28-09-2021, 11:51 AM
फिर भी उसने कुछ नहीं किया, बस वो मेरी चूत के मुँह पर अपने लंड के टोपे को लगातार घिसता रहा. जिसकी वजह से में पूरी तरह से गरम हो चुकी थी. मैंने उससे कहा कि प्लीज अब तो डाल दो ना अंदर, में अब इस आग में जल रही हूँ, लेकिन तब भी उसने अपना लंड मेरी चूत के अंदर नहीं डाला और मुझे उल्टा किया और अब वो अपना लंड मेरी गांड के छेद पर घिसने लगा. मैंने कहा कि प्लीज अब तो जल्दी से डाल दो ना, लेकिन वो अपने लंड को घिसते-घिसते मेरी गांड के बाहर ही झड़ गया तो मैंने उससे पूछा कि यह तुमने क्या किया. तुम मुझे चोद क्यों नहीं रहे? तब उसने कहा कि मुझे तो बस तुमको पूरी तरह से गरम करना था. में अब वापस जा रहा हूँ और तुम अगर चाहो तो आज रात को अपना हिसाब मुझसे बराबर कर लेना.
फिर मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है, में आज रात को तुमसे जरुर मिलूंगी, तुम तैयार रहना और फिर वो रात आ गई जिसका मुझे बहुत ज्यादा इंतजार था. में उसके रूम में चली गयी और मेरे हाथ में आज एक लकड़ी थी.
मैंने उस लकड़ी से जाकर सीधे उसके पैरों के बीच में मारा. उसकी गांड फट गयी, वो मुझसे डर गया. मैंने उससे कहा कि अब तुम जल्दी से पूरे नंगे हो जाओ और वो नंगा हुआ. मैंने उसका लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसना शुरू किया. में ज़ोर-ज़ोर से उसका लंड चूस रही थी, जिसकी वजह से वो बहुत ही कम समय में तनकर खड़ा हो गया और अब वो बहुत गरम था.
फिर मैंने उससे कहा कि हाँ ठीक है, में आज रात को तुमसे जरुर मिलूंगी, तुम तैयार रहना और फिर वो रात आ गई जिसका मुझे बहुत ज्यादा इंतजार था. में उसके रूम में चली गयी और मेरे हाथ में आज एक लकड़ी थी.
मैंने उस लकड़ी से जाकर सीधे उसके पैरों के बीच में मारा. उसकी गांड फट गयी, वो मुझसे डर गया. मैंने उससे कहा कि अब तुम जल्दी से पूरे नंगे हो जाओ और वो नंगा हुआ. मैंने उसका लंड अपने मुहं में ले लिया और चूसना शुरू किया. में ज़ोर-ज़ोर से उसका लंड चूस रही थी, जिसकी वजह से वो बहुत ही कम समय में तनकर खड़ा हो गया और अब वो बहुत गरम था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
