14-09-2021, 03:08 PM
तभी दरवाजे पर आ कर दीदी बोली- मनीष भाई, सो गए क्या?
मैंने कोई जवाब नहीं दिया तो दीदी अंदर आ गयी और मुझे सोये हुए देखने लगी।
मेरा लंड लोअर में तना हुआ था और मैं सोने का नाटक करते हुए मजे लेने लगा।
दीदी मेरे बिल्कुल पास आ गयी और मेरे लंड को देख रही थी और फिर वीडियो बनाने लगी मेरा।
वो मेरी तरफ देख भी रही थी कि कहीं मैं जगा हुआ तो नहीं हूँ।
फिर धीरे से दीदी ने मेरे लंड को लोअर के ऊपर से ही छू कर देखा और तुरंत हाथ हटा किया और मेरी तरफ देखने लगी।
मैं सोने का नाटक कर रहा था और दीदी ने दुबारा मेरा लंड धीरे से हाथ में ले लिया। मैं दीदी के हाथ अपने लंड पर महसूस कर रहा था और मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया।
तब दीदी ने हाथ हटा लिया और मुझे दुबारा देखने लगी कि कहीं मैं जग तो नहीं गया।
जब मैंने देखा कि दीदी मुझे सिर्फ देख रही है और कुछ कर नहीं रही तो मैंने जागने का नाटक करते हुए कहा- अरे दीदी … क्या हुआ? तुम यहाँ? सोई नहीं अभी तक?
दीदी ने तुरंत जवाब दिया- कब से उठा रही हूँ, उठ ही नहीं रहे हो।
मैंने कहा- उठा तो दिया अब और कितना उठाओगी?
यह कहकर मैंने दीदी के सामने ही अपने खड़े लंड को दबा दिया।
दीदी शायद वीडियो कॉल में अपनी नाईटी के सारे बटन खोल कर बात कर रही थी क्योंकि जब मेरी नजर उधर पड़ी तो ऊपर के 4 बटन खुले थे और चूचियों के बीच की गहराई साफ दिख रही थी। दीदी ने ब्रा नहीं पहन रखी थी।
मैंने कोई जवाब नहीं दिया तो दीदी अंदर आ गयी और मुझे सोये हुए देखने लगी।
मेरा लंड लोअर में तना हुआ था और मैं सोने का नाटक करते हुए मजे लेने लगा।
दीदी मेरे बिल्कुल पास आ गयी और मेरे लंड को देख रही थी और फिर वीडियो बनाने लगी मेरा।
वो मेरी तरफ देख भी रही थी कि कहीं मैं जगा हुआ तो नहीं हूँ।
फिर धीरे से दीदी ने मेरे लंड को लोअर के ऊपर से ही छू कर देखा और तुरंत हाथ हटा किया और मेरी तरफ देखने लगी।
मैं सोने का नाटक कर रहा था और दीदी ने दुबारा मेरा लंड धीरे से हाथ में ले लिया। मैं दीदी के हाथ अपने लंड पर महसूस कर रहा था और मेरा लंड पूरा खड़ा हो गया।
तब दीदी ने हाथ हटा लिया और मुझे दुबारा देखने लगी कि कहीं मैं जग तो नहीं गया।
जब मैंने देखा कि दीदी मुझे सिर्फ देख रही है और कुछ कर नहीं रही तो मैंने जागने का नाटक करते हुए कहा- अरे दीदी … क्या हुआ? तुम यहाँ? सोई नहीं अभी तक?
दीदी ने तुरंत जवाब दिया- कब से उठा रही हूँ, उठ ही नहीं रहे हो।
मैंने कहा- उठा तो दिया अब और कितना उठाओगी?
यह कहकर मैंने दीदी के सामने ही अपने खड़े लंड को दबा दिया।
दीदी शायद वीडियो कॉल में अपनी नाईटी के सारे बटन खोल कर बात कर रही थी क्योंकि जब मेरी नजर उधर पड़ी तो ऊपर के 4 बटन खुले थे और चूचियों के बीच की गहराई साफ दिख रही थी। दीदी ने ब्रा नहीं पहन रखी थी।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.