23-09-2021, 12:11 PM
सहेलियों और यारों कहानी आगे नही बढा पा रही थी,केंयोकी ईसके सारे किरदार वास्तविक हैं,उनमें से कईयों को एतराज था चाहते थे कि ईसे पुरी न कि जाए।अगर लिखनी ही हो तो कम स कम नाम बदल देनी होगी।जो अब संभव नही थी,कम से कम मेरी जैसी असाहित्यिक महिला से।बहुत मनावन के बाद और केया बताउं बहुत कुछ हुआ तब जाके सब माने हैं।अतः ईस कहानी को आज से ही बढाना आरंभ करुंगी और ऊम्मीद करती हूं दो से तीन दिन में पुरी कर दूं।आशा है आप सब मुझे क्षमा कर देंगे,देंगी ईस देरी के लिए।आपकी चुदक्कर मीरा।