06-10-2021, 04:24 PM
करीब पाँच मिनट के बाद उसका एक हाथ को पकड़ कर अपने लंड पर रख मैं खुद उसका हाथ पकड़ कर आगे पीछे करने लगा और उसकी चूत को मसलने और उंगली से चोदने लगा.
तो उसने कहा- भैया प्लीज़ मुझे जाने दो.
मैंने कहा- निर्मला, असली काम अब चालू होगा!
तो वो बोली- क्या?
हाँ, मैं तुझे अब चोदूँगा!
उसने कहा- नहीं आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते!
तो उसने कहा- भैया प्लीज़ मुझे जाने दो.
मैंने कहा- निर्मला, असली काम अब चालू होगा!
तो वो बोली- क्या?
हाँ, मैं तुझे अब चोदूँगा!
उसने कहा- नहीं आप मेरे साथ ऐसा नहीं कर सकते!
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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