23-09-2021, 01:56 PM
आंखें बंद रखे हुए ही मैं लेटी रही. अब मैं जाग गई थी लेकिन सोने का नाटक कर रही थी. मेरी गांड मेरे भाई की तरफ थी. वो मेरे चूचों को पीछे से हाथ लाकर दबा रहा था. मुझे भी मजा आने लगा. कुछ देर तक वो मेरी चूचियों को दबाता रहा. उसके बाद उसने मेरे चूचों से हाथ हटा लिया. फिर उसके हाथ मेरी गांड को दबाने लगे.
मुझे मजा आ रहा था. उसने मेरी गांड को दबाया. फिर उसने मेरी लैगी को उतार कर नीचे कर दिया. कमरे में हम दोनों के अलावा कोई नहीं था.
उसने मेरी पैंटी को खींचने की कोशिश की लेकिन मेरी पैंटी मेरी जांघों में फंसी हुई थी.
मैंने हल्का सा उठते हुए उसकी मदद की मगर उसको पता नहीं लगने दिया कि मैं भी उसकी हरकतों का मजा ले रही हूं. उसके बाद भाई ने मेरी पैंटी को उतार दिया.
वो मेरी चूत पर हाथ फिराने लगा. मैं अब गर्म होने लगी थी. मेरी चूत गीली हो रही थी. उसने मेरी चूत में उंगली करनी शुरू कर दी. शायद मेरी चूत में पानी आने लगा था. मुझे भी अपनी चूत में गीलापन महसूस हो रहा था.
वो मेरी चूत में उंगली से सहला रहा था. मेरी सांसें तेज हो रही थी. उसके बाद उसने मेरी चूत को हथेली रगड़ते हुए अपना लंड मेरी गांड में लगा दिया. मुझे उसका गर्म लंड अपनी गांड पर महसूस होने लगा. मेरी चूत बिल्कुल तर हो गई थी.
शायद भाई को भी पता लग गया था कि मैं जाग रही हूं क्योंकि मेरी गीली चूत ने उसको जता दिया था कि मैं केवल सोने का नाटक कर रही हूं और भाई से चुदाई करवा लूंगी.
उसके बाद उसने अपने लंड को मेरे चूतड़ों पर रगड़ना शुरू किया. मुझे बहुत अच्छा लग रहा था. उसका लंड बहुत गर्म था और मैं चाहती थी कि वो और आगे बढ़े.
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उसने मेरी पैंटी को खींचने की कोशिश की लेकिन मेरी पैंटी मेरी जांघों में फंसी हुई थी.
मैंने हल्का सा उठते हुए उसकी मदद की मगर उसको पता नहीं लगने दिया कि मैं भी उसकी हरकतों का मजा ले रही हूं. उसके बाद भाई ने मेरी पैंटी को उतार दिया.
वो मेरी चूत पर हाथ फिराने लगा. मैं अब गर्म होने लगी थी. मेरी चूत गीली हो रही थी. उसने मेरी चूत में उंगली करनी शुरू कर दी. शायद मेरी चूत में पानी आने लगा था. मुझे भी अपनी चूत में गीलापन महसूस हो रहा था.
वो मेरी चूत में उंगली से सहला रहा था. मेरी सांसें तेज हो रही थी. उसके बाद उसने मेरी चूत को हथेली रगड़ते हुए अपना लंड मेरी गांड में लगा दिया. मुझे उसका गर्म लंड अपनी गांड पर महसूस होने लगा. मेरी चूत बिल्कुल तर हो गई थी.
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.