23-09-2021, 01:50 PM
(This post was last modified: 05-07-2022, 04:01 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
मैंने पहले उनकी गर्दन और कंधे पर खूब मजबूती से मर्द वाला हाथ लगाया. फिर उनकी पीठ से लेकर कमर तक हाथ चलाया. फिर दोनों हाथों को झटकाया, तो चूचियां डांवाडोल हो गईं.
मैंने कहा- लीजिए हो गया, अब जाइए.
पर खड़ी होती हुई दीदी ने अपनी गांड का स्पर्श मेरे लंड पर दे दिया. मैं समझ गया कि अब बर्फी मिलना पक्का है, बस ये नहीं पता था, कब मिलेगी.
दीदी ने कहा- अपनी दाढ़ी बना लो.
मैंने कहा- मैंने खुद से कभी नहीं बनाई.
उन्होंने कहा- अरे इसमें क्या बात है, लाओ मैं बना देती हूं. जीजाजी का दाढ़ी बनाने का सामान रखा है, मैं उनकी दाढ़ी बनाकर एक्सपर्ट हो गई हूं.
मैं शेव करवाने के लिए रेडी हो गया.
मैं जमीन पर बैठ गया और दीदी पीढ़ा पर बैठ गईं. हमारे घरों में बैठने वाला एक स्टूल नुमा होता है, उसे ही पीढ़ा कहा जाता है.
दीदी के पीढ़ा पर बैठते ही मेरी नजर सीधे उनकी टांगों के बीच में चली गई.
मैंने कहा- लीजिए हो गया, अब जाइए.
पर खड़ी होती हुई दीदी ने अपनी गांड का स्पर्श मेरे लंड पर दे दिया. मैं समझ गया कि अब बर्फी मिलना पक्का है, बस ये नहीं पता था, कब मिलेगी.
दीदी ने कहा- अपनी दाढ़ी बना लो.
मैंने कहा- मैंने खुद से कभी नहीं बनाई.
उन्होंने कहा- अरे इसमें क्या बात है, लाओ मैं बना देती हूं. जीजाजी का दाढ़ी बनाने का सामान रखा है, मैं उनकी दाढ़ी बनाकर एक्सपर्ट हो गई हूं.
मैं शेव करवाने के लिए रेडी हो गया.
मैं जमीन पर बैठ गया और दीदी पीढ़ा पर बैठ गईं. हमारे घरों में बैठने वाला एक स्टूल नुमा होता है, उसे ही पीढ़ा कहा जाता है.
दीदी के पीढ़ा पर बैठते ही मेरी नजर सीधे उनकी टांगों के बीच में चली गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.