14-10-2021, 05:14 PM
बाहर आने के बाद मेने देखा के दीदी ने साड़ी बदल दी थी और हल्का पिंक कलर का पंजाबी ड्रेस पहन लिया था. वो ड्रेस देख'कर में खिल उठ. मेरी बहेन का ये ड्रेस मुझे काफ़ी पसंद था क्योंकी उसमें से उस'का काफ़ी अंगप्रदर्शन होता था. में उसके ड्रेस से उसे निहार रहा हूँ ये देख'कर दीदी ने कहा,
"ऐसे क्या देख रहे हो, सागर. हैरान हो गये ना ये ड्रेस देख'कर?" दीदी ने बड़े लाड से कहा, "ये ड्रेस मेरी बॅग में था जो में लेके जा रही थी अप'नी मौसी की लड़'की को देने के लिए. क्योंकी मुझे ये ड्रेस थोड़ा टाइट होता है और वैसे भी आज कल में ड्रेस पहनती ही नही हूँ. वो तो अभी थोड़ी देर पह'ले तुम'ने कहा था ना के ड्रेस पहन'ने से में कुवारी लगूंगी इस'लिए मेने सोचा चलो पहन लेते है आज के दिन ये ड्रेस!"
"ऐसे क्या देख रहे हो, सागर. हैरान हो गये ना ये ड्रेस देख'कर?" दीदी ने बड़े लाड से कहा, "ये ड्रेस मेरी बॅग में था जो में लेके जा रही थी अप'नी मौसी की लड़'की को देने के लिए. क्योंकी मुझे ये ड्रेस थोड़ा टाइट होता है और वैसे भी आज कल में ड्रेस पहनती ही नही हूँ. वो तो अभी थोड़ी देर पह'ले तुम'ने कहा था ना के ड्रेस पहन'ने से में कुवारी लगूंगी इस'लिए मेने सोचा चलो पहन लेते है आज के दिन ये ड्रेस!"
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
