23-09-2021, 01:50 PM
(This post was last modified: 05-07-2022, 04:02 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
उफ्फ भगवान … दीदी की चूत का आकार साफ साफ दिख रहा था और उनकी चुत गीली भी दिख रही थी.
दाढ़ी बनाते वक़्त टी-शर्ट में उनकी चूचियां हिल रही थीं, जिससे उनके मम्मों के निप्पलों भी एकदम साफ दिख रहे थे.
मैं मस्ती से उनकी चुत और चूचियों का मजा लेने लगा. दीदी के कोमल हाथ मेरे गालों पर फिरते हुए मुझे बड़ा मदहोश कर रहे था.
दाढ़ी बन जाने के बाद दीदी कमरे में झाड़ू लगाने लगीं. मैं बाथरूम में घुस गया. जब मैं नहाकर आया, तो बस टॉवेल में था.
दीदी मेरा नंगा बदन देखने लगीं. मैं ऐसे ही बैठ कर टीवी देखने लगा.
फिर दीदी बाथरूम में घुस गईं और दस मिनट बाद वो नहाकर आ गईं.
आज तो और भी ज्यादा गजब हो गया था. उन्होंने आज साड़ी पहन ली थी. नाभि के नीचे साड़ी देख कर मेरी रही सही कसर पूरी हो गई थी. अब बस कमर और पीठ और पेट देखने की कसर रह गई थी.
इस समय दीदी के बाल गीले थे. सच में दीदी कहर बरपा रही थीं. मैं उन्हें कामुक नजर से देखने लगा
दाढ़ी बनाते वक़्त टी-शर्ट में उनकी चूचियां हिल रही थीं, जिससे उनके मम्मों के निप्पलों भी एकदम साफ दिख रहे थे.
मैं मस्ती से उनकी चुत और चूचियों का मजा लेने लगा. दीदी के कोमल हाथ मेरे गालों पर फिरते हुए मुझे बड़ा मदहोश कर रहे था.
दाढ़ी बन जाने के बाद दीदी कमरे में झाड़ू लगाने लगीं. मैं बाथरूम में घुस गया. जब मैं नहाकर आया, तो बस टॉवेल में था.
दीदी मेरा नंगा बदन देखने लगीं. मैं ऐसे ही बैठ कर टीवी देखने लगा.
फिर दीदी बाथरूम में घुस गईं और दस मिनट बाद वो नहाकर आ गईं.
आज तो और भी ज्यादा गजब हो गया था. उन्होंने आज साड़ी पहन ली थी. नाभि के नीचे साड़ी देख कर मेरी रही सही कसर पूरी हो गई थी. अब बस कमर और पीठ और पेट देखने की कसर रह गई थी.
इस समय दीदी के बाल गीले थे. सच में दीदी कहर बरपा रही थीं. मैं उन्हें कामुक नजर से देखने लगा
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.