23-09-2021, 03:07 PM
उसने मेरी ओर देखा, “ओह, वैसा तो नहीं है लेकिन काम चल जायेगा” यह मजाक में कहा गया था, लेकिन इसने और उत्तेजित किया। मैंने रेनू की पेंटी लगभग फाड़ते हुए उतार दी और उसे बिस्तर पर पटक कर उसके ऊपर चढ़ गया।
हमने उस सुबह तीन बार चुदाई की, और हम दोनों में से कोई भी ऑफिस नहीं गया। इस घटना ने हम दोनों को बहुत उत्तेजित कर दिया था और अगले दिन शनिवार और रविवार की छुट्टी थी तो मैंने सोचा था की एक और पूल पार्टी की जाएगी।
दिन भर की चुदाई से थके उस रात रेनू और मैं डिनर के बाद सोफे पर बैठे एक फिल्म देख रहे थे कि मेरा फोन बज उठा, मैंने देखा की राजेश फोन कर रहा था। मुझे यह अजीब लगा, क्योंकि एक तो वो कभी मुझे फोन करता नहीं था और दुसरे की रात के दस बज रहे थे।
“हुकुम कीजिये वकील साहब।” मैंने फोन उठा कर कहा।
“दरखास्त है” उसने मजाक में जवाब दिया।
“बताइए कैसे मदद कर सकता हूँ?” मैंने पुछा।
“थोड़ी देर के लिए आपकी बीवी उधार मिलेगी?” राजेश के शब्दों में घबराहट साफ़ झलक रही थी।
“जी?” मेरे मुह से निकल गया। दरअसल राजेश से मुझे ऐसी किसी बात की उम्मीद बिलकुल नहीं थी।
हमने उस सुबह तीन बार चुदाई की, और हम दोनों में से कोई भी ऑफिस नहीं गया। इस घटना ने हम दोनों को बहुत उत्तेजित कर दिया था और अगले दिन शनिवार और रविवार की छुट्टी थी तो मैंने सोचा था की एक और पूल पार्टी की जाएगी।
दिन भर की चुदाई से थके उस रात रेनू और मैं डिनर के बाद सोफे पर बैठे एक फिल्म देख रहे थे कि मेरा फोन बज उठा, मैंने देखा की राजेश फोन कर रहा था। मुझे यह अजीब लगा, क्योंकि एक तो वो कभी मुझे फोन करता नहीं था और दुसरे की रात के दस बज रहे थे।
“हुकुम कीजिये वकील साहब।” मैंने फोन उठा कर कहा।
“दरखास्त है” उसने मजाक में जवाब दिया।
“बताइए कैसे मदद कर सकता हूँ?” मैंने पुछा।
“थोड़ी देर के लिए आपकी बीवी उधार मिलेगी?” राजेश के शब्दों में घबराहट साफ़ झलक रही थी।
“जी?” मेरे मुह से निकल गया। दरअसल राजेश से मुझे ऐसी किसी बात की उम्मीद बिलकुल नहीं थी।