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Incest बहन के जिस्म का पहला स्पर्श
#42
अचानक ही दीदी ने जोर से उम्म्म आह करना शुरू कर दिया और मेरा चेहरा उसके चूत के रस से भर गया। यह मेरे लिए पहली बार था जब किसी लड़की की चूत का रस का स्वाद मुझे मिला था। मैंने पूरी चूत को चाट कर दीदी का रस अपने मुंह में ले लिया।

दीदी की सांसें तेज़ चल रही थी। वो पूछने लगी- कैसा लगा मनीष मेरा पानी?
“दीदी, पहली बार टेस्ट किया है, कुछ अजीब सा स्वाद है!” मैंने जवाब दिया।

दीदी मुझे अपने ऊपर खींचते हुए बोली- तूने तो मुझे अपना पानी टेस्ट करवाया ही नहीं? अब मेरी चूत को करवा दे। चोदेगा मेरी चूत? डाल अपना लंड मेरी चूत में।
मैंने दीदी की चूत पर लंड का सुपारा रखा और धक्का दिया लेकिन वो फिसल गया।

फिर दीदी ने अपनी गांड के नीचे तकिया लगा कर कहा- अब डाल।
इस बार मैंने चूत की छेद पर सुपारा रख कर जोर से धक्का मारा और मेरा लंड आधा घुस गया।

“ओह्ह इतनी जोर से नहीं … आराम से कर ना … चुदाई करनी है, जान नहीं लेनी है मेरी!”
“ओह्ह सॉरी दीदी!” बोलकर मैंने अपने लंड को दुबारा धक्का दिया और इस पर मेरा सात इंच का लंड पूरी चूत में समा गया।

दीदी की मानो आँखें बाहर आ गयी। मैं कुछ देर के लिए रुका और फिर अपनी कमर को आगे पीछे करने लगा।
“उम्म मनीष … उम्म्म हाँ ऐसे ही … करते रहो … ओह्ह उम् उम्!” करती हुयी दीदी मुझसे चुदवाने लगी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बहन के जिस्म का पहला स्पर्श - by neerathemall - 14-09-2021, 03:09 PM



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