29-09-2021, 05:35 PM
मै: आर्यन मेरे से चिपक कर बैठ जाओ?
आर्यन: ठीक है! और कितना चिपक जाऊं?
मैंने उसका हाथ पकड़ कर खीच कर खुद से चिपका लिया। वो मेरे को देखने लगा। उसका शरीर तो बहोत गर्म लग रहा था।
मै: तेरे जिस्म में तो बड़ी गर्मी है। इतनी गर्मी का एहसास तो चादर से भी नहीं हो पा रहा था।
आर्यन: तुम भी कुछ कम गर्म नही हो आंटी! तुम्हारे बदन पर तो मै हाथ रख कर सेक सकता हूँ। इतनी गर्म तुम्हारी बॉडी लग रही है।
मै: अच्छा बेटा! मस्का लगा रहे हो?
आर्यन: नहीं आंटी मैं सच कह रहा हूँ।
मै: तुम मेरे को आंटी न कहा करो? तुम मेरे को अपना फ्रेंड मान सकते हो। मेरे को नाम से बुलाया करो।
आर्यन: ठीक हैं
मै उससे चिपक कर अपना दूध स्पर्श कराने लगी। वो मेरे दूध के स्पर्श से ही मेरे को अजीब नजरो से देखने लगा।
आर्यन: आपका वो…वो…मेरे सीने में लग रहा है।
मै: क्या लग रहा है?
आर्यन: आपको पता है उसे हटा ले! नहीं तो मेरे को पता नहीं क्या होने लगता है।
आर्यन: ठीक है! और कितना चिपक जाऊं?
मैंने उसका हाथ पकड़ कर खीच कर खुद से चिपका लिया। वो मेरे को देखने लगा। उसका शरीर तो बहोत गर्म लग रहा था।
मै: तेरे जिस्म में तो बड़ी गर्मी है। इतनी गर्मी का एहसास तो चादर से भी नहीं हो पा रहा था।
आर्यन: तुम भी कुछ कम गर्म नही हो आंटी! तुम्हारे बदन पर तो मै हाथ रख कर सेक सकता हूँ। इतनी गर्म तुम्हारी बॉडी लग रही है।
मै: अच्छा बेटा! मस्का लगा रहे हो?
आर्यन: नहीं आंटी मैं सच कह रहा हूँ।
मै: तुम मेरे को आंटी न कहा करो? तुम मेरे को अपना फ्रेंड मान सकते हो। मेरे को नाम से बुलाया करो।
आर्यन: ठीक हैं
मै उससे चिपक कर अपना दूध स्पर्श कराने लगी। वो मेरे दूध के स्पर्श से ही मेरे को अजीब नजरो से देखने लगा।
आर्यन: आपका वो…वो…मेरे सीने में लग रहा है।
मै: क्या लग रहा है?
आर्यन: आपको पता है उसे हटा ले! नहीं तो मेरे को पता नहीं क्या होने लगता है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.