14-09-2021, 03:08 PM
फिर मैंने दीदी को अपनी बेड पर लिटाया और उसके बगल में लेटकर उसकी चूचियों को दबाते हुए उसके होंठों पर अपने होंठ रख दिए।
दीदी मेरे लंड को मसलते हुए मुझे चूमने लगी और मैं भी उसके होंठ चूमते हुए उसकी नाईटी का अंदर हाथ डालकर उनकी नर्म और मुलायम चूचियां दबाने लगा। दीदी और मैं एक दूसरे के होंठ चूसते हुए जीभ से चाटने भी लगे। मैं दीदी की जीभ चूसने लगा और दीदी मेरी।
करीब 5 मिनट तक एक दूसरे को चूसने के बाद हम दोनों अलग होकर एक दूसरे को देखने लगे। अब हमारी आँखों में एक दूसरे के लिए वासना साफ़ दिख रही थी और बिना कुछ बोले हम फिर एक दूसरे से लिपट कर चूमने लगे।
मेरा हाथ दीदी की नाईटी के अंदर उनकी चूचियों को मसल रहा था और दीदी मेरे पूरे चेहरे को चूमती जा रही थी बिना कुछ बोले।
मैंने दीदी से फुसफुसा कर कहा- दीदी, अपनी नाईटी उतारो ना।
“कभी पहले देखा है किसी नंगी लड़की को बिना कपड़ों के?” दीदी ने मुझसे पूछा और अपनी नाईटी खुद ही उतारने लगी।
मैंने कहा- नहीं!
तो दीदी ने नाईटी उतार कर मेरे चेहरे को पकड़ कर अपनी चूचियों में दबा दिया और बोली- देख अच्छे से अपनी दीदी को ही नंगी पहली बार।
दीदी मेरे लंड को मसलते हुए मुझे चूमने लगी और मैं भी उसके होंठ चूमते हुए उसकी नाईटी का अंदर हाथ डालकर उनकी नर्म और मुलायम चूचियां दबाने लगा। दीदी और मैं एक दूसरे के होंठ चूसते हुए जीभ से चाटने भी लगे। मैं दीदी की जीभ चूसने लगा और दीदी मेरी।
करीब 5 मिनट तक एक दूसरे को चूसने के बाद हम दोनों अलग होकर एक दूसरे को देखने लगे। अब हमारी आँखों में एक दूसरे के लिए वासना साफ़ दिख रही थी और बिना कुछ बोले हम फिर एक दूसरे से लिपट कर चूमने लगे।
मेरा हाथ दीदी की नाईटी के अंदर उनकी चूचियों को मसल रहा था और दीदी मेरे पूरे चेहरे को चूमती जा रही थी बिना कुछ बोले।
मैंने दीदी से फुसफुसा कर कहा- दीदी, अपनी नाईटी उतारो ना।
“कभी पहले देखा है किसी नंगी लड़की को बिना कपड़ों के?” दीदी ने मुझसे पूछा और अपनी नाईटी खुद ही उतारने लगी।
मैंने कहा- नहीं!
तो दीदी ने नाईटी उतार कर मेरे चेहरे को पकड़ कर अपनी चूचियों में दबा दिया और बोली- देख अच्छे से अपनी दीदी को ही नंगी पहली बार।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.