और उपर से उस'ने ओढ'नी नही ली थी जिस से उसकी मदमस्त चुचीया मेरी आँखों में चुभ रही थी. बीच बीच में वो आईने से मुझे देखती थी और हमारी आँखे मिलते ही वो थोड़ा सा शरमाकर हँसती थी. लेकिन में थोड़ा भी ना शरमा के हँसता था. उस'का मेक अप होने के बाद उस'ने आखरी बार अप'ने आप को आईने में गौर से देखा और फिर मेरी तरफ घूमके उस'ने बड़े प्यार से पुछा,
"कैसी लगा रही हूँ में, सागर?"
"एकदम दस साल कम उम्र की, दीदी!!" मेने उसे उप्पर से नीचे तक देख'ने का नाटक कर'ते कहा. जब उसके गले पर मेरा ध्यान गया तो मुझे थोड़ा अजीबसा लगा. मुझे वहाँ कुच्छ कमी नज़र आई. में उसके गले की तरफ देख रहा हूँ यह देख'कर दीदी हंस'कर बोली,
"ओह. में तो तुम्हे बताना ही भूल गयी. मेने मंगलसूत्र निकाल के रखा है. भले तुम कह रहे हो के हम दोनो शादीशुदा लगेंगे लेकिन मुझे नही लगता सबको ऐसा लगेगा. तो फिर लोगो को शक की कोई गुंजाइश ना रहे इस'लिए मेने मंगलसूत्र निकाल के रख दिया है."
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
