06-10-2021, 04:25 PM
मैंने उसको कहा- मैंने कब कहा कि तुम ऐसी लड़की हो! मैं तो तुझे बता रहा था कि तुम सिर्फ एक बार देखो और तुमको सीखने को भी मिलेगा! खैर कल नहीं देखी तो तुम आज देखना और मुझे बताना कि कैसी है! ठीक है? और मैंने चूत में उंगली आगे पीछे करना ज़ाऱी रखा और वो मेरे लंड को हिलाने लगी.
मैं अब उसके ऊपर आया और उसकी टाँगों को थोड़ा अलग किया और उसकी गीली चूत पर लंड को और मुँह पर मुँह को रख कर दोनों हाथों को उसकी गांड के नीचे रख कर एक ज़ोऱ का धक्का मारा, उसकी चीख मेरे मुँह में ही रह गई और लंड एक इन्च अंदर चला गया. मैं दोनों हाथों को नीचे से निकाल कर उसकी दोनों चूची के चूचुक मसलने लगा, साथ में चुम्बन भी कर रहा था. लंड अंदर रखा और धीरे धीरे उसको चोदने लगा.
थोड़ी देर के बाद मैंने फिर एक ज़ोऱ का झटका मारा और लंड 3 इंच अंदर घुस गया और वो मेरी पीठ पर मारने लगी क्योंकि उसकी चीख मेरे मुँह में ही रह गई और उसकी झिल्ली भी फट गई. वो एक दम कुंवारी थी, खून निकलने लगा और वो तड़पने लगी, मेरे बालों को खींचने लगी. मैंने मुँह को हटाया और बोला- क्या हुआ?
वो बोली- भैया! मुझे बहुत दर्द हो रहा है!
मैंने कहा- निर्मला, मुझे भैया मत कहो और मेरे नाम से ही पुकारो! ऐसा दर्द पहली बार करने से होता है, तुम घबराओ मत, मैं हूँ ना!
मैं अब उसके ऊपर आया और उसकी टाँगों को थोड़ा अलग किया और उसकी गीली चूत पर लंड को और मुँह पर मुँह को रख कर दोनों हाथों को उसकी गांड के नीचे रख कर एक ज़ोऱ का धक्का मारा, उसकी चीख मेरे मुँह में ही रह गई और लंड एक इन्च अंदर चला गया. मैं दोनों हाथों को नीचे से निकाल कर उसकी दोनों चूची के चूचुक मसलने लगा, साथ में चुम्बन भी कर रहा था. लंड अंदर रखा और धीरे धीरे उसको चोदने लगा.
थोड़ी देर के बाद मैंने फिर एक ज़ोऱ का झटका मारा और लंड 3 इंच अंदर घुस गया और वो मेरी पीठ पर मारने लगी क्योंकि उसकी चीख मेरे मुँह में ही रह गई और उसकी झिल्ली भी फट गई. वो एक दम कुंवारी थी, खून निकलने लगा और वो तड़पने लगी, मेरे बालों को खींचने लगी. मैंने मुँह को हटाया और बोला- क्या हुआ?
वो बोली- भैया! मुझे बहुत दर्द हो रहा है!
मैंने कहा- निर्मला, मुझे भैया मत कहो और मेरे नाम से ही पुकारो! ऐसा दर्द पहली बार करने से होता है, तुम घबराओ मत, मैं हूँ ना!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
