14-09-2021, 03:10 PM
फिर दीदी बोली- चलो अब इसे साफ भी तो करना है.
और वो बाथरूम की तरफ जाने लगी।
मैं भी उनके साथ बाथरूम में गया और दीदी ने मेरे लण्ड की सफाई की और मैंने दीदी की चूत और चूचियों की।
वापस बेड पर आकर हम दोनों एक दूसरे के गले लग गए और दुबारा चूमने लगे।
मैंने दीदी से पूछा- कि तुमने पहले किसी के साथ किया है क्या?
तो दीदी ने कहा- नहीं।
“फिर तुम्हारी चूत में मेरा लंड इतनी आसानी से कैसे घुस गया और तुम्हारा खून भी नहीं आया?”
“वो इसलिए क्योंकि मैं उंगली से करती हूँ … और नीरा भी करती है मेरे साथ!”
“तो फिर नीरा को तुमने ये क्यों कहा कि मैं सो गया हूँ अभी?”
“मनीष जब तेरे साथ मुझे करना ही था तो नीरा के साथ क्यों करती? हम दोनों अकेले भी तो मजा ले सकते हैं। क्यों?” यह बोलकर दीदी मेरे लंड को फिर से ऊपर नीचे करने लगी।
“चल ना फिर से करते हैं!” यह बोलकर दीदी ने अपनी नंगी टाँगें मेरी टांगों पर चढ़ा दी।
तभी दीदी के मोबाइल पर मैसेज आया। दीदी ने मैसेज पढ़ा और फिर मुझे दिया पढ़ने को!
नीरा का था- साली कमीनी … मुझसे झूठ मत बोल! तूने मनीष के साथ चुदवाया ना अभी? नहीं चुदवा रही होती तो बिना मेरे साथ किये तुझे नींद आती ही नहीं। कल तेरे घर आ कर मैंने तेरे सामने मनीष से नहीं चुदवाया तो मेरा नाम नीरा नहीं।
और वो बाथरूम की तरफ जाने लगी।
मैं भी उनके साथ बाथरूम में गया और दीदी ने मेरे लण्ड की सफाई की और मैंने दीदी की चूत और चूचियों की।
वापस बेड पर आकर हम दोनों एक दूसरे के गले लग गए और दुबारा चूमने लगे।
मैंने दीदी से पूछा- कि तुमने पहले किसी के साथ किया है क्या?
तो दीदी ने कहा- नहीं।
“फिर तुम्हारी चूत में मेरा लंड इतनी आसानी से कैसे घुस गया और तुम्हारा खून भी नहीं आया?”
“वो इसलिए क्योंकि मैं उंगली से करती हूँ … और नीरा भी करती है मेरे साथ!”
“तो फिर नीरा को तुमने ये क्यों कहा कि मैं सो गया हूँ अभी?”
“मनीष जब तेरे साथ मुझे करना ही था तो नीरा के साथ क्यों करती? हम दोनों अकेले भी तो मजा ले सकते हैं। क्यों?” यह बोलकर दीदी मेरे लंड को फिर से ऊपर नीचे करने लगी।
“चल ना फिर से करते हैं!” यह बोलकर दीदी ने अपनी नंगी टाँगें मेरी टांगों पर चढ़ा दी।
तभी दीदी के मोबाइल पर मैसेज आया। दीदी ने मैसेज पढ़ा और फिर मुझे दिया पढ़ने को!
नीरा का था- साली कमीनी … मुझसे झूठ मत बोल! तूने मनीष के साथ चुदवाया ना अभी? नहीं चुदवा रही होती तो बिना मेरे साथ किये तुझे नींद आती ही नहीं। कल तेरे घर आ कर मैंने तेरे सामने मनीष से नहीं चुदवाया तो मेरा नाम नीरा नहीं।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.