18-09-2021, 03:19 PM
रात भर मेरी बहन ठाकुर साहब के नीचे पड़ी हुई चुदती रही ..
सुबह जब मेरी दीदी की नींद खुली.. तो उन्हें खुद पर ही शर्म आने लगी थी.... मेरी रूपाली दीदी नंगी ठाकुर साहब के सीने पर लेटी हुई थी.... ठाकुर साहब का खड़ा मुसल देखकर मेरी बहन के मुंह में पानी आ रहा था.. मेरी बहन उनका पकड़ कर हिलाने लगी थी... ठाकुर साहब की आंख खुल गई थी... मेरी रूपाली दीदी शर्म से पानी पानी हो गई..
मेरी रूपाली दीदी: आज तो संडे है ना ठाकुर साहब... आप तो घर पर ही रहोगे.... क्या आप सोनिया को बाल कटवाने के लिए हजाम के पास ले जा सकते हो प्लीज...
ठाकुर साहब: नहीं रुपाली मैं नहीं जा सकता हूं आज.. बहुत काम है मुझे आज के दिन.. तुम चली जाओ ना..
मेरी दीदी: मैं कैसे जाऊंगी.. इतना सारा काम होता है घर में..
मेरी रूपाली दीदी ठाकुर साहब के लंड को ऊपर नीचे करते हुए बोल रही थी.. उनका मुट्ठ मार रही थी...
ठाकुर साहब: एक काम करो रूपाली.. तुम भीमा के पास चली जाओ... वह सोनिया के बाल अच्छी तरह काट देगा...
मेरी रूपाली दीदी: यह भीमा कौन है ठाकुर साहब..
ठाकुर साहब: भीमा मेरा खास आदमी है.. नाई की दुकान चलाता है यहीं पर बगल में.. तुम सोनिया को लेकर उसके पास चले जाना दिन में.. आज मुझे बहुत काम है ...मैं उसको बोल दूंगा...
"इस्स्स... आहह... ... आहह.." मेरी रूपाली दीदी ने अपने हाथों से ही ठाकुर साहब के मुसल से उनका मक्खन निकाल लिया था..
तुम बड़ी मस्त माल रुपाली.. ठाकुर साहब चीखने लगे थे...
मेरी रूपाली दीदी उठकर बाथरूम में चली गई थी नंगी अपने बदन को साफ करने के लिए...
सुबह जब मेरी दीदी की नींद खुली.. तो उन्हें खुद पर ही शर्म आने लगी थी.... मेरी रूपाली दीदी नंगी ठाकुर साहब के सीने पर लेटी हुई थी.... ठाकुर साहब का खड़ा मुसल देखकर मेरी बहन के मुंह में पानी आ रहा था.. मेरी बहन उनका पकड़ कर हिलाने लगी थी... ठाकुर साहब की आंख खुल गई थी... मेरी रूपाली दीदी शर्म से पानी पानी हो गई..
मेरी रूपाली दीदी: आज तो संडे है ना ठाकुर साहब... आप तो घर पर ही रहोगे.... क्या आप सोनिया को बाल कटवाने के लिए हजाम के पास ले जा सकते हो प्लीज...
ठाकुर साहब: नहीं रुपाली मैं नहीं जा सकता हूं आज.. बहुत काम है मुझे आज के दिन.. तुम चली जाओ ना..
मेरी दीदी: मैं कैसे जाऊंगी.. इतना सारा काम होता है घर में..
मेरी रूपाली दीदी ठाकुर साहब के लंड को ऊपर नीचे करते हुए बोल रही थी.. उनका मुट्ठ मार रही थी...
ठाकुर साहब: एक काम करो रूपाली.. तुम भीमा के पास चली जाओ... वह सोनिया के बाल अच्छी तरह काट देगा...
मेरी रूपाली दीदी: यह भीमा कौन है ठाकुर साहब..
ठाकुर साहब: भीमा मेरा खास आदमी है.. नाई की दुकान चलाता है यहीं पर बगल में.. तुम सोनिया को लेकर उसके पास चले जाना दिन में.. आज मुझे बहुत काम है ...मैं उसको बोल दूंगा...
"इस्स्स... आहह... ... आहह.." मेरी रूपाली दीदी ने अपने हाथों से ही ठाकुर साहब के मुसल से उनका मक्खन निकाल लिया था..
तुम बड़ी मस्त माल रुपाली.. ठाकुर साहब चीखने लगे थे...
मेरी रूपाली दीदी उठकर बाथरूम में चली गई थी नंगी अपने बदन को साफ करने के लिए...