05-10-2021, 11:10 PM
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हेलो दोस्तों कहानी स्टार्ट करता हूं
ये बात उन दिनों की है जब मैं अस्पताल कॉलोनी मै रहते थे वहां मैं ओर माता जी ओर पिता जी ओर मेरा छोटा भाई बस , वैसे दोस्तों ये कहानी मेरे दोस्त रवि की है ओर वो ही मशहूर था स्टोर बाबू का बेटे के नाम से क्यूंकि उसके पिताजी अस्पताल मे स्टोर इनचार्ज थे रवि की फैमली मैं केवल उसकी माता जी ओर उसकी बहन पिताजी थे मेरी ओर उसकी दोस्ती बचपन से थी तो अब मैं जो इस कहानी के सारे पात्र है उनके बारे मैं बता देता हूं ओर हमारी कॉलोनी के बारे मैं हम लोग टाइप 2 कवटेर्स मे रहते थे वहां पर एक ब्लॉक मैं 4 कवेटर थे 2नीचे 2ऊपर जिनके पास निचे का था उनको गेट के आगे लौन मिल जाता था ओर अंदर एक आंगन मिल जाता था जिनका ऊपर था उनको छत मिल जाती थी ओर बीच मैं जीना छत पर जाने के लिए नीचे वाले भी ऊपर आते जाते थे हमारे ब्लॉक मैं चार परिवार रहते थे मेरा परिवार ओर रवि का ओर अनीस अंकल ओर अली शेर अंकल वैसे हम थे तो हिन्दू ओर ,., लेकिन रहते थे अब देखो हम रहते कैसे थे
ये बात उन दिनों की है जब मैं अस्पताल कॉलोनी मै रहते थे वहां मैं ओर माता जी ओर पिता जी ओर मेरा छोटा भाई बस , वैसे दोस्तों ये कहानी मेरे दोस्त रवि की है ओर वो ही मशहूर था स्टोर बाबू का बेटे के नाम से क्यूंकि उसके पिताजी अस्पताल मे स्टोर इनचार्ज थे रवि की फैमली मैं केवल उसकी माता जी ओर उसकी बहन पिताजी थे मेरी ओर उसकी दोस्ती बचपन से थी तो अब मैं जो इस कहानी के सारे पात्र है उनके बारे मैं बता देता हूं ओर हमारी कॉलोनी के बारे मैं हम लोग टाइप 2 कवटेर्स मे रहते थे वहां पर एक ब्लॉक मैं 4 कवेटर थे 2नीचे 2ऊपर जिनके पास निचे का था उनको गेट के आगे लौन मिल जाता था ओर अंदर एक आंगन मिल जाता था जिनका ऊपर था उनको छत मिल जाती थी ओर बीच मैं जीना छत पर जाने के लिए नीचे वाले भी ऊपर आते जाते थे हमारे ब्लॉक मैं चार परिवार रहते थे मेरा परिवार ओर रवि का ओर अनीस अंकल ओर अली शेर अंकल वैसे हम थे तो हिन्दू ओर ,., लेकिन रहते थे अब देखो हम रहते कैसे थे