29-09-2021, 03:23 PM
खैर अगले पाँच मिनट उस माँ के पूत ने मुझे जम के पेला, बेशक मैंने उसकी शक्ल नहीं देखी, न ही उसने मेरी शक्ल देखी, हाँ मेरी फुद्दी देखी, और बढ़िया पेली। जब तक पाँच में उसका पानी गिरा, तब तक उसने मुझे भी झाड़ दिया। पूरी गीली फुद्दी में फ़चाफ़च पेल कर उसने मुझे भी स्खलित किया, और खुद भी अपने माल से मेरी फुद्दी को भर गया।
अगले चार घंटे में मैं 12 बार चुदी, और कितनी बार स्खलित हुई, मैंने नहीं गिना। मगर उन लोगों ने मेरी खूब तसल्ली करवा दी।
जब मैं वहाँ से उठी, तो मेरा पेट, मेरी जांघें, सब मर्दाना वीर्य से भीगे पड़े थे।
उठ कर मैं सबसे पहले बाथरूम में गई, वहाँ जा कर नहाई, अच्छे से अपने जिस्म को धोया।
इतने में कविता भी आ गई। फ्रेश होने के बाद उन लोगों ने हमें विडियो पर दिखाया कि किन किन लोगों ने हमें चोदा था।
हम दोनों को इस काम के 1000 डॉलर, हरेक को मिले।
खैर पैसे की तो हमें ज़रूरत नहीं थी।
अगले चार घंटे में मैं 12 बार चुदी, और कितनी बार स्खलित हुई, मैंने नहीं गिना। मगर उन लोगों ने मेरी खूब तसल्ली करवा दी।
जब मैं वहाँ से उठी, तो मेरा पेट, मेरी जांघें, सब मर्दाना वीर्य से भीगे पड़े थे।
उठ कर मैं सबसे पहले बाथरूम में गई, वहाँ जा कर नहाई, अच्छे से अपने जिस्म को धोया।
इतने में कविता भी आ गई। फ्रेश होने के बाद उन लोगों ने हमें विडियो पर दिखाया कि किन किन लोगों ने हमें चोदा था।
हम दोनों को इस काम के 1000 डॉलर, हरेक को मिले।
खैर पैसे की तो हमें ज़रूरत नहीं थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
