14-09-2021, 03:14 PM
(This post was last modified: 05-07-2022, 03:58 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
दीदी शाम को भी नहाती थीं और अपने कपड़े ऊपर छत पर डाल देती थीं. घर में लोअर टी-शर्ट पहनती थीं या रात में नाइटी पहनती थीं.
मेरा वही रूटीन था, भांग खाना … फिर खाना और छत पर चले जाना.
उसी दिन रात को मैं छत पर टहल कर अपनी मैडम से बात कर रहा था. हम दोनों फोन सेक्स कर रहे थे. तभी अचानक ध्यान आया कि दीदी की ब्रा का साइज देखा जाए.
मैंने मोबाइल की टॉर्च जलाकर देखा, तो दीदी की ब्रा पर 36 बी लिखा था. फोन पर बात करते करते मैं दीदी की ब्रा से खेल रहा था, कभी उसे चूस रहा था, कभी लंड पर लगा रहा था.
दोस्तो, किसी किसी ब्रा में दोनों कप के बीच में एक छेद सा होता है. दीदी की ब्रा में भी था. मैं उस छेद में अपना लंड फंसा कर मुठ मारने लगा. मैं अपनी गर्लफ्रेंड की सेक्सी बातों में काफी उत्तेजित हो गया और जोश में होश खो बैठा. बस मेरा लंड एकदम से अकड़ा और मैं दीदी की ब्रा में ही वीर्यपात कर बैठा.
बाद में मैंने पीने वाले पानी से ब्रा को धोकर टांग दिया.
जब दीदी मुझे सुबह जगाने और कपड़े लेने आईं, तो उन्होंने देखा कि सब कपड़े सूख गए हैं … पर ब्रा गीली है. उनका माथा ठनक गया. मैं डर रहा था, पर सोचा कि जो होगा देखा जाएगा.
हम दोनों नीचे आ गए. दीदी नहाने घुस गईं, तो मैंने उनके रूम में जाकर देखा. उधर कम से कम 8 ब्रा थीं. सब अलग अलग डिजाइन की थीं. कोई प्रिंटेड, तो कोई ट्रांसपेरेंट.
मेरा वही रूटीन था, भांग खाना … फिर खाना और छत पर चले जाना.
उसी दिन रात को मैं छत पर टहल कर अपनी मैडम से बात कर रहा था. हम दोनों फोन सेक्स कर रहे थे. तभी अचानक ध्यान आया कि दीदी की ब्रा का साइज देखा जाए.
मैंने मोबाइल की टॉर्च जलाकर देखा, तो दीदी की ब्रा पर 36 बी लिखा था. फोन पर बात करते करते मैं दीदी की ब्रा से खेल रहा था, कभी उसे चूस रहा था, कभी लंड पर लगा रहा था.
दोस्तो, किसी किसी ब्रा में दोनों कप के बीच में एक छेद सा होता है. दीदी की ब्रा में भी था. मैं उस छेद में अपना लंड फंसा कर मुठ मारने लगा. मैं अपनी गर्लफ्रेंड की सेक्सी बातों में काफी उत्तेजित हो गया और जोश में होश खो बैठा. बस मेरा लंड एकदम से अकड़ा और मैं दीदी की ब्रा में ही वीर्यपात कर बैठा.
बाद में मैंने पीने वाले पानी से ब्रा को धोकर टांग दिया.
जब दीदी मुझे सुबह जगाने और कपड़े लेने आईं, तो उन्होंने देखा कि सब कपड़े सूख गए हैं … पर ब्रा गीली है. उनका माथा ठनक गया. मैं डर रहा था, पर सोचा कि जो होगा देखा जाएगा.
हम दोनों नीचे आ गए. दीदी नहाने घुस गईं, तो मैंने उनके रूम में जाकर देखा. उधर कम से कम 8 ब्रा थीं. सब अलग अलग डिजाइन की थीं. कोई प्रिंटेड, तो कोई ट्रांसपेरेंट.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.