04-10-2021, 06:33 PM
हमारे बेडरूम में अँधेरा था, लेकिन अचानक राजेश का बेडरूम रौशनी से जगमगा उठा। राजेश बेडरूम में घुसा और उसके पीछे रेनू भी बेडरूम में आई लेकिन रेनू एक कुतिया की तरह अपने हाथ और पैर पर चलती हुई कमरे में घुसी। मैंने देखा की रेनू के गले में एक कुत्ते का पट्टा बंधा हुआ था और उसकी चेन राजेश के हाथ में थी।
दोनों के बदन पर कपडे का कोई नामोनिशान नहीं था। राजेश चलते हुए बेड तक आया और टाँगे फैला कर बैठ गया। उसने रेनू को इशारा किया तो मेरी सुंदर बीवी फर्श पर घुटनों के बल बैठ गयी और राजेश का लंड उसने अपने मुह में भर लिया।
अचानक मेरा फोन बजा, मैंने देखा की रेनू का काल था लेकिन वो तो मेरे सामने ही राजेश का लंड चूस रही थी।
मैंने फोन उठाया, “हेल्लो?” कोई जवाब नहीं आया तो मैंने देखा की फोन उसके हाथ में भी नहीं था। मुझे एहसास हुआ कि शायद फोन बेड पर चादर के नीचे होगा और राजेश का हाथ लगने से लास्ट डायल में मेरा नंबर होने की वजह से ये काल लग गया था। फोन पर उनकी आवाजे साफ़ आ रही थी। मैंने फोन को स्पीकर पर सेट कर दिया और वापस उन दोनों को देखने लगा।
रेनू राजेश का लंड बड़े प्यार से चूस रही थी लेकिन शायद राजेश उसे पूरा अन्दर डालना चाहता था इसीलिए उसने अपने हलब्बी लंड को रेनू के लाल पतले होंठ के अन्दर तेजी से धकेला लेकिन उसका लंड इतना बड़ा था कि पूरा अन्दर नहीं जा सकता था, लेकिन उसने रेनू के सर के पीछे हाथ रखा और जबरदस्ती लंड को अन्दर धकेलने लगा। राजेश का सुपाडा रेनू के गले से टकराया लेकिन राजेश ने फिर से धक्का देकर उसे रेनू के गले से नीचे जाने लगा, वह लगभग छह इंच अंदर चला गया होगा और रेनू के गले के अन्दर रगड़ रहा था। लेकिन राजेश ने उसे नहीं छोड़ा और जड़ तक रेनू के मुह में अपना लंड ठूंस दिया, अब राजेश का लंड रेनू गले के नीचे इतना गहरा था की रेनू से सांस लेना मुश्किल हो गया था। रेनू की आँखों से आंसू निकल आये, रेनू ने राजेश का हाथ अपने सर से हटाया और जल्दी से लंड को मुह से बाहर निकाल दिया, लंड बाहर आने से रेनू के होंठों और राजेश के लंड के सुपाडे के बीच लार बन गयी।
दोनों के बदन पर कपडे का कोई नामोनिशान नहीं था। राजेश चलते हुए बेड तक आया और टाँगे फैला कर बैठ गया। उसने रेनू को इशारा किया तो मेरी सुंदर बीवी फर्श पर घुटनों के बल बैठ गयी और राजेश का लंड उसने अपने मुह में भर लिया।
अचानक मेरा फोन बजा, मैंने देखा की रेनू का काल था लेकिन वो तो मेरे सामने ही राजेश का लंड चूस रही थी।
मैंने फोन उठाया, “हेल्लो?” कोई जवाब नहीं आया तो मैंने देखा की फोन उसके हाथ में भी नहीं था। मुझे एहसास हुआ कि शायद फोन बेड पर चादर के नीचे होगा और राजेश का हाथ लगने से लास्ट डायल में मेरा नंबर होने की वजह से ये काल लग गया था। फोन पर उनकी आवाजे साफ़ आ रही थी। मैंने फोन को स्पीकर पर सेट कर दिया और वापस उन दोनों को देखने लगा।
रेनू राजेश का लंड बड़े प्यार से चूस रही थी लेकिन शायद राजेश उसे पूरा अन्दर डालना चाहता था इसीलिए उसने अपने हलब्बी लंड को रेनू के लाल पतले होंठ के अन्दर तेजी से धकेला लेकिन उसका लंड इतना बड़ा था कि पूरा अन्दर नहीं जा सकता था, लेकिन उसने रेनू के सर के पीछे हाथ रखा और जबरदस्ती लंड को अन्दर धकेलने लगा। राजेश का सुपाडा रेनू के गले से टकराया लेकिन राजेश ने फिर से धक्का देकर उसे रेनू के गले से नीचे जाने लगा, वह लगभग छह इंच अंदर चला गया होगा और रेनू के गले के अन्दर रगड़ रहा था। लेकिन राजेश ने उसे नहीं छोड़ा और जड़ तक रेनू के मुह में अपना लंड ठूंस दिया, अब राजेश का लंड रेनू गले के नीचे इतना गहरा था की रेनू से सांस लेना मुश्किल हो गया था। रेनू की आँखों से आंसू निकल आये, रेनू ने राजेश का हाथ अपने सर से हटाया और जल्दी से लंड को मुह से बाहर निकाल दिया, लंड बाहर आने से रेनू के होंठों और राजेश के लंड के सुपाडे के बीच लार बन गयी।