07-10-2021, 12:32 AM
(This post was last modified: 01-01-2022, 05:22 PM by kahaniwala. Edited 3 times in total. Edited 3 times in total.)
Story #1 : साड़ी , देवर और बारिश
ये कहानी एक 35 वर्ष की महिला और उसके 28 वर्ष के देवर की अपनी अपनी diary में बारिश के एक ही दिन का अलग अलग वर्णन है
भाभी : 35 वर्ष की सुरभि , लम्बे बाल , गेहुआ रंग , 36 -30 -36 , 5 फुट 5 इंच , मीठी बोली और खुश मिजाज . एक मार्केटिंग फर्म में काम करने वाली। पति 35 वर्ष का रवि , Joint फॅमिली
देवर : 28 वर्ष का वैभव , 5 फुट 8 इंच , Smart & handsome , रंग गोरा , Build : Average , Not in relationship right now , रवि का first cousin
सुरभि की डायरी !
आज का दिन बाकी दिनों से बहुत अलग रहा | शुरुआत तो रोज़ जैसी ही थी , पर शाम होते होते कुछ ऐसा हुआ जो दिमाग से ही नहीं निकल रहा | आज Saturday था तो मैं तो फ्री थी पर रवि दिन भर ऑफिस का ही काम कर रहे थे | बच्चे भी मम्मी के यहाँ गए हुए थे | बाकी सब लोग भी आज कही न कही गए हुए थे | घर में बस मैं , रवि ,और वैभव भैया थे |
दोपहर तक तो बस घर का काम और खाना पीना ही चलता रहा , लेकिन 4 बजे के आसपास मौसम बारिश का हुआ और जल्द ही बौछारे भी आने लगी। मैंने रवि को छत्त पर चलने के लिए कहा पर वो busy थे | तो मैं अकेले ही ऊपर चली गयी | वह पहुंची तो वैभव भैया पहले ही छत्त पर थे। मैंने हर शनिवार की तरह साड़ी ही पहनी थी पर आज पता नहीं क्यों सुबह से रवि को tease करने का मन था तो साडी भी थोड़ा कमर से हटा के पहनी थी | हलके ब्लू कलर की रवि की favourite thodi ट्रांसपेरेंट साड़ी
ऊपर पहुंची तो वैभव भैया से कुछ ऐसे बात हुई
वैभव भैया : आ जाओ भाभी , आज तो मौसम अलग ही हो रहा है | रवि भैया को भी बुला लो ऊपर
मैं : मैंने तो कहा था पर सुबह से laptop लेकर बैठे है |
वैभव भैया : भाई भी न , सैटरडे भी काम है | इतने अच्छे मौसम में इतनी सुन्दर पत्नी को छोड़ के काम कौन करता है
जैसे ही भैया ने ऐसा कहा , मेरे मन में एक करंट सा दौड़ा | पहले तो भैया ने मुझे ऐसे सुन्दर नहीं कहा फिर आज क्यों ? फिर सोचा की मैं कुछ ज्यादा ही सोच रही हूँ | पर पता नहीं एक मन ने ये भी सोचा की सुबह से तैयार होकर बैठी हूँ , चलो किसी ने तो तारीफ़ की |
बारिश इतनी तेज़ थी की मैं बिलकुल भीग गयी थी और वैभव भैया भी | उन्होंने एक सफ़ेद बनियान और शॉर्ट्स ही पहने थे
क्यूंकि मेरी साड़ी थोड़ी ट्रांसपेरेंट थी और वैभव भैया साथ में थे तो मैंने बस एक सेल्फी लेने का नाटक किया ये देखने के लिए की कही ज्यादा कुछ तो नहीं दिख रहा
मेरी थोड़ी ट्रांसपेरेंट साड़ी अब पूरी ट्रांसपेरेंट हो गयी थी और मेरे ही शरीर से चिपक रही थी |
सोचने लगी की अब नीचे चली जाऊं
तभी वैभव भैया ने bola : वाह भाभी आज तो कमाल ही लग रही हो
मुझे समझ नहीं आया की क्या बोलू और बस में मुस्कुराने लगी |
भैया ने एक फोटो लेने के लिए पूछा | मैं क्या बोलती , मैंने bola ठीक है
