23-09-2021, 01:52 PM
(This post was last modified: 05-07-2022, 04:04 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
उन्होंने भी मेरी पीठ से हाथ फेरते हुए मेरा निक्कर नीचे सरका दिया और अपनी टांगें को और चौड़ा लिया.
दीदी मेरा भरपूर साथ दे रही थीं. ना उन्होंने पूरी तरह से, ना मैंने उनके जिस्म का दीदार किया था … बस एक दूसरे में समाने की जल्दी मची थी.
अभी तक उन्होंने मेरा लंड नहीं देखा था, ना ही मैंने उनकी चूत देखी थी. बस सिस्टर Xxx चुदाई का भूत ऐसा सवार था कि कुछ मत पूछिए.
दीदी ने मेरा लंड पकड़ा और चुदाई द्वार पर लगा दिया. मैंने भी जोर लगाया, तो लंड का टोपा अन्दर घुसता चला गया. दीदी की चूत एकदम गीली और गर्म थी.
वो भी एक महीने से नहीं चुदी थीं … इसलिए दीदी की चूत एकदम टाइट थी.
दोनों को मीठा दर्द हुआ और दोनों की आह निकल गई. चुदाई के वक़्त औरत कहती है कि आराम से डालना, दर्द होगा.
पर दीदी बोलीं- दर्द की परवाह मत करना … एक साथ पूरा अन्दर डाल दो.
मैं कुछ नहीं बोला, बस दीदी की चुत में लंड घुसेड़ता चला गया. अब मैं धक्का मारने लगा, तो दीदी ने अपनी दोनों टांगों से मेरी कमर को जकड़ लिया.
उन्होंने पूरे जोर से मुझे अपनी तरफ खींचा और मेरा पूरा लंड चूत में समाहित हो गया.
अब मैं उनके कंधों को पकड़ कर जोर से धक्का मारने लगा. दीदी बस मेरे होंठ काट रही थीं. हर धक्के के साथ उह उह आह की आवाज कमरे में गूंजने लगी. मैं आंखें बंद करके दीदी की चुत को पेलने में लगा हुआ था.
दीदी मेरा भरपूर साथ दे रही थीं. ना उन्होंने पूरी तरह से, ना मैंने उनके जिस्म का दीदार किया था … बस एक दूसरे में समाने की जल्दी मची थी.
अभी तक उन्होंने मेरा लंड नहीं देखा था, ना ही मैंने उनकी चूत देखी थी. बस सिस्टर Xxx चुदाई का भूत ऐसा सवार था कि कुछ मत पूछिए.
दीदी ने मेरा लंड पकड़ा और चुदाई द्वार पर लगा दिया. मैंने भी जोर लगाया, तो लंड का टोपा अन्दर घुसता चला गया. दीदी की चूत एकदम गीली और गर्म थी.
वो भी एक महीने से नहीं चुदी थीं … इसलिए दीदी की चूत एकदम टाइट थी.
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पर दीदी बोलीं- दर्द की परवाह मत करना … एक साथ पूरा अन्दर डाल दो.
मैं कुछ नहीं बोला, बस दीदी की चुत में लंड घुसेड़ता चला गया. अब मैं धक्का मारने लगा, तो दीदी ने अपनी दोनों टांगों से मेरी कमर को जकड़ लिया.
उन्होंने पूरे जोर से मुझे अपनी तरफ खींचा और मेरा पूरा लंड चूत में समाहित हो गया.
अब मैं उनके कंधों को पकड़ कर जोर से धक्का मारने लगा. दीदी बस मेरे होंठ काट रही थीं. हर धक्के के साथ उह उह आह की आवाज कमरे में गूंजने लगी. मैं आंखें बंद करके दीदी की चुत को पेलने में लगा हुआ था.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.