14-09-2021, 03:09 PM
“ओह्ह … आज पहली बार लंड का मजा मिला है … उम्म्म उम्म्म ओह्ह … चोद मनीष मुझे … और चोद!” बोलती हुयी दीदी मुझे अपने ऊपर खींचने लगी।
मेरी स्पीड बढ़ गयी थी और मैं जोर जोर से धक्के मारने लगा और मेरे हर धक्के से दीदी की चूचियां हिल रही थी। मैंने चूचियों को मसलते हुए चुदाई जारी रखी।
दीदी मुझे ‘और चोदो … और चोदो …’ बोलकर उकसाती जा रही थी।
मेरे लंड की गोटियां दीदी की चूत से टकरा रही थी।
“ओह्ह दीदी … उम्म … उम्म … कितनी कसी हुई है तुम्हारी चूत! मेरा लंड चूस रही है!”
“उम्म्म … हाँ मनीष पहली बार किसी का लंड घुसा है न इसलिए मजे ले कर चूस रही है।”
करीब 7-8 मिनट तक चोदने के बाद मुझे लगा कि मेरा पानी आने वाला है, मैं बोला- दीदी मेरा पानी आने वाला है … ओह्ह!
“अंदर मत गिराना!” यह बोल कर दीदी ने मेरा लंड अपनी चूत से निकाल दिया और अपने हाथों से मुठ मारने लगी।
मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी जो उनके गले और चूचियों पर जा कर गिरी।
“ओह्ह दीदी … उम्म्म्म उम्म्म!” करते हुए मैंने पूरा पानी अपने लंड से निकाल दिया। कुछ दीदी के हाथ में भी लगा जिसे दीदी ने चाट लिया और मुझे आँख मारते हुए बोली- उम्म्म … बहुत नमकीन हो तुम मनीष।
तो इस तरह मैंने पहली बार अपनी दीदी की चुदाई की.
मेरी स्पीड बढ़ गयी थी और मैं जोर जोर से धक्के मारने लगा और मेरे हर धक्के से दीदी की चूचियां हिल रही थी। मैंने चूचियों को मसलते हुए चुदाई जारी रखी।
दीदी मुझे ‘और चोदो … और चोदो …’ बोलकर उकसाती जा रही थी।
मेरे लंड की गोटियां दीदी की चूत से टकरा रही थी।
“ओह्ह दीदी … उम्म … उम्म … कितनी कसी हुई है तुम्हारी चूत! मेरा लंड चूस रही है!”
“उम्म्म … हाँ मनीष पहली बार किसी का लंड घुसा है न इसलिए मजे ले कर चूस रही है।”
करीब 7-8 मिनट तक चोदने के बाद मुझे लगा कि मेरा पानी आने वाला है, मैं बोला- दीदी मेरा पानी आने वाला है … ओह्ह!
“अंदर मत गिराना!” यह बोल कर दीदी ने मेरा लंड अपनी चूत से निकाल दिया और अपने हाथों से मुठ मारने लगी।
मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी जो उनके गले और चूचियों पर जा कर गिरी।
“ओह्ह दीदी … उम्म्म्म उम्म्म!” करते हुए मैंने पूरा पानी अपने लंड से निकाल दिया। कुछ दीदी के हाथ में भी लगा जिसे दीदी ने चाट लिया और मुझे आँख मारते हुए बोली- उम्म्म … बहुत नमकीन हो तुम मनीष।
तो इस तरह मैंने पहली बार अपनी दीदी की चुदाई की.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.