23-09-2021, 01:41 PM
राजेश और मैं दोनों उसको एकटक देखते रहे। वो पूल से निकल कर राजेश के पास गयी और उसके हाथ से गिलास लिया फिर वो मेज पर गयी और जार से उसने राजेश के लिए ड्रिंक निकाला और वापस जाकर उसने राजेश को वो ड्रिंक दिया। राजेश ने थूक गटकते हुए उसके मम्मों को हाथ लगाना चाहा लेकिन रेनू फुर्ती से पीछे हो गयी और हँसती हुई वापस मेरे पास पूल में आ गयी। राजेश बेचारा हाथ मलते रह गया और मैंने उसे बडबडाते हुए सुना “उफ्फ्फ! क्या मम्मे हैं !”
रेनू ने मुझे एक जुनून के साथ चूमा और मुझे पता था कि वह अब चुदाई मांग रही थी, मैंने सोचा की अब मैं राजेश को जाने को बोलता हूँ लेकिन तभी रेनू मेरे कान में फुसफुसाई, “क्यों बेबी, मजा आया न।”
ये कहकर वो पानी के नीचे चली गई और मैं कुछ सोच पाता उससे पहले ही उसने मेरे खड़े लंड को स्विमिंग शोर्ट से बाहर निकाल लिया। मेरे लिए ये एक एकदम अप्रत्याशित था, मेरे कुछ कहने से पहले ही उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के अंदर धकेल दिया।
अब कुछ कहने सुनने का वक़्त नहीं था। मैं भी काफी उत्तेजित था। मैंने रेनू को ऊपर उठाया और उसने अपने पैरों को मेरे चारों ओर लपेट लिया। मैंने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया कि राजेश अब भी वहीं था। मैंने उसे पूल की दीवार से सटाया और नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिए। धक्को से उसके मम्मे पानी के अन्दर बाहर हो रहे थे। बाहर से देखने पर साफ़ पता चल रहा था की मैं रेनू को बेतहाशा चोद रहा हूँ और रेनू भी बिना राजेश की परवाह किये जोर जोर से सिस्कारियां लेने लगी।
हम दोनों चुदाई में खोए हुए थे और भूल चुके थे की वहां हमारा पड़ोसी भी मौजूद है। हमने आज से पहले किसी दुसरे इन्सान के सामने चुदाई नहीं की थी। मैं ताबड़तोड़ अपना लंड रेनू की चूत के अन्दर बाहर किये जा रहा था और रेनू हर धक्के के साथ कराह उठती, “येस बेबी आःह्ह्ह और तेज़ आआअह्हह्हह” लेकिन अचानक रेनू ने आश्चर्य से चिल्लाकर मुझे चौंका दिया, “ओह! गॉड ये क्या है!”
वह पूल के किनारे बैठे राजेश की तरफ देख रही थी। अब मैंने भी राजेश की तरफ देखा।
रेनू ने मुझे एक जुनून के साथ चूमा और मुझे पता था कि वह अब चुदाई मांग रही थी, मैंने सोचा की अब मैं राजेश को जाने को बोलता हूँ लेकिन तभी रेनू मेरे कान में फुसफुसाई, “क्यों बेबी, मजा आया न।”
ये कहकर वो पानी के नीचे चली गई और मैं कुछ सोच पाता उससे पहले ही उसने मेरे खड़े लंड को स्विमिंग शोर्ट से बाहर निकाल लिया। मेरे लिए ये एक एकदम अप्रत्याशित था, मेरे कुछ कहने से पहले ही उसने मेरा लंड पकड़ कर अपनी चूत के अंदर धकेल दिया।
अब कुछ कहने सुनने का वक़्त नहीं था। मैं भी काफी उत्तेजित था। मैंने रेनू को ऊपर उठाया और उसने अपने पैरों को मेरे चारों ओर लपेट लिया। मैंने इस बात पर ध्यान ही नहीं दिया कि राजेश अब भी वहीं था। मैंने उसे पूल की दीवार से सटाया और नीचे से धक्के मारने शुरू कर दिए। धक्को से उसके मम्मे पानी के अन्दर बाहर हो रहे थे। बाहर से देखने पर साफ़ पता चल रहा था की मैं रेनू को बेतहाशा चोद रहा हूँ और रेनू भी बिना राजेश की परवाह किये जोर जोर से सिस्कारियां लेने लगी।
हम दोनों चुदाई में खोए हुए थे और भूल चुके थे की वहां हमारा पड़ोसी भी मौजूद है। हमने आज से पहले किसी दुसरे इन्सान के सामने चुदाई नहीं की थी। मैं ताबड़तोड़ अपना लंड रेनू की चूत के अन्दर बाहर किये जा रहा था और रेनू हर धक्के के साथ कराह उठती, “येस बेबी आःह्ह्ह और तेज़ आआअह्हह्हह” लेकिन अचानक रेनू ने आश्चर्य से चिल्लाकर मुझे चौंका दिया, “ओह! गॉड ये क्या है!”
वह पूल के किनारे बैठे राजेश की तरफ देख रही थी। अब मैंने भी राजेश की तरफ देखा।