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Adultery मम्मी बनी मेरे दोस्त के पापा की रखैल
#35
मेरी मम्मी के दोनों चुचे पर ब्रा का थोड़ा सा दाग लगा हुआ था.

फिर अंकल ने मेरी मम्मी को अपने गोद में बिठा लिया और मेरी मम्मी की छाती चूमते हुए, दोनों चुचे एक एक करके चूसने लगे.

मेरी मम्मी ने अपने हाथ मेरे दोस्त के पापा के सिर के पीछे करके पकड़ लिया था और आ अहह आ अहह ह आ अहह आ आहह आ आहह करके, उनका साथ दे रहीं थीं.

अंकल मज़े से मेरी मम्मी के निप्पल चूसे जा रहे थे.
[Image: 196951_12big.jpg]
बीच बीच में फुच फच फुच फच लप्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प्प की ज़ोर से आवाज़ आती, जब भी अंकल कस के निप्पल चूसते थे.

मम्मी, अपने होश में नहीं थीं.

उन्होंने धीमी आवाज़ में अंकल से कहा – मुझे जाने दीजिए… बहुत देर हो रही है…

अंकल ने कहा – तू घबरा नहीं… तेरे पिल्ले को मैंने मेसेज कर दिया है की तू सुबह आएगी… आज रात भर, तुझे अपने पास रखूँगा… कल चली जाना, सुबह…

ये कहते हुए, उन्होंने फिर से निप्पल मुंह मे ले लिया और मम्मी के चुचे चूसने लगे.

बीच बीच में, अंकल सिर ऊपर करके मेरी मम्मी के होंठों को अपने होंठ में फँसा के चूसते फुच फच फुच फच की आवाज़ हॉल में गूँज रही थी.

अंकल अपनी हथेली से मेरी मम्मी की चूत मसलते तो कभी उनके पीठ को सहला रहे थे.

अब अंकल ने मेरी मम्मी को अपनी गोद से नीचे उतार दिया और मम्मी खड़ी हो गईं.

मम्मी ने अपनी सैंडल निकाल ली, उसके बाद अंकल ने साड़ी खींच के उनके बदन से निकाल दी.

मेरी मम्मी, सिर्फ़ पेटीकोट में थीं.

उन्होंने, काले रंग की पेटीकोट पहन रखा था.

अंकल खड़े हो के, अपने बदन के सारे कपड़े निकाल के नंगे हो गये.

उनके सारे कपड़े, वहीं सोफे के पास कालीन पर पड़े हुए थे.

अंकल अब मेरी मम्मी के पास आ गये और मेरी मम्मी को चूमते हुए, ज़मीन पर बैठ गये.

घुटनों के बल उन्होंने अपने हाथ से मेरी मम्मी के कमर को पकड़ रखा था और मेरी मम्मी के पेट को चूम रहे थे.

मेरी मम्मी ने अपने हाथ से अंकल का सिर पकड़ रखा था और आ आहह आ आहह आअहह कर रही थी.

अंकल अपनी जीभ से मेरी मम्मी के नाभी में हलचल कर रहे थे.

मैं मम्मी की तरफ देख रहा था.

ऐसा लग रहा था, जैसे वो काम वासना के सातवें आसमान पर हैं.

इसी दौरान, अंकल ने मेरी मम्मी के पेटीकोट को उठा के कमर तक कर दिया.

मेरी मम्मी ने काले रंग की जालीदार पैंटी पहन रखी थी.

अंकल ने सबसे पहले, मेरी मम्मी की जांघें को अपनी हथेली से सहलाया और उसके बाद अपना फेस मम्मी की चूत के पास ले जाते हुए सूँघा.

उसके बाद, उन्होंने मेरी मम्मी की तरफ देखा.

मेरी मम्मी, अपने होंठ अपने दाँतों से दबाते हुए अंकल को देख रही थीं.

अंकल ने मम्मी की पैंटी साइड में की और अपनी जीभ से मेरी मम्मी की फुददी चाटने लगे.
[Image: 196951_06big.jpg]
मम्मी ने कस के अंकल के बाल पकड़ लिए और – आ आ आ आ आ अहह आ आ आ आ आ आ अहह आ आ आ आ आ आ आ अहह ओई ई ईई ईईई ईईई ईईई आ आ आ आ आअ आ आ आआ आहह करने लगीं.

अंकल ने कहा – महक, यार तेरे पिल्ले की चिंता नहीं रहती तो सुबह शाम, तेरी चूत का पानी पीता…

मम्मी चुप रहीं.

मुझे अब लगने लगा था की शायद मैं सही में मम्मी के रास्ते का काँटा हूँ.

खैर, उसके बाद अंकल ने मेरी मम्मी की पैंटी खींच के निकाल दी और मेरी मम्मी को सोफे पर बिठा दिया और पेटीकोट को कमर तक उठा दिया.

मेरी मम्मी ने अपनी दोनों टांगें खोल लीं.

अब मुझे साफ साफ, मेरी मम्मी की चूत दिख रही थी.

मम्मी की चूत पर, थोड़े थोड़े झांट के बाल थे.

अंकल ने दो उंगली से चूत को फैला दिया और जीभ को अंदर घुसा दिया और मेरी मम्मी की फुददी चाटने लगे.

मम्मी फिर से – आ आहह आ आ आ आ आ अहह आ आआ आआहह इस स्स्स्स्स् स्स्स्स्स् सस्स करने लगी.

अब अंकल ने मम्मी से कहा – मज़ा आया, महक…

मम्मी ने कहा – हाँ… बहुत अच्छा लग रहा है… औरत को काबू करना, आप खूब जानते हैं… इसलिए तो बदजलन बन गई हूँ… अपनी औलाद की परवाह तक नहीं करती… सारी शरम बेच दी है, मैंने… लंड क्या है, जादू की छड़ी है…

अंकल ने कहा – आ अहह उंह… मेरी रानी, तेरे मुँह से लंड सुनना कितना मस्त लगता है… मेरी जानू, इसी लिए तुझे मैं इतना चाहता हूँ पूरा साथ देती है, तू मेरा… बोल तो, तेरे पिल्ले को ठिकाने लगवा दूं… जी भर के चुदना, सुबह शाम दिन रात…

मम्मी ने बस इतना बोला – क्या आप भी…

मैंने सोचा पहले तो बोर्डिंग ही भेजने का प्लान था, अब तो सीधे ठिकाने.

मुझे लगा, क्या मेरा अंत निकट है?

खैर, इधर अंकल फिर से मेरी मम्मी की चूत चाटने लगे.

यहाँ मम्मी, पूरी तरह से बेकाबू हो रही थीं.

वो लगतार, सिसकारियाँ ले रही थीं.

उन्हें इस समय, बहुत मज़ा आ रहा था.

इस मज़े के लिया क्या मेरी मम्मी मुझे ठिकाने लगवा सकती थीं?

वो पूरी टांगें खोले, अंकल से अपनी फुददी चटवा रही थीं.

अंकल एक हाथ से, अपना लण्ड भी सहला रहे थे.

कुछ देर ऐसे बीतने के बाद, अंकल खड़े हो गये.

मैंने देखा अंकल का लंड बिल्कुल तन के खड़ा था.

अंकल ने अपने झांट के बाल साफ कर रखे थे क्यूंकि उनके लण्ड के पास, एक भी बाल नहीं था.
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RE: मम्मी बनी मेरे दोस्त के पापा की रखैल - by badmaster122 - 23-04-2019, 03:04 PM



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