23-09-2021, 01:53 PM
(This post was last modified: 05-07-2022, 04:05 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
दस मिनट बाद पच्छ पच्छ दीदी की चुत पानी फेंकने लगी. वो कराहते हुए मीठी आवाज में कहने लगीं- आह … रुको रुको!
मैंने उनकी एक ना सुनी, क्योंकि मैं झड़ने वाला था. मैं और तेज धक्के मारने लगा. दीदी भी नीचे से अपनी कमर हिलाने लगीं. उसी समय मैंने सारा माल दीदी की चूत में छोड़ दिया और हांफता हुआ उनके ऊपर ही लेट गया.
झड़ने के बाद लंड चूत में ही छोटा हो गया.
फिर दीदी का पहला शब्द मुँह से निकला- जंगली कहीं के.
मैं हंस दिया.
बस वो मुझे चूमने लगीं.
उस दस मिनट की चुदाई में मैंने उनको दर्द, नशा, प्यार सब दे दिया था.
दीदी बोलने लगीं- अब उतरो मुझे बाथरूम जाने दो.
जब मैंने चूत से लंड निकाला, तो दोनों की आह निकल गई. सच में क्या मीठा सा दर्द हुआ था.
मैंने बिना कुछ कहे उनकी टी-शर्ट ऊपर कर दी और उनकी चूची का पहली बार दीदार किया. दीदी की चूची की साइज एकदम सुप्रिया कर्णिक जैसी थी. निप्पलों एकदम अंगूर जैसे, दबाने पर क्या मजा आ रहा था. इतनी मस्ती से तो मैंने अपनी मैडम मीनाक्षी को भी नहीं चोदा था.
मैंने उनकी एक ना सुनी, क्योंकि मैं झड़ने वाला था. मैं और तेज धक्के मारने लगा. दीदी भी नीचे से अपनी कमर हिलाने लगीं. उसी समय मैंने सारा माल दीदी की चूत में छोड़ दिया और हांफता हुआ उनके ऊपर ही लेट गया.
झड़ने के बाद लंड चूत में ही छोटा हो गया.
फिर दीदी का पहला शब्द मुँह से निकला- जंगली कहीं के.
मैं हंस दिया.
बस वो मुझे चूमने लगीं.
उस दस मिनट की चुदाई में मैंने उनको दर्द, नशा, प्यार सब दे दिया था.
दीदी बोलने लगीं- अब उतरो मुझे बाथरूम जाने दो.
जब मैंने चूत से लंड निकाला, तो दोनों की आह निकल गई. सच में क्या मीठा सा दर्द हुआ था.
मैंने बिना कुछ कहे उनकी टी-शर्ट ऊपर कर दी और उनकी चूची का पहली बार दीदार किया. दीदी की चूची की साइज एकदम सुप्रिया कर्णिक जैसी थी. निप्पलों एकदम अंगूर जैसे, दबाने पर क्या मजा आ रहा था. इतनी मस्ती से तो मैंने अपनी मैडम मीनाक्षी को भी नहीं चोदा था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.