29-09-2021, 03:27 PM
मगर फिर भी अब हम दोनों चालीस साल के करीब पहुँच चुकी थी, तो तब जिस्म में वो 20 साल की लड़की वाला करार तो नहीं था पर अपने आप को फिट रख कर हम दोनों आज भी इतनी कामुक तो दिखती थी कि किसी भी मर्द का मन हरामीपन से भर दे और वो हमें चोदने के सपने बुनने लगे।
मैंने कहा- आप लोगों ने हमें तो नंगी कर दिया, अपने कपड़े भी तो उतार कर हम अपने खूबसूरत जिस्म दिखाओ।
उन दोनों ने अपने कपड़े उतार दिये। गहरे भूरे या कुछ कुछ काले रंग के बदन, मगर कसरत करके बहुत ही तराशे हुये। नीचे लटक रहे दोनों 7 इंच लंबे और मोटे लंड, जिनके हल्के भूरे टोपे भी बाहर निकले हुये थे।
मैं एक हबशी लड़के के सामने जाकर घुटने टेक कर बैठ गई, उसका ढीला सोया हुआ लंड मेरे चेहरे के बिल्कुल सामने, बिल्कुल पास था। मैंने उसका लंड हाथ में पकड़ा और उसके टोपे को चूमा।
वो बोला- क्या आपको मेरा लंड पसंद आया?
मैंने कहा- हाँ, बहुत पसंद आया, तभी तो तुम्हें यहाँ बुलाया है क्योंकि ग्लोरी होल में मुझे वो मज़ा नहीं आया जो मैं चाहती थी।
वो बोला- आपको मेरे लंड में ऐसा क्या खास लगा?
मैंने कहा- आप लोगों में और हिंदुस्तानी मर्दों में बहुत फर्क है। जितना आपका लंड इस ढीली सोई हुई हालात में है, इतना तो हिंदुस्तानी मर्दों का पूरा अकड़ने के बाद भी नहीं होता। मेरे पति का पूरा तना हुआ लंड सिर्फ छह इंच का है, और तुम्हारा ढीला लटका लंड भी सात इंच का है, और जब ये पूरा खड़ा होगा तो ये 10 इंच तक जाएगा।
वो बोला- पूरे 11 इंच।
मैंने कहा- तो, यही तो बात है, इतना शानदार साइज़, क्या लंबाई, क्या मोटाई … और जब ये अंदर जाता है, तो लगता है, पेट तक पहुँच गया। इसी लिए तो आजकल हिंदुस्तानी औरतों को नीग्रो लड़के बहुत पसंद आ रहे हैं।
कविता बोली- और सिर्फ इसी वजह से हम अपने पति, अपने बच्चे, अपना परिवार, अपनी मान मर्यादा सब छोड़ कर यहाँ आई हैं, अपनी माँ चुदवाने।
मैंने कहा- आप लोगों ने हमें तो नंगी कर दिया, अपने कपड़े भी तो उतार कर हम अपने खूबसूरत जिस्म दिखाओ।
उन दोनों ने अपने कपड़े उतार दिये। गहरे भूरे या कुछ कुछ काले रंग के बदन, मगर कसरत करके बहुत ही तराशे हुये। नीचे लटक रहे दोनों 7 इंच लंबे और मोटे लंड, जिनके हल्के भूरे टोपे भी बाहर निकले हुये थे।
मैं एक हबशी लड़के के सामने जाकर घुटने टेक कर बैठ गई, उसका ढीला सोया हुआ लंड मेरे चेहरे के बिल्कुल सामने, बिल्कुल पास था। मैंने उसका लंड हाथ में पकड़ा और उसके टोपे को चूमा।
वो बोला- क्या आपको मेरा लंड पसंद आया?
मैंने कहा- हाँ, बहुत पसंद आया, तभी तो तुम्हें यहाँ बुलाया है क्योंकि ग्लोरी होल में मुझे वो मज़ा नहीं आया जो मैं चाहती थी।
वो बोला- आपको मेरे लंड में ऐसा क्या खास लगा?
मैंने कहा- आप लोगों में और हिंदुस्तानी मर्दों में बहुत फर्क है। जितना आपका लंड इस ढीली सोई हुई हालात में है, इतना तो हिंदुस्तानी मर्दों का पूरा अकड़ने के बाद भी नहीं होता। मेरे पति का पूरा तना हुआ लंड सिर्फ छह इंच का है, और तुम्हारा ढीला लटका लंड भी सात इंच का है, और जब ये पूरा खड़ा होगा तो ये 10 इंच तक जाएगा।
वो बोला- पूरे 11 इंच।
मैंने कहा- तो, यही तो बात है, इतना शानदार साइज़, क्या लंबाई, क्या मोटाई … और जब ये अंदर जाता है, तो लगता है, पेट तक पहुँच गया। इसी लिए तो आजकल हिंदुस्तानी औरतों को नीग्रो लड़के बहुत पसंद आ रहे हैं।
कविता बोली- और सिर्फ इसी वजह से हम अपने पति, अपने बच्चे, अपना परिवार, अपनी मान मर्यादा सब छोड़ कर यहाँ आई हैं, अपनी माँ चुदवाने।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
