28-09-2021, 11:50 AM
फिर मैंने उससे कहा कि अब तुम ज़्यादा जोश में भी ना आओ. अभी में चुदवाने के मूड में बिल्कुल भी नहीं हूँ, प्लीज अब जाने दो मुझे. अब वो मुझसे कहने लगा कि प्लीज रोज़ा तुम मुझे एक चुम्मा तो दे दो, उसके बाद चाहो तो चली जाना. फिर मैंने उससे कहा कि तुम्हे अभी कोई भी चुम्मा नहीं मिलेगा, प्लीज अभी मुझे बाहर जाने दो और फिर उसने मुझे जाने दिया और में सीधी अपने कमरे में चली गई और में अब उसकी बैचेनी जोश के बारे में सोचने लगी और वैसे उसको भी मेरी तड़प के बारे में पहले से ही पता था और वो बहुत अच्छी तरह से जानता था कि में लंड की बहुत प्यासी हूँ, लेकिन उसने मेरा वो असली रूप पहली बार देखा था.
दूसरे दिन सुबह वो एक बार फिर से मेरे बाथरूम में आ गया और वो दोबारा नहाने चला गया, लेकिन इस बार उसने जानबूझ कर दरवाजा बंद नहीं किया और उसने मुझसे बोला कि तुम चाहो तो अंदर आकर भी देख सकती हो कि में क्या क्या कर रहा हूँ? अब मैंने सबसे पहले जाकर अपने रूम का दरवाजा बंद किया, वो उस समय बाथरूम में नंगा था और उसने मुझसे मेरी पेंटी माँगी. फिर मैंने उससे कहा कि जो अंदर पड़ी हुई है तुम उसी को ले लो और उसी से अपना काम चला लो, लेकिन अब उसने कहा कि नहीं तुम मुझे अपनी वाली उतारकर दो, मुझे वो वाली चाहिए.
अब मैंने भी कुछ बात सोचकर उसको अपनी पहनी हुई पेंटी को उतारकर दे दी और अब उसने तुरंत मेरी पेंटी को नीचे जमीन पर रखकर फैला दिया और फिर उसने अपना लंड मेरी पेंटी की उस जगह पर रख दिया जहाँ पर पेंटी के अंदर मेरी चूत होती है, उसके बाद वो खुद नीचे जमीन पर मेरी पेंटी पर लेट गया और अब उसने मेरे सामने मेरी पेंटी को ही चोदना शुरू कर दिया. फिर मैंने उससे कहा कि तुम मेरे सामने मेरी ही पेंटी के साथ यह सब क्या कर रहे हो?
उसने मुड़कर मेरी तरफ देखा और वो बोला कि बस यही मेरी मर्जी है और यही मेरा बदला जो मुझे लेना था और उसने इतना कहकर मेरे सामने ही मेरी पेंटी को चोदा और फिर उसी में वो झड़ गया. उसने अपना गरम सफेद चिपचिपा वीर्य मेरी पेंटी में डाल दिया और अपने लंड को भी उससे साफ करके मुझे वापस दे दिया.
दूसरे दिन सुबह वो एक बार फिर से मेरे बाथरूम में आ गया और वो दोबारा नहाने चला गया, लेकिन इस बार उसने जानबूझ कर दरवाजा बंद नहीं किया और उसने मुझसे बोला कि तुम चाहो तो अंदर आकर भी देख सकती हो कि में क्या क्या कर रहा हूँ? अब मैंने सबसे पहले जाकर अपने रूम का दरवाजा बंद किया, वो उस समय बाथरूम में नंगा था और उसने मुझसे मेरी पेंटी माँगी. फिर मैंने उससे कहा कि जो अंदर पड़ी हुई है तुम उसी को ले लो और उसी से अपना काम चला लो, लेकिन अब उसने कहा कि नहीं तुम मुझे अपनी वाली उतारकर दो, मुझे वो वाली चाहिए.
अब मैंने भी कुछ बात सोचकर उसको अपनी पहनी हुई पेंटी को उतारकर दे दी और अब उसने तुरंत मेरी पेंटी को नीचे जमीन पर रखकर फैला दिया और फिर उसने अपना लंड मेरी पेंटी की उस जगह पर रख दिया जहाँ पर पेंटी के अंदर मेरी चूत होती है, उसके बाद वो खुद नीचे जमीन पर मेरी पेंटी पर लेट गया और अब उसने मेरे सामने मेरी पेंटी को ही चोदना शुरू कर दिया. फिर मैंने उससे कहा कि तुम मेरे सामने मेरी ही पेंटी के साथ यह सब क्या कर रहे हो?
उसने मुड़कर मेरी तरफ देखा और वो बोला कि बस यही मेरी मर्जी है और यही मेरा बदला जो मुझे लेना था और उसने इतना कहकर मेरे सामने ही मेरी पेंटी को चोदा और फिर उसी में वो झड़ गया. उसने अपना गरम सफेद चिपचिपा वीर्य मेरी पेंटी में डाल दिया और अपने लंड को भी उससे साफ करके मुझे वापस दे दिया.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
