16-09-2021, 01:24 AM
मैं नाश्ता ख़त्म करके ऑफिस के लिए निकला तो देखा की मेरी कार के पास राजेश खड़ा था और उसका चेहरा शर्म से लाल हो रहा था।
मुझे देखते ही वो बोला, “मनीष। I am extremely sorry! देखो, मुझे सच में बहुत खेद है, मैं नहाकर निकला और अचानक मेरी नज़र रेनू पर पड़ गयी और मुझे कुछ समझ आता उससे पहले ही उसने पर्दे बंद किये और मैंने उसकी चीख सुनी, और ...”
मैंने उसे रोका, और हंसते हुए कहा “मैं समझ सकता हूँ राजेश, यह एक एक्सीडेंट था। यह कोई बड़ी बात नहीं है।”
“रेनू पता नहीं मेरे बारे में क्या सोच रही होगी” वो अभी भी घबरा रहा था।
“मैंने रेनू को समझा दिया है। आप बिलकुल परेशान न हों” मैंने उसे दिलासा दिया।
उसने राहत की सांस ली, शायद उसको यह नहीं पता था कि मैं कैसे प्रतिक्रिया दूंगा, उसको लगा था की मैं शायद झगडा करूंगा।
मुझे देखते ही वो बोला, “मनीष। I am extremely sorry! देखो, मुझे सच में बहुत खेद है, मैं नहाकर निकला और अचानक मेरी नज़र रेनू पर पड़ गयी और मुझे कुछ समझ आता उससे पहले ही उसने पर्दे बंद किये और मैंने उसकी चीख सुनी, और ...”
मैंने उसे रोका, और हंसते हुए कहा “मैं समझ सकता हूँ राजेश, यह एक एक्सीडेंट था। यह कोई बड़ी बात नहीं है।”
“रेनू पता नहीं मेरे बारे में क्या सोच रही होगी” वो अभी भी घबरा रहा था।
“मैंने रेनू को समझा दिया है। आप बिलकुल परेशान न हों” मैंने उसे दिलासा दिया।
उसने राहत की सांस ली, शायद उसको यह नहीं पता था कि मैं कैसे प्रतिक्रिया दूंगा, उसको लगा था की मैं शायद झगडा करूंगा।