29-09-2021, 03:16 PM
जब मैं चुनाव जीत गई तो मैंने कविता से कहा- यार, इस चुनाव ने तो साली मेरी गांड फाड़ कर रख दी, बहुत थक गई हूँ, क्यों न कुछ दिन के लिए रेस्ट मारा जाए और कुछ एंजॉय किया जाए। कविता बोली- साली मादरचोद की गांड फटी पड़ी है, फिर लौड़े लेने की सोच रही है।
मैंने हंस कर कहा- अरे कुतिया, मेरी फटी और तरह से पड़ी है, लौड़े लेने का क्या है, वो तो फुद्दी में लेने हैं। और तू मेरे साथ जाएगी, तू क्या नहीं लेगी, मुझसे पहले तो तेरी चूत खड़ी हो जाती है।
हम दोनों हंस पड़ी और सोचा के कुछ ऐसा किया जाए कि बस मज़ा आ जाए।
तो मैंने अपने एक अमेरीकन दोस्त से बात की, उसने मुझे एक नई स्कीम बताई। तो उसकी सलाह पर मैं और कविता दोनों 15 दिन के लिए अमेरिका चली गई।
अमेरिका में हमें प्रवीण खुद एअरपोर्ट पर लेने आया, प्रवीण ही हम दोनों का दोस्त, और राज़दार था। हमें होटल में छोड़ कर वो चला गया।
हमारा मस्ती टाइम शुरू हो चुका था.
तो सबसे पहले हमने अपने लिए शराब, सिगरेट, नॉनवेज वगैरह ऑर्डर किया क्योंकि अपने देश में तो हम ये सब सबके सामने नहीं खा पी सकती थी। भारत में तो हमारी इमेज एक बहुत ही सीधी सादी घरेलू औरत की इमेज थी।
जब दो दो पेग हमने चढ़ा लिए, 4-5 सिगरेटें भी फूँक दी, मांस मछली भी खा लिया तो फिर हमने अपने अपने कपड़े उतारे और बिल्कुल नंगी हो गई।
उसके बाद हमने और भी बहुत कुछ ऑर्डर किया और हर बार जो भी वेटर हमें हमारा ऑर्डर देने आता, हम उसके सामने नंगी ही जाती और उन लोगों से खूब छेड़खानी करती।
मैंने हंस कर कहा- अरे कुतिया, मेरी फटी और तरह से पड़ी है, लौड़े लेने का क्या है, वो तो फुद्दी में लेने हैं। और तू मेरे साथ जाएगी, तू क्या नहीं लेगी, मुझसे पहले तो तेरी चूत खड़ी हो जाती है।
हम दोनों हंस पड़ी और सोचा के कुछ ऐसा किया जाए कि बस मज़ा आ जाए।
तो मैंने अपने एक अमेरीकन दोस्त से बात की, उसने मुझे एक नई स्कीम बताई। तो उसकी सलाह पर मैं और कविता दोनों 15 दिन के लिए अमेरिका चली गई।
अमेरिका में हमें प्रवीण खुद एअरपोर्ट पर लेने आया, प्रवीण ही हम दोनों का दोस्त, और राज़दार था। हमें होटल में छोड़ कर वो चला गया।
हमारा मस्ती टाइम शुरू हो चुका था.
तो सबसे पहले हमने अपने लिए शराब, सिगरेट, नॉनवेज वगैरह ऑर्डर किया क्योंकि अपने देश में तो हम ये सब सबके सामने नहीं खा पी सकती थी। भारत में तो हमारी इमेज एक बहुत ही सीधी सादी घरेलू औरत की इमेज थी।
जब दो दो पेग हमने चढ़ा लिए, 4-5 सिगरेटें भी फूँक दी, मांस मछली भी खा लिया तो फिर हमने अपने अपने कपड़े उतारे और बिल्कुल नंगी हो गई।
उसके बाद हमने और भी बहुत कुछ ऑर्डर किया और हर बार जो भी वेटर हमें हमारा ऑर्डर देने आता, हम उसके सामने नंगी ही जाती और उन लोगों से खूब छेड़खानी करती।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
