22-04-2019, 11:18 AM
चन्द्रकान्ता बाबू देवकीनन्दन खत्री रचित अत्यन्त लोकप्रिय उपन्यासों में से एक है। यह बाबू देवकीनन्दन खत्री जी का पहला उपन्यास है जिसकी रचना हिन्दी गद्यलेखन के आरम्भ के दिनों में हुई थी। यह उपन्यास इतना अधिक रोचक था कि इसे पढ़ने के लिये लाखों लोगों ने हिन्दी सीखा। चन्द्रकान्ता की लोकप्रियता से ही प्रेरित होकरखत्री जी ने बाद में चन्द्रकान्ता सन्तति की रचना की। इस उपन्यास के मुख्य आकर्षण हैं तिलिस्म और ऐयारी! पूरे उपन्यास में तिलिस्म और ऐयारी के सहारे कथानक को अत्यन्त रोचक और रहस्यमय बनाया गया है। इसकी रोचकता के कारण पाठक बँध सा जाता है और इस उपन्यास को प्रायः एक ही बैठक में पढ़ जाता है। तिलिस्म तथा ऐयारी से सम्बन्ध रखने के बावजूद भी चन्द्रकान्ता को मूलतः एक प्रेम कथा है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.