23-09-2021, 01:53 PM
(This post was last modified: 05-07-2022, 04:05 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
थोड़ी देर बाद हम दोनों अलग हो गए.
मैंने दीदी से कहा- अब ब्रा पहन कर दिखाओ न!
वो बाथरूम से आने के बाद अपने रूम में गईं. वे मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने साथ अन्दर ले गईं. उन्होंने अपनी अलमारी खोली और ट्रांसपेरेंट ब्रा निकाली, फिर टी-शर्ट.
ब्रा पहन कर दीदी मुझसे बोलीं- हुक लगाओ.
वो आकर मेरी गोद में बैठ गईं.
मैं हुक क्या लगाता, उनके बाल पीठ से आगे करके उनकी चूची दबाते हुए पीठ चूमने लगा.
दीदी बोलीं- जंगली … पहले देख तो लो.
मैंने हुक लगाकर उन्हें अपनी तरफ मोड़ा, तो बाप रे … काली ब्रा में से चूचियां और निप्पल साफ़ झलक रहे थे.
मैं अपना लंड मसलने लगा. दीदी ने कहा- निक्कर उतारो … मैं भी देखूं तुम्हारा कैसा है. अभी तक दर्शन ही नहीं किये और पूजा करवा ली.
मैंने हंसते हुए अपने सब कपड़े उतार दिए.
मैंने दीदी से कहा- अब ब्रा पहन कर दिखाओ न!
वो बाथरूम से आने के बाद अपने रूम में गईं. वे मेरा हाथ पकड़ कर मुझे अपने साथ अन्दर ले गईं. उन्होंने अपनी अलमारी खोली और ट्रांसपेरेंट ब्रा निकाली, फिर टी-शर्ट.
ब्रा पहन कर दीदी मुझसे बोलीं- हुक लगाओ.
वो आकर मेरी गोद में बैठ गईं.
मैं हुक क्या लगाता, उनके बाल पीठ से आगे करके उनकी चूची दबाते हुए पीठ चूमने लगा.
दीदी बोलीं- जंगली … पहले देख तो लो.
मैंने हुक लगाकर उन्हें अपनी तरफ मोड़ा, तो बाप रे … काली ब्रा में से चूचियां और निप्पल साफ़ झलक रहे थे.
मैं अपना लंड मसलने लगा. दीदी ने कहा- निक्कर उतारो … मैं भी देखूं तुम्हारा कैसा है. अभी तक दर्शन ही नहीं किये और पूजा करवा ली.
मैंने हंसते हुए अपने सब कपड़े उतार दिए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.