18-09-2021, 12:18 AM
फिर हमने चुपचाप खाना खाया और मिनटों के बाद हम अपने बिस्तर पर नंगे थे और जानवरों की तरह चुदाई कर रहे थे। आज रेनू की चूत ईतनी गीली थी जितनी मैंने काफी लम्बे समय से नहीं देखी थी, और मेरा लंड लोहे की रोड की तरह सख्त था। ऐसा क्यों था मैं ये समझ नहीं पाया। अचानक वो मेरे ऊपर आ गयी और एक काउगर्ल की तरह मेरे लंड की सवारी करने लगी। मैंने उसके बड़े मम्मों को पकड़ लिया और उन्हें जोर से मसलते हुए उकसाया “अरे आज तो तुम्हारी चूत बहुत पानी छोड़ रही है मेरी जान, क्या बात है।”
चुचिया दबाने से वो कराह उठी, उसने अपना सिर पीछे झुका लिया और मेरे कंधों को पकड़ लिया लेकिन कुछ नहीं बोली।
मैं खुद को रोक नहीं पाया और उसे और चिढ़ाया, “मुझे लगता है की तुमको रोज राजेश को अपनी खूबसूरती के दर्शन कराने चाहिए।”
उसने मेरी छाती पर थप्पड़ मारा, “स्टॉप इट” उसका स्वर गंभीर था लेकिन सच में नहीं चाहती थी की मैं रुकूँ। वो भी उत्तेजित हो रही थी, उसके होठ थरथरा रहे थे और वो मदहोशी में सिस्कारिया ले रही थी।
“मुझे यकीन है कि वह तुम्हारे खूबसूरत नंगे जिस्म पर एक और नज़र डालने के लिए कुछ भी करने का तैयार हो जायेगा।” मैंने रेनू को फिर से छेड़ा और साथ ही उसके निपल्स को अपनी चुटकी में दबाते हुए कस कर मसला जो उसे बहुत पसंद था।
वह जोर से कराह उठी, वह जोर जोर से मुझ पर उछलने लगी और अचानक मेरे लंड पर जोर से बैठ गयी जैसे मुझे पीस देगी, इसके साथ ही उसकी चूत बहने लगी और वो झड गई।
मुझे लगा की वो इतनी तेज़ कराही है की राजेश ने भी उसकी आवाज सुनी होगी और ये सोचते ही मैं भी उसके अंदर झड गया। ऐसा ओर्गास्म आज बहुत दिनों बाद हुआ था। हम दोनों नंगे एक दुसरे से गुथे हुए लेते रहे और वैसे ही कब सो गए पता ही नहीं चला।
चुचिया दबाने से वो कराह उठी, उसने अपना सिर पीछे झुका लिया और मेरे कंधों को पकड़ लिया लेकिन कुछ नहीं बोली।
मैं खुद को रोक नहीं पाया और उसे और चिढ़ाया, “मुझे लगता है की तुमको रोज राजेश को अपनी खूबसूरती के दर्शन कराने चाहिए।”
उसने मेरी छाती पर थप्पड़ मारा, “स्टॉप इट” उसका स्वर गंभीर था लेकिन सच में नहीं चाहती थी की मैं रुकूँ। वो भी उत्तेजित हो रही थी, उसके होठ थरथरा रहे थे और वो मदहोशी में सिस्कारिया ले रही थी।
“मुझे यकीन है कि वह तुम्हारे खूबसूरत नंगे जिस्म पर एक और नज़र डालने के लिए कुछ भी करने का तैयार हो जायेगा।” मैंने रेनू को फिर से छेड़ा और साथ ही उसके निपल्स को अपनी चुटकी में दबाते हुए कस कर मसला जो उसे बहुत पसंद था।
वह जोर से कराह उठी, वह जोर जोर से मुझ पर उछलने लगी और अचानक मेरे लंड पर जोर से बैठ गयी जैसे मुझे पीस देगी, इसके साथ ही उसकी चूत बहने लगी और वो झड गई।
मुझे लगा की वो इतनी तेज़ कराही है की राजेश ने भी उसकी आवाज सुनी होगी और ये सोचते ही मैं भी उसके अंदर झड गया। ऐसा ओर्गास्म आज बहुत दिनों बाद हुआ था। हम दोनों नंगे एक दुसरे से गुथे हुए लेते रहे और वैसे ही कब सो गए पता ही नहीं चला।