फोटो लेने में बहुत टाइम लगाया भैया ने , कभी बोलै ऐसे देखो , कभी वैसे। .शायद मैंने उन्हें एक दो बार अपनी कमर की तरफ देखते हुए भी देखा और शायद ब्लाउज देखते हुए भी | पता नहीं सच में देखा या मैं बस सोच रही थी
पर ये सोचना पता नहीं क्यों आज अच्छा लग रहा था | ये सोचना की वैभव भैया मेरी कमर , मेरे Boobs की तरफ देख रहे है
वैसे वो भी भीगे हुए काफी hot लग रहे थे | काफी फोटोज ली वैभव ने मेरी
और शायद फोटोज लेते लेते वैभव की शॉर्ट्स की तरफ देखते हुए मुझे कुछ लग रहा था | शायद वैभव का लंड पूरी तरह खड़ा था
बस ये देख के तो मेरे मन में पता नहीं क्या क्या फीलिंग्स आने लगी | मेरी भी चुत पूरी गीली हो गयी | मन कर रहा था की वैभव भैया को बोलू की आओ और अपनी भाभी को यही छत्त पर ही अपना लंड दिखाओ और फिर अपनी गीली भाभी की गीली चूत अच्छे से शांत करो
मन किया की साडी का पल्लू हटा के वैभव को अपने Boobs के पास चिपका लूँ और निप्पल्स धीरे धीरे चूसने के लिए कहु
मैं जान के अब छत्त पर बारिश में और भीग रही थी ताकि वैभव और enjoy करे मुझे देख कर |
जान के एक बार वैभव से टकरा भी गयी। .और सच में उसका लंड पूरी तरह से खड़ा था | जान के लैंड से हटने की कोशिश भी नहीं की मैंने और शायद वैभव ने हटाने की
अगर आज घर पे रवि भी नहीं होते तो आज मैं वैभव को बैडरूम में ही ले आती शायद
शायद उसके सामने नंगी लेट कर , उसे भी नंगा होने के लिए कहती
उसका लम्बा लंड चूसती जब तक वो मेरी चुत में आने के लिए तड़प न जाता
बारिश बंद होने पर में नीचे आ गयी , वैभव ऊपर ही रहा |
रवि से बिना बात किये में सीधा bathroom में गयी और वैभव का नाम ले ले कर , उनकी हॉट बॉडी को सोच सोच कर , उन्हें अपने बिलकुल पास सोच कर अपनी चूत शांत की |
जानती हूँ ये सब सोचना गलत है पर कभी कभी गलत करने में सही से भी ज्यादा मजा आता है |
वैभव की Diary !
आज का दिन बहुत अच्छा गया , आज कुछ ऐसा हुआ जिसके बारे में मैंने बहुत बार fantasize किया है |
आज घर पर बस मैं , रवि भैया और सुरभि भाभी थे | भाभी ने आज साड़ी पहनी थी वो भी थोड़ी transparent , स्लीवलेस ब्लाउज और थोड़ा डीप बैक knot वाला ब्लाउज |
वैसे तो वो सुबह से ही काफी hot लग रही थी , पर शाम आते तो उन्होंने मेरे होश ही उड़ा दिए |
दोपहर में मौसम काफी sexy हो गया था तो मैं अपनी छत्त पर चला गया बारिश का लुत्फ़ उठाने
थोड़ी देर बाद सुरभि भाभी भी आ गयी वही साड़ी पहने , और मैं देखता ही रह गया
रवि भैया शायद ऑफिस में बिजी थे और मैं सोच रहा था की अगर ऐसी बीवी मेरी हो तो सब काम छोड़ कर बस बैडरूम में ही रहु |
थोड़े देर में ही भाभी भी भीग गयी , और फिर जो नज़ारा था , बस आँखों में बस गया है
भाभी की साडी भीग कर उनके सीने से चिपकी थी , कमर से पानी बह रहा था , बैक से भी ब्लाउज पूरा चिपका था , ब्रा साफ़ नजर आ रही थी |
आज तो भाभी ने ब्रा का कलर भी मेरा favourite ब्लैक पहना था | गांड पर भी साड़ी चिपक रही थी , बहुत कमाल लग रही थी भाभी सर से पाँव तक
क्या करता , लाख रोकने पर भी लंड पूरा hard हो गया और शॉर्ट्स से बहार आने के लिए तैयार था
