23-09-2021, 02:55 PM
“ओफ्फो, तुम फिर शुरू हो गए ...” उसने झुंझला कर कहा और फिर उसकी आँखों में लाल डोरे तैर गए और वो बोली “लेकिन मुझे विश्वास नहीं हुआ, उफ्फ्फ उसका कितना बड़ा था।” और फिर से शरमाते हुए चुप हो गई। “सॉरी... मैं”
मुझे तो पता ही था कि राजेश के लंड ने उसे बहुत आकर्षित किया है। “बेबी, मुझे पता है। किसने सोचा होगा कि एक औसत कद काठी वाले राजेश के पास इतना बड़ा लंड होगा, इसीलिए तो बोला की तुम्हे उसको एक मौका देना चाहिए था।”
वह कुछ नहीं बोली बस शरमा गई, और चुपचाप अपना डिनर खाने लगी। धीरे अपना भोजन समाप्त किया और मैं उसे बिस्तर पर ले गया। रेनू की चुदाई करते हुए मैंने फिर से राजेश के लंड का जिक्र छेड़ दिया, मैं उसके मुह से सच्चाई सुनना चाहता था।
“जानेमन बुरा मत मानो, लेकिन उसके लंड को देखकर तुम्हे काफी अच्छा लगा था न, मुझे यकीन है कि तुम्हें वो बहुत पसंद आया।”
ये कहकर मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और एक जोरदार धक्के के साथ जड़ तक अन्दर घुसेड दिया। वो कराह कर बोली, “आःह्ह्ह कक्कक-क्या? उफ्फ्फ्फ़ नहीं- मैं...आआह्ह”
मैंने उसकी गांड पर कसकर तमाचा मारा, “ओह रेनू, जब तक मैं तुम्हें चोद रहा था, तुम उसके लंड को घूर रही थी।”
उसने कराहते हुए कहा, “मैं...वोआआह्ह्ह्ह तोह्ह्ह्ह मैंने कभीईईइ.. ओह!... उफ्फ्फ्फ़ इतना बड़ाआआअ नहीं देखा।”
मैंने नीचे झुक कर उसे चूमा, और धक्को की रफ़्तार बढ़ाते हुए कहा, “हाँ तो तुम्हे पसंद है न।”
वह इस बार जोर से कराह रही थी, और मैंने फिर से लंड बाहर करके एक जोरदार धक्का मारा और बोला, “बस एक बार सच सच बता दो न!”
वह कराह उठी, “उफ्फ्फ्फ़ ओह!” और दाँत पीसते हुए बोली, “इस्स्स्सस्स्स ठीक हैआःह्ह! मुझे उसका लांन्न्नद्द्द पसंद हईई... उफ्फ्फ्फ़ ओह! कितना बबबबबड़ा था... और मोटाहाह्ह, उफफ्फ्फ्फ़ और जोरर्रर्र से करूऊओ!”
उसके ये कहते ही हम दोनों एक लगभग एक साथ की झड गए और मैं उसके ऊपर गिर पड़ा। उसके बाद ये अक्सर होने लगा की मैं चुदाई के दौरान राजेश का जिक्र कर देता और ये हम दोनों में एक उत्तेजना भर देता था।
मुझे तो पता ही था कि राजेश के लंड ने उसे बहुत आकर्षित किया है। “बेबी, मुझे पता है। किसने सोचा होगा कि एक औसत कद काठी वाले राजेश के पास इतना बड़ा लंड होगा, इसीलिए तो बोला की तुम्हे उसको एक मौका देना चाहिए था।”
वह कुछ नहीं बोली बस शरमा गई, और चुपचाप अपना डिनर खाने लगी। धीरे अपना भोजन समाप्त किया और मैं उसे बिस्तर पर ले गया। रेनू की चुदाई करते हुए मैंने फिर से राजेश के लंड का जिक्र छेड़ दिया, मैं उसके मुह से सच्चाई सुनना चाहता था।
“जानेमन बुरा मत मानो, लेकिन उसके लंड को देखकर तुम्हे काफी अच्छा लगा था न, मुझे यकीन है कि तुम्हें वो बहुत पसंद आया।”
ये कहकर मैंने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला और एक जोरदार धक्के के साथ जड़ तक अन्दर घुसेड दिया। वो कराह कर बोली, “आःह्ह्ह कक्कक-क्या? उफ्फ्फ्फ़ नहीं- मैं...आआह्ह”
मैंने उसकी गांड पर कसकर तमाचा मारा, “ओह रेनू, जब तक मैं तुम्हें चोद रहा था, तुम उसके लंड को घूर रही थी।”
उसने कराहते हुए कहा, “मैं...वोआआह्ह्ह्ह तोह्ह्ह्ह मैंने कभीईईइ.. ओह!... उफ्फ्फ्फ़ इतना बड़ाआआअ नहीं देखा।”
मैंने नीचे झुक कर उसे चूमा, और धक्को की रफ़्तार बढ़ाते हुए कहा, “हाँ तो तुम्हे पसंद है न।”
वह इस बार जोर से कराह रही थी, और मैंने फिर से लंड बाहर करके एक जोरदार धक्का मारा और बोला, “बस एक बार सच सच बता दो न!”
वह कराह उठी, “उफ्फ्फ्फ़ ओह!” और दाँत पीसते हुए बोली, “इस्स्स्सस्स्स ठीक हैआःह्ह! मुझे उसका लांन्न्नद्द्द पसंद हईई... उफ्फ्फ्फ़ ओह! कितना बबबबबड़ा था... और मोटाहाह्ह, उफफ्फ्फ्फ़ और जोरर्रर्र से करूऊओ!”
उसके ये कहते ही हम दोनों एक लगभग एक साथ की झड गए और मैं उसके ऊपर गिर पड़ा। उसके बाद ये अक्सर होने लगा की मैं चुदाई के दौरान राजेश का जिक्र कर देता और ये हम दोनों में एक उत्तेजना भर देता था।