23-09-2021, 01:52 PM
(This post was last modified: 05-07-2022, 04:03 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
हम दोनों को समझ नहीं आ रहा था कि पहल कौन करे.
दीदी ने कहा- चलो आज एक गेम खेलते हैं … ट्रुथ एंड डेअर.
मैंने कहा- ठीक है.
मैंने ट्रुथ बोला.
दीदी- मैं तुमको कैसी लगती हूं?
मैंने- बहुत अच्छी, आप ख्याल रखती हैं.
दीदी ने डेअर लिया.
मैं- नाच कर दिखाइए.
दीदी नाचने लगीं, मैं उनकी चूचियां उछलते हुए देखने लगा, मेरा लंड खड़ा हो गया.
अब मेरी बारी थी, मैंने फिर ट्रुथ लिया.
दीदी- तुम रोज रात को मेरी ब्रा पैंटी के साथ क्या करते हो?
मैं हक्का बक्का रह गया, पसीने छूट पड़े. फिर ख्याल आया कि जब उन्होंने इतनी हिम्मत करके पूछ लिया, तो मैं भी हिम्मत करके बता दूं.
दीदी ने कहा- चलो आज एक गेम खेलते हैं … ट्रुथ एंड डेअर.
मैंने कहा- ठीक है.
मैंने ट्रुथ बोला.
दीदी- मैं तुमको कैसी लगती हूं?
मैंने- बहुत अच्छी, आप ख्याल रखती हैं.
दीदी ने डेअर लिया.
मैं- नाच कर दिखाइए.
दीदी नाचने लगीं, मैं उनकी चूचियां उछलते हुए देखने लगा, मेरा लंड खड़ा हो गया.
अब मेरी बारी थी, मैंने फिर ट्रुथ लिया.
दीदी- तुम रोज रात को मेरी ब्रा पैंटी के साथ क्या करते हो?
मैं हक्का बक्का रह गया, पसीने छूट पड़े. फिर ख्याल आया कि जब उन्होंने इतनी हिम्मत करके पूछ लिया, तो मैं भी हिम्मत करके बता दूं.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


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