14-09-2021, 03:13 PM
(This post was last modified: 05-07-2022, 03:56 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
बहुत दिन बाद मिलने के बाद दीदी और मैं देर रात तक और दिन भर बातें किया करते थे. हम दोनों बहुत ज्यादा घुल-मिल गए थे. सारे दिन भर घर पर ही रहना होता था.
दीदी तरह तरह के पकवान बनाती थीं. मुझे ये सब बड़ा अच्छा लग रहा था.
एक दिन खाना खाते हुए मजाक में मैंने कह दिया कि दीदी इतनी सेवा तो शायद मेरी बीवी भी नहीं करेगी.
मेरी बात पर दीदी हंस पड़ीं और मैं भी.
गांव में मुझे भांग खाने की आदत पड़ गई थी, तो मैं अपने साथ गांव से भरपूर मात्रा में भांग लाया था. इधर मैं रात में अकेले ही छत पर सोता था क्योंकि रात को मैं खाना खाने से पहले भांग खा लेता था … और खाना खाते ही अपना बोरिया बिस्तर लेकर छत पर भाग जाता था. क्योंकि खाना खाने के बाद भांग का नशा काफी चढ़ जाता है.
छत पर जाकर मैं फोन पर अपनी गर्लफ्रेंड से लग जाता था. एक रात अपनी गर्लफ्रेंड से बात करते करते मेरा गला सूखने लगा. पानी भी खत्म हो गया था, तो मैं नीचे चला गया.
नीचे दीदी जीजा जी से फोन पर बात कर रही थीं. अपनी गर्लफ्रेंड से बात करने के कारण मेरा भी लंड तना हुआ था.
मैंने दीदी को आवाज लगा कर कहा- दीदी मुझे पानी चाहिए.
दीदी बोलीं- अन्दर आकर ले लो.
मैंने कहा- अंधेरा पड़ा है, आप लाइट तो जलाओ.
लाइट जलते ही मैंने दीदी को पहली बार नाइटी में देखा. दीदी क्या गजब लग थीं. बिखरे हुए बाल थे और बिना ब्रा के उनके हिलते हुए मम्मे कहर ढा रहे थे.
दीदी तरह तरह के पकवान बनाती थीं. मुझे ये सब बड़ा अच्छा लग रहा था.
एक दिन खाना खाते हुए मजाक में मैंने कह दिया कि दीदी इतनी सेवा तो शायद मेरी बीवी भी नहीं करेगी.
मेरी बात पर दीदी हंस पड़ीं और मैं भी.
गांव में मुझे भांग खाने की आदत पड़ गई थी, तो मैं अपने साथ गांव से भरपूर मात्रा में भांग लाया था. इधर मैं रात में अकेले ही छत पर सोता था क्योंकि रात को मैं खाना खाने से पहले भांग खा लेता था … और खाना खाते ही अपना बोरिया बिस्तर लेकर छत पर भाग जाता था. क्योंकि खाना खाने के बाद भांग का नशा काफी चढ़ जाता है.
छत पर जाकर मैं फोन पर अपनी गर्लफ्रेंड से लग जाता था. एक रात अपनी गर्लफ्रेंड से बात करते करते मेरा गला सूखने लगा. पानी भी खत्म हो गया था, तो मैं नीचे चला गया.
नीचे दीदी जीजा जी से फोन पर बात कर रही थीं. अपनी गर्लफ्रेंड से बात करने के कारण मेरा भी लंड तना हुआ था.
मैंने दीदी को आवाज लगा कर कहा- दीदी मुझे पानी चाहिए.
दीदी बोलीं- अन्दर आकर ले लो.
मैंने कहा- अंधेरा पड़ा है, आप लाइट तो जलाओ.
लाइट जलते ही मैंने दीदी को पहली बार नाइटी में देखा. दीदी क्या गजब लग थीं. बिखरे हुए बाल थे और बिना ब्रा के उनके हिलते हुए मम्मे कहर ढा रहे थे.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.