मन कर रहा था की भाभी के navel से पानी पीकर अपनी प्यास बुझाउ , उनकी ब्लाउज की नॉट खोल कर बस पूरी back चूमने लगु
अपना हाथ उनकी कमर पर रख कर उनके गीले होठ kiss करू
भाभी अपनी सेल्फी ले रही थी , और मैं बस पीछे से नजारा देख रहा था
फिर मैंने भी भाभी के कुछ फोटोज लिए , जब तक वो पोज़ करती में बस निहारता गया।
उनका ब्लाउज इतना टाइट हो गया था की निप्पल्स भी दिख रहे थी , सब फोटोज में भी साफ़ दिख रहा है
एक बार तो गलती से भाभी से टकरा भी गया और अपना लंड से उनकी गांड भी फील की
पता नहीं सुरभि भाभी ने भी कुछ फील किया या नहीं
वो थोड़ी देर में नीचे चली गयी , पर मैं छत पर ही रहा | उनकी फोटोज को देखता रहा zoom कर कर के उनका एक एक अंग
आज पहलो बार लंड छत्त पर ही हिलाया |
काश आज मैं उनके बिस्तर पर जा पाता, भाभी को ऐसे मजे दिलाता जो रवि भैया ने कभी नहीं दिलाये होंगे |
उनकी साड़ी धीरे धीरे उनके ब्लाउज से हटाता , पीछे से ब्रा का हुक खोल देता | जब पुरे चूचे नंगे हो जाते तो दीवानो की तरह उन्हें चूसता
भाभी की साड़ी उतार कर कर , पेटीकोट ऊपर करके चूत तब तक लेता जब तक भाभी खुद न कह देती की " वैभव भैया अब बस करो , और नहीं लिया जायेगा |
पर अभी तो बस मेरी fantasy है और भाभी की आज साड़ी की सेक्सी फोटोज , कुछ दिनों के लिए तो मेरे लिए इतना ही काफी है |
ये कहानी एक 35 वर्ष की महिला और उसके 28 वर्ष के देवर की अपनी अपनी diary में बारिश के एक ही दिन का अलग अलग वर्णन है
भाभी : 35 वर्ष की सुरभि , लम्बे बाल , गेहुआ रंग , 36 -30 -36 , 5 फुट 5 इंच , मीठी बोली और खुश मिजाज . एक मार्केटिंग फर्म में काम करने वाली। पति 35 वर्ष का रवि , Joint फॅमिली
देवर : 28 वर्ष का वैभव , 5 फुट 8 इंच , Smart & handsome , रंग गोरा , Build : Average , Not in relationship right now , रवि का first cousin
सुरभि की डायरी !
आज का दिन बाकी दिनों से बहुत अलग रहा | शुरुआत तो रोज़ जैसी ही थी , पर शाम होते होते कुछ ऐसा हुआ जो दिमाग से ही नहीं निकल रहा | आज Saturday था तो मैं तो फ्री थी पर रवि दिन भर ऑफिस का ही काम कर रहे थे | बच्चे भी मम्मी के यहाँ गए हुए थे | बाकी सब लोग भी आज कही न कही गए हुए थे | घर में बस मैं , रवि ,और वैभव भैया थे |
दोपहर तक तो बस घर का काम और खाना पीना ही चलता रहा , लेकिन 4 बजे के आसपास मौसम बारिश का हुआ और जल्द ही बौछारे भी आने लगी। मैंने रवि को छत्त पर चलने के लिए कहा पर वो busy थे | तो मैं अकेले ही ऊपर चली गयी | वह पहुंची तो वैभव भैया पहले ही छत्त पर थे। मैंने हर शनिवार की तरह साड़ी ही पहनी थी पर आज पता नहीं क्यों सुबह से रवि को tease करने का मन था तो साडी भी थोड़ा कमर से हटा के पहनी थी | हलके ब्लू कलर की रवि की favourite thodi ट्रांसपेरेंट साड़ी
ऊपर पहुंची तो वैभव भैया से कुछ ऐसे बात हुई
वैभव भैया : आ जाओ भाभी , आज तो मौसम अलग ही हो रहा है | रवि भैया को भी बुला लो ऊपर
मैं : मैंने तो कहा था पर सुबह से laptop लेकर बैठे है |
