27-09-2021, 01:28 AM
मैं दौड़ते हुए वापस अपने घर में चला गया, और लिविंग रूम के हमारे सोफे पर ऐसे बैठ गया जैसे वहां से कभी हिला ही न हूँ।
मैंने जल्द ही स्लाइडिंग दरवाज़ा धीरे-धीरे खुलने की आवाज़ सुनी, और मैंने देखा कि मेरी बीवी घर में घुस रही है। उसके बाल अस्त-व्यस्त थे, और वो भारी साँसें ले रही थीं। नाइटी में सिलवटे थी, और उसके चेहरे और आँखों में एक उन्माद दिखाई दे रहा था।
वो इस हालत में मुझे बहुत खूबसूरत दिखाई दे रही थी। मैंने उसे पकड़ कर सोफे पर लिटा दिया, “मोनू। रुको तो...” वो बोली।
“चुप रहो।” मैंने कहा और उसकी नाइटी को उतार कर उसकी पेंटी पर हाथ लगाया। उसकी पेंटी पूरी तरह से गीली थी और उसकी पानी छोडती चूत की गवाही दे रही थी, मैंने उसकी पेंटी को खींच कर उसके घुटनों पर कर दिया और उसे पलटा कर पीछे से अपना लंड उसकी पनियाती चूत में डाल दिया। उसकी चूत अभी भी लगातार पानी छोड़ रही थी।
“उफ़ रेनू। जब तुम एक रंडी की तरह बर्ताव करती हो तो मुझे बहुत अच्छा लगता है।” मैंने उसकी गांड एक ज़ोर का थप्पड़ मारा।
वह जोर से कराह उठी, “आह्ह्ह्ह मोनू! नहीं! मैंने आःह्ह्ह कुछ्ह्ह्ह सोर्र्य्यय्य्य्य!”
“क्या तुमको उसके बड़े लंड के साथ खेलना पसंद हैं, बोलो मेरी रंडी?” मैंने उसके चुतरो को पकड़ एक जोर का धक्का मारा।
“ओह! आआह्ह्ह नहीं!” मेरे कहते ही रेनू ने अपना चेहरा तकियों में दबा लिया। वह शर्म से सोच रही थी की मुझे कैसे पता चला लेकिन उसकी चूत उत्तेजना से और गीली हो रही थी। मुझे वो बहुत ही कामुक लग रही।
मैंने जोर से धक्के मारना शुरू कर दिया और उसकी चूत उत्तेजना से खुलने बंद होने लगी और अचानक वो सोफे पर गिर कर जोर से चिल्लाई और झड गयी। उसके झड़ते ही मैं भी फट पड़ा और अपने माल से उसकी चूत को भर दिया फिर उसकी पीठ पर गिर गया।
हम धीरे-धीरे एक दूसरे पर लुढ़क गए।
जैसे ही मैं नार्मल हुआ तो मैंने उसकी तरफ देखा, “बताओ वहां क्या हुआ। सब कुछ बताओ।”
मैंने जल्द ही स्लाइडिंग दरवाज़ा धीरे-धीरे खुलने की आवाज़ सुनी, और मैंने देखा कि मेरी बीवी घर में घुस रही है। उसके बाल अस्त-व्यस्त थे, और वो भारी साँसें ले रही थीं। नाइटी में सिलवटे थी, और उसके चेहरे और आँखों में एक उन्माद दिखाई दे रहा था।
वो इस हालत में मुझे बहुत खूबसूरत दिखाई दे रही थी। मैंने उसे पकड़ कर सोफे पर लिटा दिया, “मोनू। रुको तो...” वो बोली।
“चुप रहो।” मैंने कहा और उसकी नाइटी को उतार कर उसकी पेंटी पर हाथ लगाया। उसकी पेंटी पूरी तरह से गीली थी और उसकी पानी छोडती चूत की गवाही दे रही थी, मैंने उसकी पेंटी को खींच कर उसके घुटनों पर कर दिया और उसे पलटा कर पीछे से अपना लंड उसकी पनियाती चूत में डाल दिया। उसकी चूत अभी भी लगातार पानी छोड़ रही थी।
“उफ़ रेनू। जब तुम एक रंडी की तरह बर्ताव करती हो तो मुझे बहुत अच्छा लगता है।” मैंने उसकी गांड एक ज़ोर का थप्पड़ मारा।
वह जोर से कराह उठी, “आह्ह्ह्ह मोनू! नहीं! मैंने आःह्ह्ह कुछ्ह्ह्ह सोर्र्य्यय्य्य्य!”
“क्या तुमको उसके बड़े लंड के साथ खेलना पसंद हैं, बोलो मेरी रंडी?” मैंने उसके चुतरो को पकड़ एक जोर का धक्का मारा।
“ओह! आआह्ह्ह नहीं!” मेरे कहते ही रेनू ने अपना चेहरा तकियों में दबा लिया। वह शर्म से सोच रही थी की मुझे कैसे पता चला लेकिन उसकी चूत उत्तेजना से और गीली हो रही थी। मुझे वो बहुत ही कामुक लग रही।
मैंने जोर से धक्के मारना शुरू कर दिया और उसकी चूत उत्तेजना से खुलने बंद होने लगी और अचानक वो सोफे पर गिर कर जोर से चिल्लाई और झड गयी। उसके झड़ते ही मैं भी फट पड़ा और अपने माल से उसकी चूत को भर दिया फिर उसकी पीठ पर गिर गया।
हम धीरे-धीरे एक दूसरे पर लुढ़क गए।
जैसे ही मैं नार्मल हुआ तो मैंने उसकी तरफ देखा, “बताओ वहां क्या हुआ। सब कुछ बताओ।”