25-09-2021, 12:53 AM
(This post was last modified: 27-09-2021, 01:22 AM by Rishu. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
रेनू बिस्तर में जाने के लिए तैयार थी, उस वक़्त उसने एक छोटी सी नाइटी पहनी हुई थी। यह बहुत कामुक लग रही थी और उसके कपडे ऐसे नहीं थे जिसमें वो घर के बाहर जा सकें।
![[Image: Paola-Torrente-26.jpg?fit=1080%2C1350&ssl=1]](https://i2.wp.com/www.youthpagelive.com/wp-content/uploads/2020/11/Paola-Torrente-26.jpg?fit=1080%2C1350&ssl=1)
उसके चेहरे पर एक उलझन थी “अच्छा! तुमने बोल दिया है तो मैं कपडे बदल कर आती हूँ। तुम भी कपडे बदल लो।”
“मेरे जाने की क्या जरूरत है?” मैंने कहा, “तुम अकेली ही चली जाओ और कपडे क्या बदलने, तुम्हे वहां सिर्फ दस मिनट लगेगें।”
“अरे तो क्या इन्ही कपड़ो में चली जाऊं?”, उसने अपनी छोटी सी नाइटी की ओर इशारा करते हुए।
“क्या हर्ज है? वैसे भी आज तक उसने इतने ज्यादा कपड़ो में तुम्हे नहीं देखा होगा।” मैंने मजाक में कहा लेकिन ऐसे कपड़ो में उसे राजेश के पास भेजने के विचार से मेरे लंड ने एक झटका लिया।
वह मुस्कुराई, “अगर तुम कहते हो तो ठीक है। लेकिन पीछे के दरवाजे से चली जाती हूँ।”, उसने पिछला दरवाजा खोला मुझे बाहर जाते हुए पलट कर मुझे देखा - उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान थी जैसे वह जानती थी कि राजेश के घर पर उसको सिर्फ गार्लिक ब्रेड बनाने के लिए नहीं बुलाया गया है।
मैं अपनी बीवी की इन अदाओ से बहुत प्यार करता था। मैंने खिड़की के पास जाकर बाहर देखा की राजेश भी अपने घर के पीछे के दरवाजे को खोल कर बाहर आया, उसने शर्ट नहीं पहनी थी और सिर्फ एक बॉक्सर पहना था। वे एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराए, रेनू शरमा गई, और राजेश ने मेरी बीवी की कमर में अपना हाथ डाला और उसे अपने घर के अंदर ले गया और वो मेरी नज़रों से ओझल हो गई।
मैं फ़ौरन घर से निकल कर राजेश की रसोई की खिड़की के पास पहुच गया लेकिन खिड़की बंद थी और शीशे काले थे तो अन्दर क्या हो रहा है कुछ नहीं दिख रहा था। मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था, मैं घर लौट आया और चुपचाप सोफे पर बैठ गया। दस मिनट बीत गए, फिर बीस लेकिन रेनू लौट कर नहीं आई। मुझे लगा की कहीं राजेश रेनू को बेडरूम में तो नहीं ले गया। मैं फ़ौरन ऊपर अपने बेडरूम में गया लेकिन राजेश के बेडरूम में कोई नहीं था। मुझे लगा कि वो दोनों रसोई में ही होंगे।
मैं वापस पीछे के दरवाजे से बाहर निकला, और धीरे-धीरे उसकी रसोई की खिड़की के पास गया और खिड़की पर चढ़ कर एक्सास्ट फैन के होल से अन्दर देखने की कोशिश की। बत्ती जल रही थी और ऐसा लग रहा था कि चूल्हे पर कुछ बर्तन हैं, लेकिन राजेश या मेरी बीवी का वहां कोई नामोनिशान नहीं था।
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उसके चेहरे पर एक उलझन थी “अच्छा! तुमने बोल दिया है तो मैं कपडे बदल कर आती हूँ। तुम भी कपडे बदल लो।”
“मेरे जाने की क्या जरूरत है?” मैंने कहा, “तुम अकेली ही चली जाओ और कपडे क्या बदलने, तुम्हे वहां सिर्फ दस मिनट लगेगें।”
“अरे तो क्या इन्ही कपड़ो में चली जाऊं?”, उसने अपनी छोटी सी नाइटी की ओर इशारा करते हुए।
“क्या हर्ज है? वैसे भी आज तक उसने इतने ज्यादा कपड़ो में तुम्हे नहीं देखा होगा।” मैंने मजाक में कहा लेकिन ऐसे कपड़ो में उसे राजेश के पास भेजने के विचार से मेरे लंड ने एक झटका लिया।
वह मुस्कुराई, “अगर तुम कहते हो तो ठीक है। लेकिन पीछे के दरवाजे से चली जाती हूँ।”, उसने पिछला दरवाजा खोला मुझे बाहर जाते हुए पलट कर मुझे देखा - उसके चेहरे पर एक शरारती मुस्कान थी जैसे वह जानती थी कि राजेश के घर पर उसको सिर्फ गार्लिक ब्रेड बनाने के लिए नहीं बुलाया गया है।
मैं अपनी बीवी की इन अदाओ से बहुत प्यार करता था। मैंने खिड़की के पास जाकर बाहर देखा की राजेश भी अपने घर के पीछे के दरवाजे को खोल कर बाहर आया, उसने शर्ट नहीं पहनी थी और सिर्फ एक बॉक्सर पहना था। वे एक-दूसरे को देखकर मुस्कुराए, रेनू शरमा गई, और राजेश ने मेरी बीवी की कमर में अपना हाथ डाला और उसे अपने घर के अंदर ले गया और वो मेरी नज़रों से ओझल हो गई।
मैं फ़ौरन घर से निकल कर राजेश की रसोई की खिड़की के पास पहुच गया लेकिन खिड़की बंद थी और शीशे काले थे तो अन्दर क्या हो रहा है कुछ नहीं दिख रहा था। मेरा दिल तेजी से धड़क रहा था, मैं घर लौट आया और चुपचाप सोफे पर बैठ गया। दस मिनट बीत गए, फिर बीस लेकिन रेनू लौट कर नहीं आई। मुझे लगा की कहीं राजेश रेनू को बेडरूम में तो नहीं ले गया। मैं फ़ौरन ऊपर अपने बेडरूम में गया लेकिन राजेश के बेडरूम में कोई नहीं था। मुझे लगा कि वो दोनों रसोई में ही होंगे।
मैं वापस पीछे के दरवाजे से बाहर निकला, और धीरे-धीरे उसकी रसोई की खिड़की के पास गया और खिड़की पर चढ़ कर एक्सास्ट फैन के होल से अन्दर देखने की कोशिश की। बत्ती जल रही थी और ऐसा लग रहा था कि चूल्हे पर कुछ बर्तन हैं, लेकिन राजेश या मेरी बीवी का वहां कोई नामोनिशान नहीं था।