वैभव भैया : भाई भी न , सैटरडे भी काम है | इतने अच्छे मौसम में इतनी सुन्दर पत्नी को छोड़ के काम कौन करता है
जैसे ही भैया ने ऐसा कहा , मेरे मन में एक करंट सा दौड़ा | पहले तो भैया ने मुझे ऐसे सुन्दर नहीं कहा फिर आज क्यों ? फिर सोचा की मैं कुछ ज्यादा ही सोच रही हूँ | पर पता नहीं एक मन ने ये भी सोचा की सुबह से तैयार होकर बैठी हूँ , चलो किसी ने तो तारीफ़ की |
बारिश इतनी तेज़ थी की मैं बिलकुल भीग गयी थी और वैभव भैया भी | उन्होंने एक सफ़ेद बनियान और शॉर्ट्स ही पहने थे
क्यूंकि मेरी साड़ी थोड़ी ट्रांसपेरेंट थी और वैभव भैया साथ में थे तो मैंने बस एक सेल्फी लेने का नाटक किया ये देखने के लिए की कही ज्यादा कुछ तो नहीं दिख रहा
मेरी थोड़ी ट्रांसपेरेंट साड़ी अब पूरी ट्रांसपेरेंट हो गयी थी और मेरे ही शरीर से चिपक रही थी |
सोचने लगी की अब नीचे चली जाऊं
तभी वैभव भैया ने bola : वाह भाभी आज तो कमाल ही लग रही हो
मुझे समझ नहीं आया की क्या बोलू और बस में मुस्कुराने लगी |
भैया ने एक फोटो लेने के लिए पूछा | मैं क्या बोलती , मैंने bola ठीक है
फोटो लेने में बहुत टाइम लगाया भैया ने , कभी बोलै ऐसे देखो , कभी वैसे। .शायद मैंने उन्हें एक दो बार अपनी कमर की तरफ देखते हुए भी देखा और शायद ब्लाउज देखते हुए भी | पता नहीं सच में देखा या मैं बस सोच रही थी
पर ये सोचना पता नहीं क्यों आज अच्छा लग रहा था | ये सोचना की वैभव भैया मेरी कमर , मेरे Boobs की तरफ देख रहे है
वैसे वो भी भीगे हुए काफी hot लग रहे थे | काफी फोटोज ली वैभव ने मेरी
और शायद फोटोज लेते लेते वैभव की शॉर्ट्स की तरफ देखते हुए मुझे कुछ लग रहा था | शायद वैभव का लंड पूरी तरह खड़ा था
बस ये देख के तो मेरे मन में पता नहीं क्या क्या फीलिंग्स आने लगी | मेरी भी चुत पूरी गीली हो गयी | मन कर रहा था की वैभव भैया को बोलू की आओ और अपनी भाभी को यही छत्त पर ही अपना लंड दिखाओ और फिर अपनी गीली भाभी की गीली चूत अच्छे से शांत करो
मन किया की साडी का पल्लू हटा के वैभव को अपने Boobs के पास चिपका लूँ और निप्पल्स धीरे धीरे चूसने के लिए कहु
मैं जान के अब छत्त पर बारिश में और भीग रही थी ताकि वैभव और enjoy करे मुझे देख कर |
जान के एक बार वैभव से टकरा भी गयी। .और सच में उसका लंड पूरी तरह से खड़ा था | जान के लैंड से हटने की कोशिश भी नहीं की मैंने और शायद वैभव ने हटाने की
अगर आज घर पे रवि भी नहीं होते तो आज मैं वैभव को बैडरूम में ही ले आती शायद
शायद उसके सामने नंगी लेट कर , उसे भी नंगा होने के लिए कहती
उसका लम्बा लंड चूसती जब तक वो मेरी चुत में आने के लिए तड़प न जाता
बारिश बंद होने पर में नीचे आ गयी , वैभव ऊपर ही रहा |
रवि से बिना बात किये में सीधा bathroom में गयी और वैभव का नाम ले ले कर , उनकी हॉट बॉडी को सोच सोच कर , उन्हें अपने बिलकुल पास सोच कर अपनी चूत शांत की |
जानती हूँ ये सब सोचना गलत है पर कभी कभी गलत करने में सही से भी ज्यादा मजा आता है |
वैभव की Diary !
