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Incest लॉकडाउन में दीदी को खूब चोदा
#10
तभी जीजा का फोन आ गया. अभी दस बज रहे थे. दीदी फोन उठाने गईं, तो मैंने अपने लंड को संभाला और उठ गया. पर निक्कर में लंड का तम्बू अभी तना हुआ साफ़ दिख रहा था.

मैंने कहा- आप बात करो … मैं सोने जा रहा हूँ.
मैं जाने लगा, तो दीदी बोलीं- पानी तो लेते जाओ प्यासे रहोगे क्या!

जब मैं बॉटल लेने मुड़ा, तो उन्होंने खड़े लंड को देखकर फिर से अपनी आंखें सेंक लीं.

तभी जीजा जी ने दीदी से मुझसे बात करवाने को कहा. मैं फोन लेकर जीजा जी से बात करने लगा. मैं बात करते हुए दीदी को ही देख रहा था. लंड देख कर दीदी गर्म हो गई थीं और इस कारण उनके मम्मों के निप्पल तन गए थे. टी-शर्ट में से ही उनके चूचुकों का आकार दिखने लगा था.

उन्होंने मेरी आंखों में देखा, फिर पता नहीं उनको क्या दिखा. नशा, प्यास, प्यार, या वासना का माहौल बन गया था.

मैंने फोन दीदी को दे दिया- लो जीजा जी से बात कर लो.

मुझे जाते देख कर दीदी ने फोन म्यूट करके बोला- राज, तुम्हारी आंखें बहुत नशीली हैं.

मैं हंसता हुआ छत पर चला गया. उधर जाकर अपनी मैडम को फोन लगाया, तो वो सो चुकी थी.

दीदी की चूचियों का स्पर्श पाकर मैं पागल हुए जा रहा था. मैंने देखा कि शाम वाली दीदी की ब्रा और पैंटी छत पर ही सूख रही थी. मैंने दोनों को उठाया और पैंटी सूंघने लगा. उनकी चुत वाले हिस्से को मैंने सूंघा, तो क्या मस्त खुशबू आ रही थी. उस महक के आगे साला इत्र भी फेल लग रहा था.

मैंने एक हाथ से पैंटी को अपने मुँह में भर लिया और दूसरे हाथ से ब्रा को लंड में लटका कर मुठ मारने लगा. लेकिन आज मुझे उनके कपड़ों में वीर्यपात नहीं करना था, सिर्फ मज़ा लेना था.

कुछ देर बाद मैं लेट गया और ब्रा और पैंटी को अपनी निक्कर में डाल कर दीदी को चोदने का सपना देखने लगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: लॉकडाउन में दीदी को खूब चोदा - by neerathemall - 14-09-2021, 03:16 PM



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