24-04-2019, 10:12 AM
मैंने उसके नंगे बदन को चूमना शुरू किया। नीचे आते हुए जब मैंने उसकी पैंटी को चूमा तो उसने मेरे बाल पकड़ लिये। मैंने अपनी उँगलिया पैंटी की इलास्टिक में फँसाई और उसके घुटनों से नीचे खींच दिया। फिर मैं अपना मुँह उसकी चूत के पास ले आया। इस बार मैं इतना उत्तेजित था कि चूत की अजीब सी गंध भी मुझे अच्छी लग रही थी। उसने अभी चूत के बाल साफ करना शुरू नहीं किया था।
मैंने उँगलियों से उसकी चूत की संतरे जैसी फाँकें फैला दीं तो हल्का साँवला रंग अंदर गहराई में जाकर लाल रंग में बदलता हुआ दिखा। इसी लाल गुफा के अंदर जीवन का सारा आनन्द छुपा हुआ है, मैंने सोचा
मैंने उँगलियों से उसकी चूत की संतरे जैसी फाँकें फैला दीं तो हल्का साँवला रंग अंदर गहराई में जाकर लाल रंग में बदलता हुआ दिखा। इसी लाल गुफा के अंदर जीवन का सारा आनन्द छुपा हुआ है, मैंने सोचा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
