28-09-2021, 11:52 AM
फिर मैंने लंड के साथ-साथ उसके आंड भी अपने मुँह में लेकर चूसे, वो अब झड़ने वाला था मैंने उससे कहा कि अभी मत झड़ना और उसने कंट्रोल कर लिया. अब मैंने उसको सीधा लेटा दिया और में उसके ऊपर चड़ गयी.
तब उसने मुझसे कहा कि प्लीज थोड़ा सा तेल लगा लो, मैंने कहा कि नहीं एकदम सूखा होगा तब ही ज्यादा मज़ा आएगा और मैंने उसका लंड हाथ में लेकर सीधा किया और में उस पर बैठ गयी. उसका लंड मेरी चूत में जाने लगा, जिसकी वजह से उसको दर्द के साथ-साथ बहुत मज़ा भी आने लगा और उस वजह से उसका पूरा मुँह खुल गया. मेरी चूत भी अब तक बड़ी टाईट हो गयी थी, जिसकी वजह से अब उसको ज्यादा दर्द हुआ, क्योंकि चिकनाई भी नहीं थी.
फिर मैंने अब खुद को उसके लंड पर संतुलन बनाकर ऊपर नीचे होना शुरू कर दिया. अब वो भी जोश के साथ-साथ बहुत दर्द में था, क्योंकि में ऊपर उठकर सीधे उसके लंड पर बैठ जाती और उसके आंड को में अपने एक हाथ में पकड़े हुए थी, जिसको में ज़ोर से दबा भी रही थी. यह चुदाई कम बल्कि उसकी सजा ज़्यादा थी, क्योंकि सुबह उसने मुझे प्यासा ही रहने दिया था.
इसलिए उसे मेरी तरफ से यह सजा मिल रही थी, जिसकी वजह से वो मज़े में भी था और दर्द में भी. मैंने अपनी स्पीड को बड़ा दिया और उसके आंड को भी में ज़ोर से दबाने लगी थी, लेकिन अब उसकी हालत ज्यादा खराब थी. में अब ज़ोर-ज़ोर से उसके लंड पर ऊपर नीचे हो रही थी और अब में झड़ने वाली थी, लेकिन अभी उसके झड़ने में बहुत देर थी.
मैंने अपनी स्पीड को ओर भी तेज कर दिया था और जैसे ही मेरी चूत का रस निकलने वाला था, मैंने उसके लंड से उठकर में तुरंत उसके मुँह पर बैठ गयी. अब एक ही पल में मेरा रस और मूत दोनों मेरी चूत से बाहर आने लगे. मैंने उसकी नाक को दबा दिया था, जिससे कि उसका मुँह पूरा खुल गया और मेरा यह सारा रस उसके मुँह में ही गिर गया.
फिर वो चकित हो गया और उसको भी खाँसी आ गयी. अब जाकर मेरा उससे वो बदला पूरा हुआ. मैंने उसको उठने दिया. फिर मैंने देखा कि उसका लंड एकदम लाल था और उसको बहुत दर्द भी हो रहा था, तो वो मुझसे बोला कि साली कुतिया तूने आज मेरी माँ को चोद दिया है. अब मैंने उससे कहा कि रूको, तुम अभी तक झड़े नहीं हो. मैंने उसको एक बार फिर से लेटा दिया और अब उसके आंड मुँह में डाल लिए. अब उसके आंड भी फूल गये थे.
तब उसने मुझसे कहा कि प्लीज थोड़ा सा तेल लगा लो, मैंने कहा कि नहीं एकदम सूखा होगा तब ही ज्यादा मज़ा आएगा और मैंने उसका लंड हाथ में लेकर सीधा किया और में उस पर बैठ गयी. उसका लंड मेरी चूत में जाने लगा, जिसकी वजह से उसको दर्द के साथ-साथ बहुत मज़ा भी आने लगा और उस वजह से उसका पूरा मुँह खुल गया. मेरी चूत भी अब तक बड़ी टाईट हो गयी थी, जिसकी वजह से अब उसको ज्यादा दर्द हुआ, क्योंकि चिकनाई भी नहीं थी.
फिर मैंने अब खुद को उसके लंड पर संतुलन बनाकर ऊपर नीचे होना शुरू कर दिया. अब वो भी जोश के साथ-साथ बहुत दर्द में था, क्योंकि में ऊपर उठकर सीधे उसके लंड पर बैठ जाती और उसके आंड को में अपने एक हाथ में पकड़े हुए थी, जिसको में ज़ोर से दबा भी रही थी. यह चुदाई कम बल्कि उसकी सजा ज़्यादा थी, क्योंकि सुबह उसने मुझे प्यासा ही रहने दिया था.
इसलिए उसे मेरी तरफ से यह सजा मिल रही थी, जिसकी वजह से वो मज़े में भी था और दर्द में भी. मैंने अपनी स्पीड को बड़ा दिया और उसके आंड को भी में ज़ोर से दबाने लगी थी, लेकिन अब उसकी हालत ज्यादा खराब थी. में अब ज़ोर-ज़ोर से उसके लंड पर ऊपर नीचे हो रही थी और अब में झड़ने वाली थी, लेकिन अभी उसके झड़ने में बहुत देर थी.
मैंने अपनी स्पीड को ओर भी तेज कर दिया था और जैसे ही मेरी चूत का रस निकलने वाला था, मैंने उसके लंड से उठकर में तुरंत उसके मुँह पर बैठ गयी. अब एक ही पल में मेरा रस और मूत दोनों मेरी चूत से बाहर आने लगे. मैंने उसकी नाक को दबा दिया था, जिससे कि उसका मुँह पूरा खुल गया और मेरा यह सारा रस उसके मुँह में ही गिर गया.
फिर वो चकित हो गया और उसको भी खाँसी आ गयी. अब जाकर मेरा उससे वो बदला पूरा हुआ. मैंने उसको उठने दिया. फिर मैंने देखा कि उसका लंड एकदम लाल था और उसको बहुत दर्द भी हो रहा था, तो वो मुझसे बोला कि साली कुतिया तूने आज मेरी माँ को चोद दिया है. अब मैंने उससे कहा कि रूको, तुम अभी तक झड़े नहीं हो. मैंने उसको एक बार फिर से लेटा दिया और अब उसके आंड मुँह में डाल लिए. अब उसके आंड भी फूल गये थे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