आज का दिन बहुत अच्छा गया , आज कुछ ऐसा हुआ जिसके बारे में मैंने बहुत बार fantasize किया है |
आज घर पर बस मैं , रवि भैया और सुरभि भाभी थे | भाभी ने आज साड़ी पहनी थी वो भी थोड़ी transparent , स्लीवलेस ब्लाउज और थोड़ा डीप बैक knot वाला ब्लाउज |
वैसे तो वो सुबह से ही काफी hot लग रही थी , पर शाम आते तो उन्होंने मेरे होश ही उड़ा दिए |
दोपहर में मौसम काफी sexy हो गया था तो मैं अपनी छत्त पर चला गया बारिश का लुत्फ़ उठाने
थोड़ी देर बाद सुरभि भाभी भी आ गयी वही साड़ी पहने , और मैं देखता ही रह गया
रवि भैया शायद ऑफिस में बिजी थे और मैं सोच रहा था की अगर ऐसी बीवी मेरी हो तो सब काम छोड़ कर बस बैडरूम में ही रहु |
थोड़े देर में ही भाभी भी भीग गयी , और फिर जो नज़ारा था , बस आँखों में बस गया है
भाभी की साडी भीग कर उनके सीने से चिपकी थी , कमर से पानी बह रहा था , बैक से भी ब्लाउज पूरा चिपका था , ब्रा साफ़ नजर आ रही थी |
आज तो भाभी ने ब्रा का कलर भी मेरा favourite ब्लैक पहना था | गांड पर भी साड़ी चिपक रही थी , बहुत कमाल लग रही थी भाभी सर से पाँव तक
क्या करता , लाख रोकने पर भी लंड पूरा hard हो गया और शॉर्ट्स से बहार आने के लिए तैयार था
मन कर रहा था की भाभी के navel से पानी पीकर अपनी प्यास बुझाउ , उनकी ब्लाउज की नॉट खोल कर बस पूरी back चूमने लगु
अपना हाथ उनकी कमर पर रख कर उनके गीले होठ kiss करू
भाभी अपनी सेल्फी ले रही थी , और मैं बस पीछे से नजारा देख रहा था
फिर मैंने भी भाभी के कुछ फोटोज लिए , जब तक वो पोज़ करती में बस निहारता गया।
उनका ब्लाउज इतना टाइट हो गया था की निप्पल्स भी दिख रहे थी , सब फोटोज में भी साफ़ दिख रहा है
एक बार तो गलती से भाभी से टकरा भी गया और अपना लंड से उनकी गांड भी फील की
पता नहीं सुरभि भाभी ने भी कुछ फील किया या नहीं
वो थोड़ी देर में नीचे चली गयी , पर मैं छत पर ही रहा | उनकी फोटोज को देखता रहा zoom कर कर के उनका एक एक अंग
आज पहलो बार लंड छत्त पर ही हिलाया |
काश आज मैं उनके बिस्तर पर जा पाता, भाभी को ऐसे मजे दिलाता जो रवि भैया ने कभी नहीं दिलाये होंगे |
उनकी साड़ी धीरे धीरे उनके ब्लाउज से हटाता , पीछे से ब्रा का हुक खोल देता | जब पुरे चूचे नंगे हो जाते तो दीवानो की तरह उन्हें चूसता
भाभी की साड़ी उतार कर कर , पेटीकोट ऊपर करके चूत तब तक लेता जब तक भाभी खुद न कह देती की " वैभव भैया अब बस करो , और नहीं लिया जायेगा |
पर अभी तो बस मेरी fantasy है और भाभी की आज साड़ी की सेक्सी फोटोज , कुछ दिनों के लिए तो मेरे लिए इतना ही काफी है |