29-09-2021, 03:29 PM
फिर उस लड़के ने कविता को उसके बालों से पकड़ा और उसका मुंह मेरे मुंह पर रख दिया।
“चूस कुतिया, इस कुतिया की जीभ चूस, इसके होंठ चाट हराम की जनी।”
मैं और कविता एक दूसरी के होंठ चूसने लगी, तो उस लड़के ने भी अपनी लंबी जीभ निकाल कर हम दोनों के होंठों के बीच फंसा दी, हम दोनों अपनी जीभों से उसकी हबशी की गुलाबी जीभ चाट रही थी, मगर मेरी तो फुद्दी की भी चटाई हो रही थी तो मैं तो ज़्यादा तड़प रही थी।
फिर जो लड़का मेरी फुद्दी चाट रहा था, उसने कविता को सीधा करके लेटाया, और उसकी फुद्दी चाटने लगा।
गर्म, कामुक कविता तड़प उठी, उसकी आँखों से आँसू बह निकले, वो बड़े ही कातर स्वर में बोली- प्लीज चोदो मुझे! मैं और बर्दाश्त नहीं कर सकती, अपना मोटा लंड मेरी फुद्दी में डालो यार, प्लीज़। वो घिघिया रही थी।
हबशी लड़का बोला- नहीं, मुझे तेरी चूत नहीं मरनी, बोल तू और किस की चूत मुझे दिलवायेगी?
कविता बोली- जिसकी तुम कहो, मेरी सहेली पास लेटी है, इसकी मार लो, मेरी मार लो, और जिसको कहोगे मैं दिलवा दूँगी।
उस हबशी लड़के ने कविता के सर के बाल पकड़ कर खींचे और उसके मुंह पर थूक दिया- साली, मादरचोद, मुझे तेरी माँ की चूत मारनी है, दिलवाएगी कुतिया, बोल?
कविता बोली- हाँ दिलवा दूँगी, मेरी माँ की भी दिलवा दूँगी।
वो फिर बोला- और तेरी बहन की?
कविता बोली- हाँ, उसकी भी मार लेना।
वो फिर गरजा- और तेरी जवान बेटी की?
कविता तो फूट पड़ी- हाँ, मेरी बेटी अभी छोटी है, पर जवान हो चुकी है, हाँ उसकी भी मार लेना, पर अभी मेरी मारो, प्लीज़ यार, मेरी मारो पहले।
“चूस कुतिया, इस कुतिया की जीभ चूस, इसके होंठ चाट हराम की जनी।”
मैं और कविता एक दूसरी के होंठ चूसने लगी, तो उस लड़के ने भी अपनी लंबी जीभ निकाल कर हम दोनों के होंठों के बीच फंसा दी, हम दोनों अपनी जीभों से उसकी हबशी की गुलाबी जीभ चाट रही थी, मगर मेरी तो फुद्दी की भी चटाई हो रही थी तो मैं तो ज़्यादा तड़प रही थी।
फिर जो लड़का मेरी फुद्दी चाट रहा था, उसने कविता को सीधा करके लेटाया, और उसकी फुद्दी चाटने लगा।
गर्म, कामुक कविता तड़प उठी, उसकी आँखों से आँसू बह निकले, वो बड़े ही कातर स्वर में बोली- प्लीज चोदो मुझे! मैं और बर्दाश्त नहीं कर सकती, अपना मोटा लंड मेरी फुद्दी में डालो यार, प्लीज़। वो घिघिया रही थी।
हबशी लड़का बोला- नहीं, मुझे तेरी चूत नहीं मरनी, बोल तू और किस की चूत मुझे दिलवायेगी?
कविता बोली- जिसकी तुम कहो, मेरी सहेली पास लेटी है, इसकी मार लो, मेरी मार लो, और जिसको कहोगे मैं दिलवा दूँगी।
उस हबशी लड़के ने कविता के सर के बाल पकड़ कर खींचे और उसके मुंह पर थूक दिया- साली, मादरचोद, मुझे तेरी माँ की चूत मारनी है, दिलवाएगी कुतिया, बोल?
कविता बोली- हाँ दिलवा दूँगी, मेरी माँ की भी दिलवा दूँगी।
वो फिर बोला- और तेरी बहन की?
कविता बोली- हाँ, उसकी भी मार लेना।
वो फिर गरजा- और तेरी जवान बेटी की?
कविता तो फूट पड़ी- हाँ, मेरी बेटी अभी छोटी है, पर जवान हो चुकी है, हाँ उसकी भी मार लेना, पर अभी मेरी मारो, प्लीज़ यार, मेरी मारो पहले।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
